NK Singh: इंदिरा गांधी को गिरफ्तार करने वाले अफसर का निधन, दिल्ली के अस्पताल में ली अंतिम सांस
देश की पहली महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को गिरफ्तार करने वाले सीबीआई के पूर्व संयुक्त निदेशक एनके सिंह का 81 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। ब्रेन हैमरेज के कारण दिल्ली के एक अस्पताल में उन्होंने अंतिम सांस ली। वे अपनी ईमानदारी और बेबाकी के लिए जाने जाते थे। उनका जमशेदपुर से गहरा नाता था।

जागरण संवाददाता, जमशेदपुर। देश की पहली महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को गिरफ्तार कर सियासत में भूचाल लाने वाले सीबीआइ के पूर्व संयुक्त निदेशक निर्मल कुमार सिंह (एनके सिंह) का निधन हो गया है।
81 वर्ष की उम्र में उन्होंने दिल्ली के एक अस्पताल में अंतिम सांस ली। कुछ दिन पहले गिरने से उन्हें ब्रेन हैमरेज हो गया था। अपनी बेबाकी, ईमानदारी और कर्तव्यनिष्ठा के लिए चर्चित रहे एनके सिंह झारखंड के पूर्व मंत्री स्वर्गीय मृगेंद्र प्रताप सिंह के बहनोई थे और उनका जमशेदपुर से गहरा व आत्मीय नाता था।
जब गिरफ्तार हुईं थीं इंदिरा गांधी
एनके सिंह उस वक्त पूरे देश में चर्चा का केंद्र बन गए, जब 3 अक्टूबर, 1977 को उन्होंने जीप घोटाले के एक मामले में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को गिरफ्तार कर लिया था।
यह भारतीय इतिहास में पहली बार था जब किसी पूर्व प्रधानमंत्री की गिरफ्तारी हुई थी। उस समय केंद्र में मोरारजी देसाई की सरकार थी और चौधरी चरण सिंह गृह मंत्री थे।
एनके सिंह तब सीबीआइ में एसपी के पद पर थे। इसके अलावा उन्होंने चर्चित 'किस्सा कुर्सी का' मामले में संजय गांधी और वीसी शुक्ला पर भी मुकदमा चलाया था। हालांकि, इंदिरा गांधी की गिरफ्तारी का उन्हें भारी व्यक्तिगत खामियाजा भुगतना पड़ा।
जमशेदपुर से था लिखने-पढ़ने का नाता
एनके सिंह का लौहनगरी से गहरा जुड़ाव था। वे झारखंड के पूर्व वित्त मंत्री व विधानसभा अध्यक्ष रहे स्वर्गीय मृगेंद्र प्रताप सिंह और बिहार विधानसभा के अध्यक्ष रहे अमरेंद्र प्रताप सिंह के बड़े बहनोई थे।
जब भी वे शहर आते थे, तो अक्सर साकची जेल के पास मृगेंद्र प्रताप सिंह के आवास पर ठहरते थे। इसके अलावा वे गोविंदपुर स्थित मृगेंद्र प्रताप के छोटे भाई अमरेंद्र प्रताप सिंह के डबल स्टोरी आवास पर भी रुका करते थे।
जमशेदपुर प्रवास के दौरान ही उन्होंने अपनी चर्चित पुस्तक ''द प्लेन ट्रूथ'' (खरा सत्य) के कई अंश लिखे। बाद में, जुलाई 1996 में इस प्रसिद्ध पुस्तक का लोकार्पण बिष्टुपुर स्थित माइकल जान सभागार में हुआ।
यह कार्यक्रम शहर के लिए यादगार बन गया था, जिसमें जार्ज फर्नांडिस, अरुण शौरी, मृगेंद्र प्रताप सिंह जैसी राष्ट्रीय हस्तियां शामिल हुई थीं।
राजनीति से लेखन तक छोड़ी अमिट छाप
1961 बैच के आइपीएस अधिकारी एनके सिंह सीबीआइ के संयुक्त निदेशक पद से सेवानिवृत्त हुए। वे बीएसएफ के महानिदेशक भी रहे। उनकी उत्कृष्ट सेवा के लिए उन्हें पुलिस पदक और राष्ट्रपति पुलिस पदक से भी सम्मानित किया गया।
सेवानिवृत्ति के बाद वे राजनीति में भी सक्रिय रहे। वे जॉर्ज फर्नांडिस द्वारा बनाई गई समता पार्टी के संस्थापक सदस्यों में से एक थे और इसके राष्ट्रीय अध्यक्ष भी बने। बाद में वे जनता दल यूनाइटेड (जदयू) की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य भी रहे।
उन्होंने ''द प्लेन ट्रूथ'' और ''द होल ट्रूथ'' नाम से दो किताबें भी लिखीं, जिनमें उन्होंने अपने जीवन के अनुभवों को बेबाकी से दर्ज किया।
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