बहुचर्चित नागाडीह हत्याकांड में पांच दोषी करार, बच्चा चोर की अफवाह फैलाकर पुलिस के सामने कर दी गई थी तीन युवक और वृद्धा की हत्या
बहुचर्चित बागबेड़ा के नागाडीह हत्याकांड में अदालत ने पांच अभियुक्तों को दोषी करार दिया है। हत्याकांड के आठ साल बीत चुके हैं। बागबेड़ा थाना क्षेत्र नागाडीह जहां 18 मई 2017 की शाम हरवे-हथियार से लैस ग्रामीणों की भीड़ ने बच्चा चोर बोलकर जुगसलाई नया बाजार के विकास वर्मा उसके भाई गौतम वर्मा और बागबेड़ा गाढ़ाबासा निवासी गंगेश की पुलिस की उपस्थिति में पीट-पीटकर हत्या कर दी थी।

जागरण संवाददाता, जमशेदपुर। बहुचर्चित बागबेड़ा के नागाडीह हत्याकांड में अपर जिला व सत्र न्यायाधीश विमलेश कुमार सहाय की अदालत में गुरुवार को सुनवाई हुई।
अदालत ने मामले में पांच अभियुक्तों को दोषी करार दिया है। अन्य को बरी कर दिया गया है। इस मामले में 28 आरोपित हैं। दोषी करार आरोपितों में राजाराम हांसदा, रेंगो पूर्ति, गोपाल हांसदा, सुनील सरदार और तारा मंडल हैं। हत्याकांड के आठ साल बीत चुके हैं।
उग्र भीड़ ने पीट-पीटकर मार डाला
बागबेड़ा थाना क्षेत्र नागाडीह जहां 18 मई 2017 की शाम हरवे-हथियार से लैस ग्रामीणों की भीड़ ने बच्चा चोर बोलकर जुगसलाई नया बाजार के विकास वर्मा, उसके भाई गौतम वर्मा और बागबेड़ा गाढ़ाबासा निवासी गंगेश की पुलिस की उपस्थिति में पीट-पीटकर हत्या कर दी थी।
वहीं भीड़ से बच्चों को छोड़ देने की गुहार 76 वर्षीय रामसखी देवी लगाती रही। किसी ने उनकी एक न सुनी। उस पर भी जानलेवा हमला कर जख्मी कर दिया था।
मारे गए बच्चों की दादी को भी बेरहमी से पीटा, मौत
उसकी 20 जून 2017 को टीएमएच में मौत हो गई थी। रामसखी देवी 18 मई को भीड़ द्वारा मारे गए तीन बच्चों की दादी थी। घटना के आठ साल 18 मई 2025 को पूरे हो गए।
देश भर में चर्चित इस मामले की सुनवाई जमशेदपुर व्यवहार न्यायालय में चल रही है। हत्या के छह साल बाद एफएसएल रिपोर्ट न्यायालय में पुलिस की ओर 2023 में प्रस्तुत की गई।
रिपोर्ट चंडीगढ़ से आई है। मामले में एक आरोपित राजाराम हांसदा को छोड़कर बाकी सभी आरोपित जमानत पर रिहा हो चुके हैं। वहीं दो पोतों और पत्नी रामसखी देवी को न्याय दिलाने की आस लिए गुरु प्रसाद दुनिया से विदा हो गए। मामले में बंधु मार्डी, सुभाष हांसदा समेत छह आरोपित फरार है।
घटना की याद करते ही सिहर उठते हैं स्वजन
मृतकों के स्वजन घटना की चर्चा भर करने से सिहर उठते हैं। विशेष कर घटना के प्रत्यक्षदर्शी उत्तम वर्मा की जान ईश्वर की कृपा से बच गई थी। अंदाजा लगाया जा सकता है कि वर्मा परिवार पर क्या गुजर रही है।
मणिचंद्र वर्मा जिनके दो जवान बेटे, बेटे के दोस्त गंगेश और मां को महज अफवाह फैलाकर मार दिया गया था। स्वजन सदमे से उभर नही पाए हैं। उत्तम वर्मा कहते हैं कि साजिश के तहत घटना को अंजाम दिया गया था ।
वह भी पुलिस के सामने। पुलिस पर भी हमला किया गया। कभी सपने में भी सोचा नहीं था कि ऐसा भी होगा। भगवान किसी को भी ऐसी पीड़ा नहीं दे।
15 नामजद समेत 300 अज्ञात पर दर्ज की गई थी प्राथमिकी
युवकों की हत्या मामले में जुगसलाई निवासी उत्तम वर्मा की शिकायत पर बागबेड़ा थाने में नागाडीह निवासी जगत मार्डी, मुखिया राजाराम हांसदा, विभीषण सरदार, बाबू सरदार, गणेश मंडल, सुनिल सरदार, सुभाष हांसदा, डॉक्टर मार्डी, गोपाल हांसदा, गुलाम सरदार, लेदरा मुर्मू, राजेश टुडू, शिबू, राहुल समेत 300 ग्रामीणों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज की गई थी।
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