Jharkhand News: हेलीकॉप्टर और ड्रोन की मदद से हरी-भरी होंगी पहाड़ियां, लगाए जाएंगे 5 लाख से अधिक पौधे
जमशेदपुर वन प्रमंडल ने पर्यावरण संरक्षण के लिए अनूठी पहल की है। पहली बार हेलीकॉप्टर और ड्रोन से पौधरोपण किया जाएगा जिससे पांच लाख से अधिक फलदार पौधे लगाने का लक्ष्य है। दुर्गम स्थानों पर सीड बॉल गिराए जाएंगे। डीएफओ सबा आलम अंसारी ने बताया कि सरकार को प्रस्ताव भेजा गया है जिससे वन्य जीवों को लाभ होगा।

मनोज सिंह, जमशेदपुर। बढ़ते पर्यावरण प्रदूषण व घटते जंगल को देखते हुए जमशेदपुर वन प्रमंडल ने जंगलों में हरियाली लाने के लिए झारखंड में पहली बार हेलीकॉप्टर और ड्रोन के माध्यम से पौधरोपण करने का अनोखा प्लान तैयार किया है। इसी मानसून के दौरान जमशेदपुर वन प्रमंडल अपने क्षेत्र में हेलीकॉप्टर और ड्रोन की मदद से पांच लाख से अधिक फलदार पौधे लगाने का लक्ष्य रखा है।
हेलीकॉप्टर और ड्रोन से गिराए जाएंगे सीड बॉल
पहाड़ों के समतल स्थलों जहां पौधा पेड़ का रूप धारण कर सकें वैसे स्थानों पर ही हेलीकॉप्टर और ड्रोन से सीड बॉल उपर से गिराए जाएंगे।
सीड बॉल मिट्टी से बने गेंद होते हैं, जिनमें पौधों के बीज होते हैं। हेलीकॉप्टर और ड्रोन का इस्तेमाल पौधों को लगाने के लिए एक नया तरीका है, जो खासकर उन जगहों पर उपयोगी है जहां जमीन तक पहुंचना मुश्किल है या पारंपरिक तरीकों से पौधरोपण करना संभव नहीं है।
यह तकनीक पौधों की संख्या बढ़ाने, जंगल में घनत्व को बढ़ाने में मदद मिल सकेगी। खासकर ऐसे इलाकों में जहां हरियाली कम हो गई है। इस तरीके की मदद से 5 लाख से अधिक फलदार पौधे लगाए जाएंगे।
हेलीकॉप्टर व ड्रोन से पौधरोपण के फायदे
दुर्गम इलाकों में हरियाली लाने में हेलीकॉप्टर व ड्रोन से पौधरोपण करने के कई फायदे हैं। जैसे हेलीकाप्टर और ड्रोन उन जगहों तक पहुंच सकते हैं जहां पैदल जाना या अन्य तरीकों से पौधरोपण करना मुश्किल है, जैसे कि पहाड़ या ढलान। वहां इस तरीके से पौधरोपण जल्दी होता है और प्रभावी ढंग से होता है।
पौधे लगाने में ड्रोन का इस्तेमाल पारंपरिक तरीकों की तुलना में कम लागत वाला हो सकता है। जहां कम पौधे हैं या जंगल कम हो गए हैं, वैसे स्थानों को ग्रीन बेल्ट के रूप में विकसित किया जा सकता है।
जमशेदपुर के डीएफओ सबा आलम अंसारी कहते हैं कि कई कंपनियां जो कि ड्रोन का उपयोग करके बड़े क्षेत्रों में वनीकरण के लिए पौधे लगा रही है। इस संबंध में उन्होंने क्षेत्रीय मुख्य वन संरक्षक स्मिता पंकज से विचार विमर्श किया।
सहमति मिलते ही उन्होंने प्रस्ताव बनाकर सरकार को भेज दिया है। स्वीकृति मिलते ही सबसे पहले अपना ड्रोन खरीदा जाएगा। इसके बाद हेलीकाप्टर का उपयोग किया जाएगा।
फलदार पौधे लगाने से वन्य जीवों को मिलेगा लाभ
डीएफओजमशेदपुर के डीएफओ सबा आलम अंसारी ने बताया कि उन्होंने निश्चय किया है कि जमशेदपुर के जंगलों में फलदार पौधे लगाया जाएं। क्योंकि, फलदार पौधे से जंगली जीव जंतुओं से लेकर पक्षियों के साथ-साथ जंगल में रहने वाले लोगों को भी फायदा होगा।
इन फलदार पौधों को लगाया जाएगा
उन्होंने बताया कि हरियाली लाने के लिए जंगलों में आम, अमरूद, बेल, कटहल, सीताफल, बड़, पीपल, आंवला, बेर, चिरौंजी, करोंदा, जामुन, इमली, जंगल जलेबी, बहेड़ा, महुआ जैसे पौधों को शामिल किया गया है।
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