सेवानिवृत्त होने की उम्र के अंतिम पड़ाव पर भी बुलंद हौसले के साथ कोरोना से लड़ी लड़ाई
उम्र के अंतिम पड़ाव पर भी ये योद्धा बुलंद हौसलों के साथ कोरोना से लड़ते-लड़ते सेवानिवृत्त हो गए लेकिन पीछे नहीं हटे। कोरोना की पहली लहर आई तो कई लोग मरीजों के बीच में जाने से डरते थे लेकिन इन्होंने पूरी मजबूती के साथ लड़ाई लड़ी जिसका परिणाम सामने है।
जमशेदपुर , जागरण संवाददाता। उम्र के अंतिम पड़ाव पर भी ये योद्धा बुलंद हौसलों के साथ कोरोना से लड़ते-लड़ते सेवानिवृत्त हो गए लेकिन पीछे नहीं हटे। कोरोना की पहली लहर आई तो कई लोग मरीजों के बीच में जाने से डरते थे, लेकिन इन्होंने पूरी मजबूती के साथ लड़ाई लड़ी, जिसका परिणाम सामने है।
बीते डेढ़ साल में महात्मा गांधी मेमोरियल (एमजीएम) मेडिकल कॉलेज अस्पताल के कुल 17 कर्मचारी सेवानिवृत्त हो गए। इसमें नर्स से लेकर किरानी व वार्ड अटेंडर तक शामिल हैं। इन कर्मचारियों को झारखंड राज्य चिकित्सा एवं जन स्वास्थ्य कर्मचारी संघ की ओर से विदाई दी गई। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में एमजीएम के अधीक्षक डॉ. संजय कुमार व विशिष्ट अतिथि के रूप में डॉ. नकुल प्रसाद चौधरी उपस्थित थे। मुख्य अतिथि ने कहा कि इन कर्मचारियों की कमी अस्पताल को हमेशा खलेगी। कार्यक्रम की अध्यक्षता जॉनी मुखी ने की। कार्यक्रम को सफल बनाने में विजय आनंद सुंडी, दिलीप दास, एलिस कंडुलना, पापिया मुखर्जी, भोलानाथ कर्जी, शंकर मुखी, जुझार टुडू, भागीरथ सोरेन, मेचो बानरा, मरियम मिंज, मंगल हेम्ब्रम सहित अन्य का योगदान रहा।
इन कर्मचारियों को दी गई विदाई
जर्मिना कुजुर- सावित्री महतो- अन्ना मरियम एक्का- सरोज हरियाली तिग्गा- मीना कुमारी सोक- अनिमा सरकार- सरोज कुमारी- सुषमा केसी- तृप्ति चटर्जी- सुचित्रा सरकार- दीपक कुमार नंदी- श्याम कुमार सरदार- भूतनाथ महतो- संतोष राम- धनुर सिंह हेम्ब्रम- सिंगोबाला मार्डी- जगदीश प्रसाद सिंह।