खुशखबरी! जमशेदपुर में एलिवेटेड रिंग रोड और इंडस्ट्रियल कॉरिडोर को मिली मंजूरी, आ गया रूट चार्ट
सरायकेला-खरसावां जिले में औद्योगिक विकास के लिए एलिवेटेड रिंग रोड और इंडस्ट्रियल कॉरिडोर को मंजूरी मिली है। एसिया के अध्यक्ष ने भूमि की कमी और ट्रैफिक की समस्या बताई। रिंग रोड बनने से नए औद्योगिक क्षेत्र विकसित होंगे और यातायात सुगम होगा। जमशेदपुर के सांसद के माध्यम से केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजा जाएगा। इससे जिले में उद्योगों का विकास होगा।

संवाद सूत्र, आदित्यपुर। सरायकेला-खरसावां जिले में औद्योगिक विकास को गति देने के लिए प्रशासन ने एलिवेटेड रिंग रोड और इंडस्ट्रियल कॉरिडोर के निर्माण की मंजूरी दे दी है।
यह कॉरिडोर टिकर, तिरामडीह, नीमडीह, गम्हरिया, सरायकेला, खरसावां, रंगामटिया और रड़गांव होते हुए निकलेगा, जबकि रिंग रोड का विस्तृत मार्ग आयडा, चांडिल, ईचागढ़, नीमडीह, खरसावां, सरायकेला और सीतारामपुर से होकर गुजरेगा।
इस प्रस्ताव को हाल ही में उपायुक्त नीतिश कुमार सिंह की अध्यक्षता में आयोजित पीएम गति शक्ति योजना की बैठक में स्वीकृति मिली थी। प्रशासन का मानना है कि इससे न केवल संपर्क सुगम होगा, बल्कि नये औद्योगिक क्षेत्र विकसित करने में भी मदद मिलेगी।
जमीन का संकट और उद्योगों की मुश्किल
आदित्यपुर स्माल इंडस्ट्रीज एसोसिएशन (एसिया) के अध्यक्ष इन्दर कुमार अग्रवाल ने उपायुक्त से मुलाकात में बताया कि औद्योगिक क्षेत्र में लगभग सभी भूमि भर चुकी है।
नए निवेशकों के लिए प्लाट नहीं हैं और जिन जमीनों की पहचान सरकार करती है, वहां तक जाने के लिए कोई सीधा संपर्क मार्ग नहीं है। ऐसे में रिंग रोड निर्माण से यह समस्या हल हो सकेगी।
भारी ट्रैफिक, बढ़ती दुर्घटनाएं
आदित्यपुर औद्योगिक क्षेत्र में प्रतिदिन लगभग तीन हजार ट्रकों का आवागमन होता है। चूंकि उद्योगों के लिए अलग रास्ता नहीं है, इसलिए भारी वाहन रिहायशी क्षेत्रों से होकर गुजरते हैं, जिससे दुर्घटनाओं की आशंका बनी रहती है। रिंग रोड बनने पर ट्रकों को वैकल्पिक मार्ग मिलेगा और शहर का यातायात भी सुचारु होगा।
केंद्र सरकार से जल्द होगी पहल
एसिया की ओर से इस प्रस्ताव को लेकर जमशेदपुर के सांसद बिद्युत बरण महतो के माध्यम से केंद्रीय भूतल परिवहन मंत्री नितिन गडकरी को पत्र भेजा जाएगा।
उम्मीद जताई जा रही है कि केंद्र की स्वीकृति मिलने के बाद एलिवेटेड रिंग रोड एवं कॉरिडोर निर्माण की दिशा में कार्य तेज होगा।
एसिया अध्यक्ष के अनुसार, कभी आदित्यपुर क्षेत्र एशिया के प्रमुख औद्योगिक क्लस्टरों में गिना जाता था। आज एमएसएमई क्षेत्र जीडीपी और रोजगार का बड़ा स्रोत है, लेकिन भूमि की कमी ने विकास की रफ्तार धीमी कर दी है।
रिंग रोड और इंडस्ट्रियल कॉरिडोर बनते ही नए क्लस्टर बनाना आसान होगा और जिले में उद्योगों का एक नया युग शुरू हो सकता है।
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