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    Eid 2021 Date: सऊदी अरब में नहीं दिखा चांद, शावाल की पहली तिथि को होगी ईद

    By Jitendra SinghEdited By:
    Updated: Wed, 12 May 2021 07:37 AM (IST)

    सऊदी अरब में रमजान की 29 तारीख मंगलवार को ईद का चांद नजर नहीं आया। लिहाजा 30 रमजान का चांद मानते हुए गुरुवार को शावाल की पहली तिथि को ईद होगी। सामान्य तौर पर सऊदी में चांद नजर आने के दूसरे दिन भारत में चांद रात की परंपरा रही है।

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    सऊदी अरब में नहीं दिखा चांद, शावाल की पहली तिथि को होगी ईद

    जमशेदपुर : सऊदी अरब में रमजान की 29 तारीख मंगलवार को ईद का चांद नजर नहीं आया। लिहाजा 30 रमजान का चांद मानते हुए गुरुवार को शावाल की पहली तिथि को ईद होगी। सामान्य तौर पर सऊदी में चांद नजर आने के दूसरे दिन भारत में चांद रात की परंपरा रही है। उस लिहाज से भारत में शुक्रवार को ईद होगा। उलेमाओं ने मुसलमानों से बुधवार को ईद का चांद देखने की अपील की है।

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    रोजेदारों से ईद का चांद देखने की अपील

    जमशेदपुर के फैजुल उलूम दारुल इफ्ता के मुफ्ती आबिद हुसैन मिस्बाही एवं इमारत-ए-शरिया के काजी मौलाना सऊद आलम कासमी ने रोजेदारों से बुधवार को ईद का चांद देखने का आग्रह किया है। सऊद आलम कासमी ने कहा कि रमजान की 29वीं तिथि को चांद देखने की कोशिश करें। चांद नजर आने की तसदीक इमारत-ए-शरिया कार्यालय में करें। चांद नजर आया तो गुरुवार को ईद की नमाज होगी। वरना 30 रमजान को मानकर शुक्रवार को ईद मनेगी।

    रूहानी मर्कज ने घरों में ईद मनाने की अपील की

    उधर रूहानी मर्कज के अध्यक्ष पूर्व विधायक हसन रिजवी ने उलेमाओं से घरों में ईद की नमाज अदा करने का शरई हुक्म जारी करने का आग्रह किया है। हसन रिजवी ने अफसोस जाहिर करते हुए कहा कि एक साल गुजर जाने के बाद अभी तक उलेमा इस मसले पर एकमत नहीं हो सके हैं कि घरों में ईद की नमाज जायज है कि नहीं। एक मसलक के मुताबिक घरों में ईद की नमाज अदा नहीं हो सकती है। दूसरा मसलक घरों में ईद की नमाज के पक्ष में है। कुछ उलेमा का सुझाव है कि ईद की नमाज की जगह दो रिकत नफिल पढ़ें तो कुछ उलेमा शुक्राने की नमाज अदा करने कह रहे हैं।

    ईद-उल-फितर 2021

    ईद-उल-फितर का त्योहार चांद के निकलने पर निर्भर करता है। इस वर्ष यदि चांद 12 मई दिन बुधवार को निकलता है तो उसके अगले दिन 13 मई दिन गुरुवार को ईद-उल-फितर का त्योहार मनाया जाएगा। यदि चांद 13 मई को निकलता है तो पूरे देश में ईद-उल-फितर का त्योहार 14 मई दिन शुक्रवार को मनाया जाएगा। सही तारीख का निर्धारण चांद के निकलने पर ही निर्भर है।

    चांद के निकलने का महत्व

    दरअसल इस्लामिक कैलेंडर चांद पर आधारित है। चांद के दिखाई देने पर ही ईद या प्रमुख त्योहार मनाए जाते हैं। रमजान के पवित्र माह का प्रारंभ चांद के देखने से होता है और इसका समापन भी चांद के ​निकलने से होता है। रमजान के 29 या 30 दिनों के बाद ईद का चांद दिखता है।

    ईद का महत्व

    मान्यताओं के अनुसार, पैग़ंबर मुहम्मद साहब के नेतृत्व में जंग-ए-बद्र में मुसलमानों की जीत हुई थी। जीत की खुशी में लोगों ने ईद मनाई थी और घरों में मीठे पकवान बनाए गए थे। इस प्रकार से ईद-उल-फितर का प्रारंभ जंग-ए-बद्र के बाद से ही हुई थी। ईद-उल-फितर के दिन लोग अल्लाह का शुक्रिया करते हैं। उनका मानना है कि उनकी ही रहमत से वे पूरे एक माह तक रमजान का उपवास रख पाते हैं। आज के दिन लोग अपनी कमाई का कुछ हिस्सा गरीब लोगों में बांट देते हैं। उनको उपहार में कपड़े, मिठाई, भोजन आदि देते हैं।