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    'गरीबों के डॉक्टर' नागेंद्र सिंह नहीं रहे: 15000 मरीजों का फ्री इलाज कर हुए फेमस, पद्मश्री के लिए हो चुके हैं नामित

    By Amit TiwaryEdited By: Krishna Bahadur Singh Parihar
    Updated: Tue, 25 Nov 2025 02:05 PM (IST)

    गरीबों के डॉक्टर के नाम से मशहूर डॉ. नागेंद्र सिंह का निधन हो गया। उन्होंने अपने जीवन में 15000 से अधिक मरीजों का मुफ्त इलाज किया। निस्वार्थ सेवा के लिए उन्हें पद्मश्री से भी नवाजा गया था। उनके निधन से समाज में शोक की लहर है और उन्हें हमेशा उनके मानवीय कार्यों के लिए याद किया जाएगा।

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    जमशेदपुर की शान थे डॉक्टर नागेंद्र। फाइल फोटो

    जागरण संवाददाता, जमशेदपुर। जमशेदपुर की चिकित्सा बिरादरी के लिए सोमवार की रात बेहद दुखद साबित हुई। शहर के वरिष्ठ चिकित्सक और मरीजों के बीच जनता के डॉक्टर के नाम से विख्यात डॉ. नागेंद्र सिंह का निधन हो गया।

    Dr Nagendra Singh को सांस लेने में परेशानी हो रही थी, जिसके बाद उन्हें दिल्ली के अपोलो अस्पताल में भर्ती कराया गया। वहीं इलाज के दौरान उनकी मृत्यु हो गई। उनके निधन की खबर से पूरा शहर, खासकर स्वास्थ्य जगत शोक में डूब गया है।

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    15 हजार से अधिक मरीजों को दिया नया जीवन

    डॉ. नागेंद्र सिंह अपने अद्भुत सेवा-भाव, समर्पण और मानवीय चिकित्सकीय मिशन के लिए जाने जाते थे। उन्होंने अपने जीवन में 15 हजार से अधिक मरीजों का नि:शुल्क इलाज कर उनकी जान बचाई।

    वे झारखंड के आदिम जाति सबर समुदाय के पांच गांवों को गोद लेकर वहां के सभी मरीजों का मुफ्त इलाज, दवा उपलब्ध कराना और जरूरत पड़ने पर वाहन से घर तक पहुंचाने की जिम्मेदारी निभाते थे।

    समाज के लिए उनके इस अतुलनीय योगदान को देखते हुए झारखंड सरकार ने दो बार केंद्र सरकार से पद्मश्री सम्मान के लिए अनुशंसा भी की थी।

    गंगा देवी स्मृति शिविर से हजारों को मिला सहारा

    मानवीय कार्यों से भरा उनका जीवन केवल इलाज तक सीमित नहीं था। वे अपनी मां गंगा देवी की स्मृति में हर वर्ष बड़े पैमाने पर शिविर आयोजित कर गरीब और जरूरतमंद मरीजों का मुफ्त में सर्जिकल उपचार कराते थे। उनकी इस सामाजिक सेवा ने हजारों परिवारों को नया जीवन दिया। उनकी सेवा-परंपरा आज भी लोगों के लिए मिसाल है।

    परिवार में बेटी डॉक्टर, बेटा पढ़ाई कर रहा

    डॉ. नागेंद्र सिंह के परिवार में उनकी पत्नी, एक पुत्री-जो स्वयं भी डाक्टर हैं और एक पुत्र हैं, जो एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहे हैं। उनकी बेटी का हाल ही में महात्मा गांधी मेमोरियल (एमजीएम) मेडिकल कालेज के पूर्व प्रिंसिपल डा. एसी अखौरी के पुत्र के साथ विवाह हुआ था।

    चिकित्सकों ने जताया शोक, कहा-अपूर्णनीय क्षति

    डॉ. नागेंद्र सिंह के निधन पर इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आइएमए), जमशेदपुर ने गहरा शोक व्यक्त किया है। आइएमए के अध्यक्ष डा. जीसी माझी, सचिव डा. सौरभ चौधरी, उपाध्यक्ष डा. मृत्युंजय सिंह, डा. संतोष गुप्ता सहित कई वरिष्ठ चिकित्सकों ने कहा कि यह चिकित्सा जगत के लिए अपूर्णनीय क्षति है।

    आइएमए जमशेदपुर की ओर से जारी संदेश में कहा गया है कि हमने एक स्तंभ, एक मानवतावादी डाक्टर और समाज के सच्चे सेवक को खो दिया है। भगवान उनके परिवार को यह अपूरणीय क्षति सहने की शक्ति दें।

    डॉ. नागेंद्र सिंह का जाना केवल अस्पताल या मेडिकल बिरादरी का नुकसान नहीं, बल्कि पूरे समाज की क्षति है। उनका जीवन हमेशा सेवा, दया और मानवता के उच्चतम आदर्शों की याद दिलाता रहेगा।

    झामुमो प्रवक्ता ने किया याद

    झामुमो प्रवक्ता कुणाल सारंगी ने उनके निधन पर शोक जताया है। उन्होंने फेसबुक पर लिखा कि अभी सुबह फोन की घंटी बजी तो लगभग आधी नींद मे फोन उठाते ही भारत से एक मित्र ने यह दुखद सूचना दी। मेरे जीवन की अब तक की सबसे बड़ी दुर्घटना में जब बचपन मे मेरा दायां पांव बुरी तरह दुर्घटनाग्रस्त हुआ था और लगा शायद जीवन भर स्वावाभिक रूप से नहीं चल पाऊंगा।

    उन्होंने डॉक्टर नागेंद्र सिंह को संबोधित करते लिखा कि आपने लोकल एनेस्थीसिया लगाकर लगभग चार घंटे स्टीचिंग की थी और ऑपरेशन के पहले ही कहा था जैसा अब दौड़ते हो वैसा ही दौड़ते रहोगे- निश्चित रहो और कहा वॉकमैन पर गाने सुनते रहो जब तक मैं स्टीच करता हूं।

    सारंगी ने आगे लिखा, "जब आप कोविड काल में जीवन की जंग लड़कर व जीतकर वापस लौटे थे, तब कहा था कुणाल पॉवर, प्रसिद्धि, पैसा सब सेकेंडरी सबसे बड़ा स्वास्थ्य। मेरे आग्रह पर भी और वैसे भी अनगिनत मरीज़ों की मदद, सेवा की और ज़िंदगियों को आपने बचाया। आप जैसे लोग ईश्वर कम बनाते हैं। आप जहाँ भी गए हैं, वहां से अपना आशीर्वाद बनाए रखिएगा। डॉ नागेंद्र सिंह अमर रहें।"

    विधायक सरयू राय ने जताया शोक

    विधायक सरयू राय ने लिखा कि डॉ. नागेन्द्र सिंह का निधन सर्वसमाज के लिए एक अपूरणीय क्षति है। कमजोर वर्ग ने अपना मसीहा खो दिया। मेरे लिए तो यह व्यक्तिगत क्षति है, सदमा पहुँचाने वाली असहनीय घटना है. सस्ती चिकित्सा के लिए उनकी महत्वाकांक्षी योजना थी, जिसे पूरा करना था. पर वे सहसा चले गए. विधि का क्रूर विधान. ॐ शांतिः।