सुप्रीम कोर्ट के निर्देश की अवहेलना, आधार नहीं होने के कारण पोटका के दिव्यांग सरकारी अनाज से हो रहे हैं वंचित
पूर्वी सिंहभूम जिला के पोटका प्रखंड के कालिकापुर गांव में उमा रानी दास तथा रेबा रानी सरकार दोनों दिव्यांग हैं। दोनों के विकृत अंग के कारण उनका आधार कार्ड नहीं बन पाया है। आधार कार्ड आने के बजाय रिजेक्ट होकर आ गया।

पोटका, जासं। पूर्वी सिंहभूम जिला के पोटका प्रखंड के कालिकापुर गांव में उमा रानी दास तथा रेबा रानी सरकार दोनों दिव्यांग हैं। दोनों के विकृत अंग के कारण उनका आधार कार्ड नहीं बन पाया है। बीते दिनों प्रखंड आधार केंद्र में जाकर प्रोसेसिंग तो किया गया लेकिन कुछ दिनों के बाद आधार कार्ड आने के बजाय रिजेक्ट होकर आ गया। इधर आधार न रहने के कारण दोनों का ही नाम दोनों के पारिवारिक राशन कार्ड से काट दिया गया है। इस कारण इन्हें कोरोना काल में अनाज से वंचित होना पड़ा । सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बावजूद ऐसे मासूम दिव्यांगों से आधार के कारण उनका हक छीन लेना न सिर्फ दुखद है अपितु परोक्ष रूप में सुप्रीम कोर्ट के निर्देश की अवहेलना है। पूर्व जिलापार्षद करुणामय मंडल इसे अत्यंत दुखद तथा गम्भीर मामला बताया। साथ ही इस समस्या की निदान हेतु अविलंब डीएसओ तथा उपायुक्त. पूर्वी सिंहभूम के समक्ष बात रखने की बात कही। उन्होंने सरकार से दिव्यांगों की विभिन्न प्रकार की परेशानियों को देखते हुए इन्हें आधार के बाध्यता से मुक्त करने की मांग किया। राशन कार्ड से नाम काट देने से इन दिव्यांगों को कई सरकारी सुविधाएं नहीं मिल पारही है। दोनों दिव्यांगौ का राशन कार्ड नंबर 202006103365 एवं 202007145392 है, जिसे अब कार्ड से काट दिया गया है। उनके परिजन भी सरकारी सुविधा वंचित होने से परेशान है। बार-बार अधिकारियों को इस संबंध में सूचना दी जा रही है, इसके बावजूद उन्हें सरकारी सुविधाओं से वंचित किया जा रा है।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।