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    जब बच्चों संग डॉक्टर कमरे मेंं हो गया बंद और देने लगा आत्महत्या की धमकी, जानिए क्या हुआ

    By Rakesh RanjanEdited By:
    Updated: Thu, 19 Sep 2019 02:40 PM (IST)

    डॉक्टर दंपती के बीच विवाद में उस वक्त नया मोड़ आया जब जमानत पर जेल से बाहर निकले डॉक्टर घर पहुंचे और बच्चों के साथ खुद को फ्लैट में बंद कर लिया।

    जब बच्चों संग डॉक्टर कमरे मेंं हो गया बंद और देने लगा आत्महत्या की धमकी, जानिए क्या हुआ

    जमशेदपुर, जासं। जमशेदपुर के बिरसानगर के वास्तु विहार में डुप्लेक्स में रहनेवाले एक डॉक्टर दंपती के बीच कई महीने से चल रहा विवाद गुरुवार को उस समय गहरा गया, जब डॉक्टर विकास सिंहदेव बच्चों को लेकर घर में घुस गए और अंदर से दरवाजा बंद कर लिया। पुलिस के अनुसार डॉक्टर विकास ने आत्महत्या की धमकी दी। इसके बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने घर के सामने सुरक्षा बढ़ा दी।

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    बाद में एक मानवाधिकार संस्था की महिलाओं के पहुंचने पर लगभग साढ़े 5 घंटे बाद डॉक्टर ने दरवाजा खोला। बाद में महिला डॉक्टर पूर्णिमा अपने बच्चों को लेकर घर से चली गई और थाने पर जाकर पूरे मामले की जानकारी दी। बिरसानगर पुलिस मामले की जांच कर रही है। सरायकेला-खरसावां के राजघराने से ताल्लुक रखने का दावा करनेवाले विकास सिंहदेव की शादी 2007 में डॉक्टर पूर्णिमा से हुई थी। कई साल तक दोनों के बीच अच्छे रिश्ते रहे। इनके दो बच्चे भी हैं।

    छेड़खानी के आरोप के बाद बिगड़ा संबंध

    मामला इस साल मार्च में तब बिगड़ा जब चाईबासा स्थित अपनी क्लीनिक में डॉक्टर विकास सिंहदेव पर एक महिला मरीज से छेड़छाड़ करने का आरोप लगा। इस मामले में पुलिस में शिकायत भी दर्ज हुई। इसके बाद पति-पत्नी के बीच दरार बढ़ती गई। 3 अप्रैल को डॉक्टर विकास सिंहदेव वास्तु विहार स्थित अपने घर पहुंचे और वहां से 50 लाख रुपये की ज्वैलरी लेकर चले गए। पति-पत्नी के संयुक्त खाते से तकरीबन 58 लाख रुपये उन्होंने दूसरे अकाउंट में ट्रांसफर कर लिए। इसके बाद पूर्णिमा ने बिरसा नगर थाने में एफआईआर दर्ज करा दी। पुलिस ने विकास सिंहदेव को पकड़ कर जेल भेज दिया।

    जमानत पर बाहर आए हैं डॉक्टर

    3 माह बाद विकास सिंहदेव बेल पर बाहर आए। पूर्णिमा का आरोप है कि वह गुरुवार की सुबह जब बच्चे को स्कूल छोड़ने के लिए अपने घर से बाहर निकली, तो विकास सिंहदेव जबरदस्ती दोनों बच्चों को लेकर घर में घुस गए और अंदर से दरवाजा बंद कर लिया। वो आत्महत्या की धमकी दे रहे थे। गाली गलौज कर रहे थे। सूचना पाकर मौके पर पुलिस पहुंची। पुलिस दरवाजा खुलवाने के लिए मजिस्ट्रेट से संपर्क कर ही रही थी इतने में एक मानवाधिकार संस्था कि महिलाएं मौके पर पहुंच गईं।

    समझाने पर नहीं बनी बात

    महिलाओं के कहने पर डॉक्टर विकास सिंह देव ने दरवाजा खोला। इसके बाद संस्था की महिलाओं ने पति पत्नी के बीच की खाई पाटने की काफी कोशिश की। लेकिन दोनों के बीच समझौता नहीं हो सका। पूर्णिमा का कहना था कि विकास सिंहदेव उन्हें प्रताड़ित करते थे। वह आजिज आ गई हैं। अब वह उसके साथ नहीं रहेंगी। पूर्णिमा का आरोप है कि विकास सिंहदेव कोर्ट के आदेश पर वो रुपये जो उन्होंने संयुक्त खाते से ट्रांसफर किए थे, वापस करना है। इसीलिए वह ऐसी हरकत कर रहे हैं। इसके बाद डॉ पूर्णिमा अपने दोनों बच्चों को लेकर थाने पहुंच गई।

    पुलिस पर पूर्णिमा की मदद का आरोप

    उधर, डॉक्टर विकास सिंहदेव का कहना है कि डॉक्टर पूर्णिमा द्वारा लगाए गए सारे आरोप बेबुनियाद हैं। वह अपने बच्चों से मिलने और अपनी जरूरत का कुछ सामान जो घर में रखा हुआ था लेने के लिए आए थे। उनका आरोप है कि पुलिस डॉक्टर पूर्णिमा की मदद कर रही है और उनकी बात नहीं सुन रही है।