जमशेदपुर के इस स्टेशन पर ओटीपी से संचलित होगा डिजिटल लॉकर, ऐसा करने वाला बना दक्षिण पूर्व रेलवे का पहला स्टेशन
जमशेदपुर के टाटानगर रेलवे स्टेशन पर यात्रियों के लिए डिजिटल लॉकर की सुविधा शुरू की जा रही है। इन लॉकरों में सामान रखने के लिए यात्रियों को प्रति घंटे 15 रुपये देने होंगे। क्यूआर कोड और ओटीपी के माध्यम से लॉकर सुरक्षित रहेंगे। चेन्नई की एक एजेंसी को इसके संचालन की जिम्मेदारी दी गई है जिससे यात्रियों के सामान की सुरक्षा बढ़ेगी।

जागरण संवाददाता, जमशेदपुर। डिजिटल क्रांति के इस दौर में आज क्यूआर कोड और ओटीपी यात्रियों के सामान की रक्षा करेगी। दक्षिण पूर्व रेलवे में टाटानगर पहला स्टेशन होगा जहां यात्रियों को डिजिटल लॉकर की सुविधा मिलेगी। इस नई व्यवस्था के तहत टाटानगर रेलवे स्टेशन में डीजी उर्फ डिजिटल लाकर लगाया जा रहा है।
इसमें सामान रखने के लिए छोटे-छोटे 24 लॉकर होंगे, जो पूरी तरह से कम्प्यूटराइज्ड होंगे। इसमें लगभग 20 किलोग्राम तक के सामान रखने की सुविधा यात्रियों को मिलेगी और इसके लिए उन्हें प्रति घंटे 15 रुपये का भुगतान करना होगा।
इस डिजिटल लॉकर में एक क्विक रिस्पांस (क्यूआर) कोड होगा जिसे संबधित यात्री को अपने मोबाइल से स्कैन करना होगा। स्कैन होते ही उन्हें संबधित मोबाइल नंबर पर वन टाइप पासवर्ड (ओटीपी) मिलेगा।
संबधित लॉकर में ओटीपी डालने पर ही लॉकर खुलेगा और बंद होगा। रेल प्रशासन का कहना है कि ये डिजिटल टचस्क्रीन वाले लाकर 24 घंटे सीसीटीवी की निगरानी में संचालित होंगे।
इस स्वचालित सिस्टम से न सिर्फ यात्रियों के सामान की सुरक्षा बेहतर होगी बल्कि मैन्युअल निगरानी की आवश्यकता भी कम हो जाएगी।
चेन्नई की एजेंसी को मिली है संचालन की जिम्मेदारी
टाटानगर रेलवे स्टेशन में डिजिटल लाकर के सामान पहुंच चुके हैं और इसे स्टेशन परिसर पर लगाया जा रहा है। टेंडर के माध्यम से इसके संचालन की जिम्मेदारी चेन्नई की एक प्राइवेट एजेंसी को दिया गया है।
संबधित एजेंसी संचालक का कहना है कि पूरी व्यवस्था डिजिटलाइज्ड होगी और इसमें भुगतान की व्यवस्था भी आनलाइन रहेगी। जल्द ही टाटानगर रेलवे स्टेशन आने वाले यात्रियों को डिजिटल लाकर का लाभ मिलेगा।
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