Jamshedpur News: तेज बुखार में भूलकर भी न लें एस्प्रिन या ब्रफेन दवा, डेंगू के लक्षण दिखने पर तुरंत कराएं जांच
मानसून में डेंगू और चिकनगुनिया का खतरा बढ़ जाता है। जिला प्रशासन ने बुखार में एस्प्रिन और ब्रुफेन से बचने की सलाह दी है क्योंकि इनसे रक्तस्राव बढ़ सकता है। डेंगू में प्लेटलेट्स घटते हैं और ये दवाएं स्थिति गंभीर कर सकती हैं। पैरासिटामोल सुरक्षित विकल्प है। तेज बुखार में डॉक्टर से संपर्क करें।

जागरण संवाददाता, जमशेदपुर। मानसून के मौसम में डेंगू और चिकनगुनिया जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग ने लोगों को सचेत करते हुए तेज बुखार के इलाज में एस्प्रिन और ब्रुफेन जैसी दवाएं लेने से बचने की सलाह दी है।
इन दवाओं के कारण रक्तस्राव की समस्या बढ़ सकती है, खासकर तब जब बुखार डेंगू या चिकनगुनिया के कारण हो। विशेषज्ञों के अनुसार, डेंगू एक वायरल बीमारी है, जो शरीर में प्लेटलेट्स की संख्या तेजी से घटा देती है।
ऐसे में एस्प्रिन और ब्रुफेन जैसी दवाएं, जो ब्लड थिनर होती हैं, रक्तस्राव की स्थिति को गंभीर बना सकती हैं। इन दवाओं के इस्तेमाल से नाक, मसूढ़ों, उल्टी या मल के जरिए खून आने की आशंका बढ़ जाती है। यही वजह है कि इन दवाओं को तेज बुखार में बिना चिकित्सकीय परामर्श के बिल्कुल नहीं लेना चाहिए।
पैरासिटामोल है सुरक्षित विकल्प
तेज बुखार या शरीर दर्द की स्थिति में पैरासिटामोल सबसे सुरक्षित और प्रभावी दवा है। यह शरीर के तापमान को नियंत्रित करती है और दर्द को भी कम करती है, बिना रक्त को पतला किए।
जिला जनसंपर्क कार्यालय की ओर से जारी स्वास्थ्य परामर्श में कहा गया है कि तेज बुखार के लक्षण दिखने पर लोग पैरासिटामोल का ही सेवन करें और तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
तेज बुखार में सावधानी जरूरी
डेंगू के लक्षणों में शरीर और जोड़ों में दर्द, आंखों के पीछे दर्द, त्वचा पर लाल धब्बे, उल्टी और खून आना शामिल हैं।
चिकनगुनिया में अचानक तेज बुखार और शरीर के जोड़ों में सूजन या दर्द प्रमुख लक्षण होते हैं। दोनों ही बीमारियां मादा एडिज मच्छर के काटने से फैलती हैं, जो दिन में काटता है और साफ पानी में पनपता है।
समय पर इलाज से संभव है पूर्ण स्वस्थ होना
स्वास्थ्य विभाग ने स्पष्ट किया है कि हर बुखार डेंगू या चिकनगुनिया नहीं होता, लेकिन लक्षण दिखने पर तुरंत सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, अनुमंडल अस्पताल घाटशिला, सदर अस्पताल या एमजीएम अस्पताल में जांच और इलाज कराना चाहिए। ये सुविधाएं निशुल्क उपलब्ध हैं।
इसके अलावा, किसी भी स्वास्थ्य सलाह के लिए लोग 104 हेल्पलाइन नंबर पर कॉल कर सकते हैं।
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