Snake Bite: क्या मरने के बाद भी काट सकता है सांप? विशेषज्ञों ने बताई चौंकाने वाली बात
मनोज सिंह के अनुसार मरा हुआ सांप भी काट सकता है जैसा कि असम और झारखंड में हुआ। विशेषज्ञों का कहना है कि मरने के बाद भी सांप का तंत्रिका तंत्र सक्रिय रहता है और वह घातक हो सकता है। 2024-25 में झारखंड में सांप काटने से 4000 लोगों की मौत हुई जिसमें पूर्वी सिंहभूम जिले में 60 लोग शामिल थे।

मनोज सिंह, जमशेदपुर। मरा हुआ सांप भी काट सकता है, जिससे जान भी जा सकती है। हाल ही में असम में वैज्ञानिकों ने दुनिया के पहले ऐसे केस दर्ज किया है। जहां मरे हुए कोबरा और काला करैत ने व्यक्ति को काट लिया।
इन मामलों ने वैज्ञानिकों को भी हैरत में डाल दिया है। जीव जंतुओं पर रिसर्च कर रहे विशेषज्ञ डॉ. लाल रत्नाकर सिंह कहते हैं कि असम की यह घटनाएं चेतावनी है और पहाड़ी इलाके में रहने वाले लोगों को सावधान कर रही है।
असम के अलावा झारखंड में भी इस तरह के दो मामले दो साल के अंदर सामने आए हैं। झारखंड के प्रसिद्ध (स्नैक कैचर) सांप पकड़ने वाले नवल किशोर सिंह कहते हैं कि झारखंड में दो मामले सामने आए हैं।
2024 में हजारीबाग में एक मामला सामने आया व दूसरा पश्चिम सिंहभूम जिले के नोवामुंडी में। नवल किशोर सिंह कहते हैं कि उनके पास पहला मामला हजारीबाग से 2024 में आया, जिसमें मरा हुआ करैंत सांप एक व्यक्ति को काट लिया था।
मैंने तत्काल उसे अस्पताल में भर्ती कराने को कहा। करीब 15 दिनों तक अस्पताल में रहने के बाद उस व्यक्ति की जान किसी तरह बच पाई।
इसी तरह 2025 में नोवामुंडी से उनके पास फोन आया कि सांप कई घंटा पहले मर चुका था। उसे जब पकड़कर दूसरे जगह पर फेंका जा रहा था, उसी समय उस व्यक्ति को सांप ने काट लिया। संयोग यह रही कि सही समय पर इलाज होने पर उसकी भी जान बच गई।
क्या कहते हैं विशेषज्ञ
मरा हुए सांप का काटना जितना अजीब है वह उतना ही खतरनाक भी है। मरने के बाद भी सांप का तंत्रिका तंत्र सक्रिय रहते हैं। नर्वस सिस्टम नसों में विद्युत संकेत से अचानक मांसपेशी को खींच सकता है। अगर जबड़े टच हो जाए तो सांप काट सकता है, जिसे रिप्लेस बाइट कहते हैं। कभी-कभी तत्काल हो सकते हैं और कुछ घंटे बाद भी हो सकते हैं। मरे हुए सांप को कभी भी हाथ न लगाएं, क्योंकि मरने के 3–4 घंटे तक मरा हुआ सांप घातक हो सकता है। - डॉ. लाल रत्नाकर सिंह, विशेषज्ञ सह पूर्व प्रधान वन संरक्षक, वाइल्ड लाइफ, झारखंड
क्या कहते हैं विशेषज्ञ
सांप जल्दी नहीं मरता है, जब तक कि उसके सिर को कुचल न दिया जाए। सांप को यदि डंडा या ईंट पत्थर से मारकर घायल कर दिया जाता है। डंडा या राड की मार से सांप अचेत हो जाते हैं, लेकिन वह जल्दी मरते नहीं है। यदि सांप के सिर को पूरी तरह कुचल नहीं दिया गया है, तब तक सांप जानलेवा साबित हो सकता है। इसलिए कोबरा या करैंत जहां भी मिले जिंदा या मरा हुआ उसे छूने की कोशिश कभी नहीं करें। विशेषज्ञ को बुलाएं। - नवल किशोर सिंह, सर्प विशेषज्ञ
2024-25 में सांप काटने से पूर्वी सिंहभूम में 60 लोगों की हुई मौत
वर्ष 2024-25 में झारखंड में सांप काटने से लगभग 4000 लोगों की मौत हुई है। जबकि पूर्वी सिंहभूम जिले में सांप काटने से 60 लोगों की मौत हुई है। विशेषज्ञों का कहना है कि जुलाई से अक्टूबर के बीच मानसून के समय सांप सबसे ज्यादा सक्रिय होते हैं।
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