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Jharkhand: गला काटकर मारे गए सात ग्रामीणों के शव तीन दिन बाद बरामद, इलाका छावनी में तब्‍दील

पत्थलगड़ी का विरोध करने पर मौत के घाट उतारे गए ग्रामीणों का शव पुलिस ने तीन दिन बाद बरामद किया है। पूरे इलाके को छावनी मेंं तब्‍दील कर दिया गया है और सर्च ऑपरेशन जारी है।

By Rakesh RanjanEdited By: Updated: Wed, 22 Jan 2020 10:38 PM (IST)
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Jharkhand: गला काटकर मारे गए सात ग्रामीणों के शव तीन दिन बाद बरामद, इलाका छावनी में तब्‍दील

जमशेदपुर/चाईबासा, जेएनएन। झारखंड के पश्चिम सिंहभूम जिले के घोर नक्सली क्षेत्र में गला काटकर मारे गए सात ग्रामीणों के शव तीन दिन बाद बरामद हुए हैं। इन लोगों की हत्या रविवार को पत्थलगड़ी का विरोध करने पर की गई थी। मृतकों में एक पंचायत प्रतिनिधि भी शामिल हैं। तीन दिन बाद हरकत में आई पुलिस ने तीन को हिरासत में लिया है।

हत्या करने के बाद ग्रामीणों के शवों को जंगल में फेंक दिया गया था। पुलिस को मंगलवार को हत्या की सूचना मिल गई थी। बावजूद पुलिस बुधवार को भारी पुलिस बल और सीआरपीएफ (CRPF) की टुकड़ी के साथ मौके पर पहुंच सकी। पुलिस के अनुसार पश्चिम सिंहभूम जिले के नक्सल प्रभावित गुदड़ी प्रखंड के बुरुगुलीकेरा गांव के पास जंगल में ये नृशंस हत्या हुई थी। पुलिस के अनुसार सातों ग्रामीणों का शव बरामद कर लिया गया है। रविवार को पत्थलगड़ी समर्थकों ने पत्थलगड़ी का विरोध करने पर सात ग्रामीणों की हत्या कर दी थी।

एक दिन बाद घटनास्थल पर पहुंच सकी पुलिस

मंगलवार को सूचना मिलने के बाद कोल्‍हान के डीआइजी कुलदीप द्व‍िवेदी, डीसी अरवा राज कमल, एसपी इंद्रजीत महथा पुलिस टीम के साथ घटनास्‍थल के लिए रवाना हो गए थे, लेकिन दुरूह इलाका होने की वजह से  बुधवार सुबह पहुंच सके। एडीजी मुरारी लाल मीणा के मुताबिक, यह घोर नक्‍सल प्रभावित इलाका है। हालांकि, उन्होंने हत्या के पीछे नक्सली घटना से साफ इनकार किया है। शव बरामद करने के बाद मामले की तहकीकात शुरू हो गई है। डीआइजी, डीसी और एसपी भारी फोर्स के साथ गांव में मौजूद हैं। पुलिस के जवान जंगलों की खाक छान रहे हैंं।  

17 जनवरी को हुई थी मारपीट

बताया गया है कि बुरुगुलीकेरा गांव में पत्थलगड़ी समर्थकों के द्वारा गांव में घूम-घूम कर कुछ दस्तावेज मांग कर जमा करने का काम पिछले 10-12 दिनों से चल रहा था। इसी दौरान बीते 17 जनवरी को पत्थलगड़ी विरोधियों का पत्थलगड़ी समर्थकों के साथ मारपीट की घटना हुई थी। इस घटना में कई पत्थलगड़ी समर्थकों को चोटें आयी थी। रविवार को पत्थलगड़ी समर्थक और पत्थलगड़ी विरोधियों के बीच फिर से हिंसक झड़प हुई जिनमें पत्थलगड़ी समर्थकों के द्वारा पत्थलगड़ी विरोधी सात लोगों की हत्या कर दी गयी। 

सीएम ने जताया दु:ख

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने पश्चिमी सिंहभूम में सात लोगों की हत्या पर दुख जताया है। उन्‍होंने कहा है कि  आज दिल्ली से लौटने के बाद अधिकारियों संग बैठकर समीक्षा करेंगे।

खूंटी से सटे होने के कारण कोल्हान में सक्रिय रहे पत्थलगड़ी समर्थक

खूंटी से सटा इलाका होने के कारण कोल्हान के सिंहभूम और सरायकेला-खरसावां इलाके में पत्थलगड़ी समर्थकों का प्रभाव रहा है। 2018 में पुलिसिया कार्रवाई में कई समर्थक पकड़े गए थे। खूंटी जिले के कोचांग में सामूहिक दुष्कर्म मामले के मास्टरमाइंड जॉन जिनास तिडू को 22 जुलाई 2018 को जमशेदपुर के पोटका प्रखंड के गिरफ्तार किया था। परसुडीह से कृष्णा हांसदा की गिरफ्तारी हुई थी। पूछताछ में उसने सोनारी निवासी विजय कुजूर, पश्चिमी सिंहभूम के बंदगांव डबौली निवासी आयूब सांडी पूर्ति और  सोनुवा थाना क्षेत्र के आशीष लोमगा का नाम बताया था।

दिल्‍ली से गिरफ्तार हुआ था विजय कुजूर 

विजय कुजूर को पुलिस ने दिल्ली से गिरफ्तार किया था। उपरोक्त आरोपित समेत कुल 20 आरोपित को खूंटी पुलिस पत्थलगड़ी मामले में खूंटी के छोटू नायक, चरका पाहन, अभिषेक कुमार, पावेल टूटी, सुखराम मुंडा, मंगल मुंडा, लक्ष्मण मुंडा, उमेश दास गोस्वामी, नागेश्वर मुंडा,  राधे उर्फ सुभाष चंद्र मुंडा, बाजू पाहन, बिरसा पाहन, फादर अल्फोस आईद, राकेश लोहार और एक अन्य को गिरफ्तार कर जेल भेजा था। पत्थलगड़ी से संबंधित मामले सरायकेला के ईचागढ़, कुचाई, सोनुवा में दर्ज किए गए थे।

2012 में नक्‍सलियों ने कर दी थी छह लोगों की हत्‍या

एक साथ इतने लोगों की हत्‍या की वारदात हाल के दिनों  में पश्चिमी सिंहभूम में नहीं हुई थी।  जिले के बंदगांव थाना क्षेत्र के मनमारु गांव में 12 मार्च 2013 को नक्सलियों ने जनअदालत लगाकर छह ग्रामीणों की हत्या कर दी थी। इसके बाद शव बरामद करने के लिए पुलिस और सीआरपीएफ के जवानों को दो दिनों तक नक्सलियों के साथ मुठभेड़ करना पड़ा था।

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