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    जावा थापना के साथ प्रकृति उपासना का पर्व करम शुरू, पूजा नौ को Jamshedpur News

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    Updated: Wed, 04 Sep 2019 08:06 AM (IST)

    प्रकृति उपासना का पर्व करम लौहनगरी में हर्षोल्लास के साथ मनाया जाएगा। जावा थापना के साथ पर्व की तैयारी शुरू हाे गई है।

    जावा थापना के साथ प्रकृति उपासना का पर्व करम शुरू, पूजा नौ को Jamshedpur News

    जमशेदपुर, जासं।  प्रकृति उपासना के पर्व करम लौहनगरी में हर्षोल्लास के साथ मनाया जाएगा। करम पूजा के लिए मंगलवार को नदी घाट से बालू उठाया गया। कुंवारी कन्याओं ने आखड़ा में बालू लाकर जावा थापना किया। इसके साथ ही शहर में करम पर्व शुरू हो गया।

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    करम पूजा नौ सितंबर को किया जाएगा जबकि विसर्जन 10 को किया जाएगा। आदिवासी उरांव समाज के सीतारामडेरा, बिरसानगर, शंकोसाई, उलीडीह, नूतनडीह, बागबेड़ा, और लक्ष्मीनगर समेत कई स्थानों में जावा थापना किया। नदी से लाए गए बालू में मकई, जौ, धान, गेहूं, उरद, कुरथी, गंगई, मूंग का बीज रोपकर जावा जमाया जाएगा। जावा में नौ दिनों तक हल्दी पानी का छिड़काव किया जाएगा। इस दौरान रोज करम गीत के साथ करम नाच होगा।

     आठ सितंबर को लाई जाएगी करम डाली

    आठ सितंबर को जागरण के बाद नौ को सुबह पारंपरिक मांदर, नगाड़ों और घटों के साथ करम डाली लाई जाएगी। डाली को स्थापित कर रात में पूजा-अर्चना की जाएगी। इसके बाद 10 सितंबर को हर्षोल्लास पूर्वक करम राजा का विसर्जन किया जाएगा। भालूबासा मुखी समाज श्रीश्री भादो एकादशी करमा पूजा समिति के देहरी गणेश सागर के नेतृत्व में मंगलवार को जावरा स्थापना की।

    विधिवत जावरा पूजा

    सात कुंवारी कन्याओं ने मांदर की थाप पर स्वर्णरेखा नदी के भुइयाडीह घाट से बालू जावरा विधिवत पूजा अर्चना कर उठाया। बालू लाने के बाद धान, मकाई, जौ, चना, मूंग आदि के बीज बालू में डालकर सात दिनों तक कुंवारी कन्याओं द्वारा पूजा अर्चना कर करमा राजा व मां करमशानी को आमंत्रित किया जाएगा। बालू लाने वालों में जानकी, रुक्मिणी, मीरा, रूपा, सुरेश्वरी, संगीता, हेमा आदि शामिल थी। मौके पर समिति के पदाधिकारी भी उपस्थित थे।

    बिरसानगर में भी पूजा

    इसके साथ ही आदिवासी कुड़मी समाज बिरसानगर टेल्को नगर कमेटी द्वारा मंगलवार को जाउआ थापना किया गया। समाज की छोटी-छोटी बच्चियों ने नदी से बालू उठाया और आखड़ा में स्थापना किया। जाउआ थापना करने वालों में सोनाली महतो कटियार, सोनम कुमारी, संगीता गुलियार, मुस्कान कुमारी, टियासा महतो कढ़वार, अनुप्रिया महतो, देविका बसरियार आदि शामिल थी। इसके अलावा शहर के विभिन्न क्षेत्रों में करम पूजा के लिए बालू उठाकर जावा स्थापना किया गया।