लव जेहाद का बवाल झेल गए प्यार में तीन साल बाद तीन तलाक की दरार
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : वर्ष 2015 में तनवीर अख्तर खान से प्रेम विवाह करने वाली रमा कुमारी ओझा
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : वर्ष 2015 में तनवीर अख्तर खान से प्रेम विवाह करने वाली रमा कुमारी ओझा ने शादी के तीन साल बाद पति पर प्रताड़ित करने, तीन तलाक देने व जाति छुपा कर झांसे में फंसा लेने का आरोप लगाया है। रामा ओझा ने इस बाबत महिला थाने का दरवाजा खटखटाया है। मामला थाने पहुंचने के बाद पुलिस ने आरोपी तनवीर अख्तर खान को गिरफ्तार कर लिया है। शुक्रवार को उसे जेल भेज दिया गया है।
पुलिस को दिए बयान में रमा ओझा ने बताया कि 2015 में आजादनगर थाना अंतर्गत ओल्ड पुरूलिया रोड नंबर 20 निवासी तनवीर अख्तर खान के साथ उसने शादी की थी। शादी के महज एक वर्ष बाद ही पति तनवीर अख्तर खान, ससुर सोहेल खान तथा ननद रूबीना ने उसके साथ मारपीट शुरू कर दी। इसी बीच पति ने सबके सामने तीन तलाक दे दिया। आरोप लगाया कि ससुरालवाले चाहते हैं कि वह (रमा) मर जाए, ताकि पति दूसरी शादी कर सके। 16 जनवरी को रमा ने हाथ की नस काट आत्महत्या करने की कोशिश भी की। रमा ओझा ने कहा कि प्रताड़ना से तंग आकर उसने जहर की गोली भी खाई, लेकिन मर नहीं पाई, क्योंकि एक साल का बच्चा है। इसी बीच दिल्ली में रहने वाले माता-पिता को किसी तरह सूचना दी। माता-पिता को सूचना देने के बाद वे लोग शहर आए और मामला थाना तक पहुंचा।
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ससुराल वालों ने छह माह से कैद कर रखा था
रमा ओझा ने बताया कि ससुराल में उसे छह माह से घर में कैद कर रखा गया था। उसके मुताबिक कुछ माह पूर्व उसकी बहन भी उससे मिलने आई थी। रमा का आरोप है कि पति ने उसकी बहन के साथ भी गलत काम किया। विरोध किया तो उससे ज्यादा मारपीट की जाने लगी।
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हिंदू जागरण मंच ने की मदद
पति ने जान से मारने की नियत से गला भी दबाया। रमा ने किसी तरह व एक मैसेज अपने परिजनों को कर दिया। परिजनों ने ¨हदू जागरण मंच के लोगों को इसकी सूचना दी। इसके बाद मेरे परिवार वाले दिल्ली से जमशेदपुर आए और इसकी शिकायत पहले आजादनगर थाना में की। आजादनगर थाना प्रभारी ने उन्हें साकची महिला थाना भेज दिया।
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साकची लैब में साथ काम करते हुआ था प्यार
उलीडीह थाना अंतर्गत शांतिनगर निवासी लक्ष्मी ओझा की पुत्री रमा कुमारी ओझा साकची स्थित एक लैब में काम करती थी। उसी लैब में आरोपी तनवीर खान भी काम करता था। एक स्थान पर काम करने के कारण दोनों में बातचीत होने लगा जो धीरे-धीरे प्यार में बदल गया। युवक का घर भी आना-जाना शुरू हो गया था। चूंकि एक साथ काम करता था, इसलिए परिवार के लोग ध्यान नहीं दिया। इसके बाद दोनों ने शादी कर ली।
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जाति छुपा कर फंसाने का लगाया आरोप
रमा ओझा के परिजनों का कहना है कि युवक ने अपनी जाति छुपाने के लिए पहले रमा को अपना नकली नाम बताया था। इससे रमा उसके झांसे में आ गई। जब रमा को वह भगा कर ले गया तो रास्ते में उसे खाने में रस वाला सब्जी दिया। बाद में उसे बताया गया कि उसमें प्रतिबंधित मांस बना था, फिर उसे कहा गया कि अब तुम मुस्लिम हो गई हो। इसके अलावा रमा के गले में ताबीज भी पहना दिया गया। जब रमा से उसकी मां ने जान की दुहाई देकर घर लौटने को कहा तो उसने साफ इन्कार करते हुए कहा कि अब मैं मुस्लिम हो गई हूं, मुझे मत छुओ।
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सगाई होने के बाद भाग गई थी युवती
रमा कुमारी ओझा की परिजनों ने शादी तय कर दी थी। इसके लिए घर वाले पूरी तैयारी में जुटे हुए थे। शादी से पूर्व की रस्म सगाई भी हो चुकी थी। एक दिन परिवार के लोग बाजार करने के लिए साकची गए थे। इसकी सूचना युवती ने आरोपी को दे दी। आरोपी टाटा सूमो लेकर आया और युवती को अपने साथ भगा ले गया।
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लव जेहाद का मामला बता मानगो में खूब हुआ था बवाल
13 जुलाई 2015 को जब डेढ़ माह बाद लड़की-लड़का शादी कर वापस शहर लौटे। शहर लौटते ही युवक ने थाने में सरेंडर क था। वह अपने साथ पश्चिम बंगाल की अदालत में शादी करने का सर्टिफिकेट लेकर आया था। जैसे ही परिजनों को इसकी जानकारी हुई, उलीडीह थाना में आरोपी पर कार्रवाई को लेकर जमकर हंगामा शुरू हो गया। लड़की को लाख समझाने के बावजूद वह लड़के के साथ ही जाने की बात दोहारई। देखते ही देखते शाम को साप्रदायिक तनाव की स्थिति उत्पन्न हो गई। युवती को सौंपने के लिए परिजनों ने लव जेहाद का मामला बताते हुए उलीडीह थाने में तोड़-फोड़ करते हुए सड़क जाम कर दी थी। दोनों समुदाय के बीच तनाव हो गया था। दोनों पक्ष आमने-सामने हो गए थे। देखते ही देखते विहिप और बजरंग दल के लोग भी पहुंच गए। लोग थाने के सामने गुलाल लगा कर जमा हो गए ताकि उन्हें दूसरे समुदाय के लोगों के बीच अलग किया जा सके। इसी बीच दबाव के बाद पुलिस ने युवती को सुधार गृह देवघर भेज दिया था।
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शादी करने के बाद शहर छोड़कर चले गए थे परिजन
जब रमा ने तनवीर के घर से वापस आने से इन्कार कर दिया तब परिजन लोक-लाज व समाज के भय से शहर छोड़ कर चले गए। लड़की की मां जमशेदपुर कोर्ट में काम करती थी। वह उलीडीह थाना अंतर्गत शांतिनगर में रहती थी। बाद में सब छोड़-छाड़ कर दिल्ली में जाकर बस गए।