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    Covid 19 Third Wave: कोरोना की तीसरी लहर की आहट, क्या हम तैयार हैं, कहीं देर न हो जाए

    ऑक्सीजन की समस्या दूर करने के लिए जिले में तीन पीएसए ऑक्सीजन प्लांट लगने हैं लेकिन अभी तक कहीं भी शुरु नहीं हुआ है। वहीं बेड की संख्या भी लगभग यथावत है। हालांकि कोरोना की तीसरी लहर से लडने की तैयारी सभी जगह चल रही है।

    By Rakesh RanjanEdited By: Updated: Mon, 19 Jul 2021 06:49 PM (IST)
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    कोरोना की तीसरी लहर से लडने की तैयारी जारी है।

    जमशेदपुर, जागरण संवाददाता।  देशभर में अब फिर से कोरोना के मामले बढ़ने लगे हैं, जिसे तीसरी लहर की दस्तक माना जा रहा है। ऐसे में अगर अभी जमशेदपुर में मरीजों की संख्या बढ़ने लगी तो उससे निपटने के लिए हम कितने तैयार हैं। इस पर दैनिक जागरण की टीम ने रविवार को शहर के कोविड अस्पतालों का जायजा लिया। दूसरी लहर के दौरान अस्पतालों में बेड, ऑक्सीजन व वेंटिलेटर की कमी सबसे ज्यादा देखी गई।

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    तीसरी लहर आने से पूर्व इसे दूर करने का भरपूर कोशिश की जा रही है लेकिन अभी तक इसमें हम पूरी तरह से सफल नहीं हो पाए हैं। ऑक्सीजन की समस्या दूर करने के लिए जिले में तीन पीएसए (प्रेशर स्विंग एब्सार्पशन) ऑक्सीजन प्लांट लगने हैं लेकिन अभी तक कहीं भी शुरू नहीं हुआ है। वहीं, बेड की संख्या भी लगभग यथावत है। हालांकि, तैयारी सभी जगह चल रही है लेकिन जब वह समय पर पूरा ही नहीं होगा तो उसका क्या फायदा।

    एमजीएम में ऑक्सीजन प्लांट तैयार, सर्विस इंजीनियर का हो रहा इंतजार

    एमजीएम अस्पताल में पीएसए ऑक्सीजन प्लांट बनकर तैयार हो गया है लेकिन, सर्विस इंजीनियर के इंतजार में इसे शुरू नहीं किया जा सका है। दरअसल, सर्विस इंजीनियर की ओर से प्लांट की जांच के बाद ही हरी झंडी मिलने के बाद ही इसे शुरू किया जा सकता है। वहीं, अस्पताल में 150 बेड का आइसीयू-पीआइसीयू तैयार किया जा रहा है। इसके लिए जर्जर भवन को तोड़ा गया है। लेकिन अभी नए भवन बनाने का कार्य शुरू नहीं हुआ है। उम्मीद है कि अगले सप्ताह से निर्माण कार्य शुरू हो जाएंगे। इसका निर्माण जिला प्रशासन की ओर किया जाना है।

    26 जुलाई तक कांतिलाल में तैयार हो जाएगा पीआइसीयू

    बिष्टुपुर स्थित कांतिलाल अस्पताल को दूसरी लहर के दौरान जल्द ही खाली करा लिया गया था ताकि तीसरी लहर से पूर्व वहां 50 बेड का पीआइसीयू का निर्णय हो सके लेकिन अभी तक कार्य पूरा नहीं हो सका है। सिविल सर्जन डॉ. एके लाल का कहना है कि इसे बनाने का कार्य शुरू हो गया है। 26 जुलाई तक पीआइसीयू तैयार हो जाएगा। दूसरी लहर में यहां 700 से अधिक कोरोना मरीजों का इलाज हुआ।

    सदर अस्पताल में अभी तक नहीं लगा ऑक्सीजन प्लांट

    परसुडीह स्थित सदर अस्पताल व घाटशिला अनुमंडल अस्पताल में भी एक-एक पीएसए ऑक्सीजन प्लांट लगना है लेकिन अभी तक नहीं लगा है। वहीं, सदर अस्पताल में बच्चों के लिए स्पेशल वार्ड बनाया गया है। जबकि 20 बेड का पीआइसीयू व 10 बेड का आइसीयू का निर्माण किया जा रहा है। वहीं, 120 बेड ऑक्सीजन युक्त उपलब्ध है।

    मर्सी अस्पताल में अगले सप्ताह शुरू होगा 10 बेड का पीआइसीयू

    मर्सी अस्पताल में फिलहाल पीआइसीयू नहीं है, लेकिन कोरोना की तीसरी लहर से निपटने के लिए यहां 10 बेड का पीआइसीयू बनाया जा रहा है। अगले सप्ताह तक इसे शुरू करने की तैयारी है।

    टाटा मोटर्स अस्पताल में 50 बेड का पीआइसीयू तैयार

    टाटा मोटर्स अस्पताल में कोरोना की तीसरी लहर से निबटने के लिए पूरी तरह तैयार है। इसके लिए शिशु वार्ड में 50 बेड तैयार किए हैं जिसमें 45 आक्सीजन बेड और पांच वेंटिलेटर वाले बेड शामिल हैं। इसके अलावा अस्पताल में 200 बेड तैयार किया गया है जिसमें 110 बेड आक्सीजन युक्त है जबकि सामान्य मरीजों के लिए अगल से 204 बेड हैं।

    बरकरार है मैनपावर की कमी

    दूसरी लहर के दौरान डॉक्टर, नर्स व स्वास्थ्य कर्मियों की संकट पड़ गई थी। इसे देखते हुए तीसरी लहर से पूर्व बहाली करने की तैयारी है लेकिन अभी तक नहीं हुई है। जिले में वेंटिलेटर चलाने के लिए भी विशेषज्ञ डॉक्टर व टेक्नीशियनों की जरूरत है। फिलहाल जिले के सरकारी अस्पतालों में लगभग 43 वेंटिलेटर मौजूद है।

    टाटा स्टील ने दिए तीन हजार सिलेंडर

    कोरोना की तीसरी लहर से निपटने के लिए टाटा स्टील फाउंडेशन द्वारा पूर्वी सिंहभूम जिले को 700 सिलेंडर दिया गया है। कोरोना संक्रमण के तीसरे लहर की संभावनाओं के बीच ये ऑक्सीजन सिलेंडर चिकित्सीय संसाधनों को दुरुस्त रखने में काफी उपयोगी होंगे। सीएचसी-पीएचसी तक सिलेंडर पहुंचने से ग्रामीणों को भी जरूरत पड़ने पर आसानी से ऑक्सीजन मिल सकेगा।

    कहां कितने सिलेंडर दिए गए

    • अस्पताल : सिलेंडर की संख्या
    • माचा, पटमदा : 90
    • घाटशिला : 90
    • मुसाबनी : 40
    • चाकुलिया : 40
    • बहरागोड़ा : 40
    • पोटका : 40
    • धालभूमगढ़ : 40
    • डुमरिया : 30
    • सदर अस्पताल : 200
    • एमजीएम : 70
    • कांतीलाल अस्पताल : 20