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    जमशेदपुर में बनने जा रहा देश का पहला हाइड्रोजन ईधन प्लांट, सीएम हेमंत सोरेन ने किया एमयूओ पर हस्‍ताक्षर

    By Nirmal PrasadEdited By: Arijita Sen
    Updated: Fri, 25 Aug 2023 11:32 AM (IST)

    जमशेदपुर में देश का पहला हाइड्रोजन ईधन प्लांट बनने जा रहा है। मुख्‍यमंत्री हेमंत सोरेन ने एक महीने पहले ही इसके लिए मंजूरी दे दी थी। शहर में हाइड्रोजन ईधन प्लांट के लिए आज एमओयू होगा। इसमें 354.28 करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा। आगे चलकर इसका लाभ पूरे देश को मिलेगा। बता दें कि हाइड्रोजन ईधन की क्षमता अन्य ईधनों की अपेक्षा अधिक होती है।

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    जमशेदपुर में बनने जा रहा देश का पहला हाइड्रोजन ईंधन प्‍लांट।

    जाटी, रांची/जमशेदपुर। देश के पहले हाइड्रोजन ईंधन से जुड़े उद्योग की पहली कंपनी टाटा मोटर्स के जमशेदपुर प्लांट के अंदर स्थापित होगा। शुक्रवार को रांची स्थित प्रोजेक्ट भवन में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की उपस्थिति में झारखंड सरकार के उद्योग विभाग, टीसीपीएल ग्रीन एनर्जी साॅल्यूशन प्राइवेट लिमिटेड (टीजीईएसपीएल) के बीच एमओयू पर हस्ताक्षर हुआ।

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    प्‍लांट में इस चीज का होगा उत्‍पादन

    इस प्लांट की स्थापना के लिए मुख्यमंत्री ने 28 जुलाई, 2023 को मंजूरी दी थी। इसमें मेसर्स टाटा मोटर्स लिमिटेड व मेसर्स कमिंस इंडिया लिमिटेड के यूएसए स्थित संयुक्त उपक्रम मेसर्स टीसीपीएल ग्रीन एनर्जी साॅल्यूशन प्राइवेट लिमिटेड (टीजीईएसपीएल) द्वारा टाटा मोटर्स के जमशेदपुर प्लांट में हाइड्रोजन इंटरनल कंबोशन इंजन, फ्यूल एगनोस्टिक इंजन, एडवांस केमिस्ट्री बैटरी, एच-2 फ्यूल सेल, एच-2 फ्यूल डिलीवरी सिस्टम के निर्माण उत्पादन के लिए कंपनी की स्थापना होगी।

    इस प्रोजेक्ट के लिए झारखंड सरकार के सिंगल विंडो कमेटी व हाई पावर कमेटी की स्वीकृति के बाद यह पहल हो रही है। हाइड्रोजन ईधन की क्षमता अन्य ईधनों की अपेक्षा अधिक होती है।

    इसका एनर्जी स्तर भी पारंपरिक ईंधन की तुलना में अधिक होता है। यह सस्ता और हल्का होता है। ऐसे में पेट्रोल-डीजल की तुलना में हाइड्रोजन इंजन बेहतर विकल्प हो सकता है। इससे प्रदूषण का स्तर 90 प्रतिशत तक कम होगा।

    354.28 करोड़ रुपये का होगा निवेश

    इस प्रोजेक्ट पर कंपनी द्वारा 354.28 करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा। झारखंड औद्योगिक एवं निवेश प्रोत्साहन नीति, 2021 के तहत इस प्रोजेक्ट से झारखंड में निवेश के साथ-साथ प्रत्यक्ष नियोजन का भी रास्ता खुलेगा।

    कंपनी द्वारा प्रतिवर्ष 4000 से अधिक हाइड्रोजन आईसी इंजन व 10 हजार से अधिक फ्यूल एग्नास्टिक इंजन व 10 हजार से अधिक बैटरी सिस्टम का उत्पादन होगा। कंपनी प्रबंधन द्वारा हाइड्रोजन इंजन बनाने की नवीनतम तकनीक का उपयोग होगा, जिसका लाभ भविष्य में पूरे देश को होगा।