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    Kharsawan shahid Diwas : खरसावां के शहीदों के परिजनों को ढूंढ कर सम्मानित करेगी राज्य सरकार : हेमंत सोरेन

    By Rakesh RanjanEdited By:
    Updated: Fri, 01 Jan 2021 08:34 PM (IST)

    Kharsawan shahid Diwas. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा है कि उनकी सरकार खरसावां गोलीकांड के शहीदों को ढूंढकर सम्‍मानित करेगी। साल के पहले दिन शुक्रवार ...और पढ़ें

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    खरसावां गोलीकांड के शहीदों को श्रद्धांजलि देते मुख्‍यमंत्री हेमंत सोरेन। जागरण

    सरायकेला/खरसावां,जेएनएन।  मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा है कि उनकी सरकार खरसावां गोलीकांड के शहीदों को ढूंढकर सम्‍मानित करेगी। साल के पहले दिन शुक्रवार को खरसावां गोलीकांड के शहीदों को श्रद्धाजंलि देने मुख्‍यमंत्री खरसावां शहीद स्थल पहुंचे। आदिवासी कल्याण मंत्री चम्पई सोरेन, समाज कल्याण मंत्री जोबा मांझी, खरसावां विधायक दशरथ गागराई, चाईबासा विधायक दीपक बिरुवा, चक्रधरपुर विधायक सुखराम उरांव, ईचागढ़ विधायक सविता महतो के साथ मुख्‍यमंत्री ने शहीद पार्क स्थित शहीद बेदी पर पुष्‍पांजलि अर्पित की।

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     इस दौरान मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि सरकार शहीदों के परिजनों को ढूंढ कर उन्हें सम्मान दिलाने के अपने वादे को जरूर पूरा करेगी। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने सत्ता में आते ही गुवा गोलीकांड के शहीदों के आश्रितों को ढूंढ-ढूंढ कर नौकरी दिलाने का काम किया था। ठीक उसी तरह एक बार फिर शहीदों के परिजनों को उचित मान-सम्मान देने का काम सरकार करेगी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की तरफ से हर आंदोलनकारियों को सहयोग किया जाएगा। आंदोलनकारियों को चिह्नित करने के लिए आयोग भी बना है, लेकिन झारखंड में आंदोलनकारियों की लंबी फेहरिस्त है। हर आंदोलनकारी तक पहुंचना जरूरी है। इसके लिए राज्य सरकार की ओर से कार्ययोजना तैयार कर ली गयी है। 

    उनकी पिछली सरकार ने दी थी शहीदों के आश्रितों को नौकरी

    शहीदों को पुष्प अर्पित करने के बाद मीडिया से बातचीत में मुख्यमंत्री ने कहा कि उनके नेतृत्व वाली पिछली सरकार में ही शहीदों के आश्रित को खोज कर पहली बार नौकरी देने का काम किया गया। हेमंत सोरेन ने शहीदों को नमन करते हुए कहा कि शहीदों के सपनों का झारखंड बनाया जायेगा। मुख्यमंत्री ने राज्यवासियों को नए वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं देते हुए कहा कि कोरोना संक्रमण दूर कर राज्य विकास के पथ पर अग्रसर होगा। कोरोना संक्रमण अभी समाप्त नहीं हुआ है। कोरोना को लेकर सचेत रहना है। सभी सुरक्षित रहें और राज्य के विकास में अपनी भूमिका अदा करें। 

    आमदा में पांच सौ बेड का अस्‍पताल जल्‍द पूरा होगा

    मुख्‍यमंत्री ने कहा कि खरसावां के आमदा में निर्माणाधीन 500 बेड का जल्‍द पूरा होगा। जल्द उसपर सरकार समीक्षा करेगी और आठ वर्षों से क्यों अधूरा पड़ा हुआ है इसकी जानकारी हासिल करते हुए पूरा कराने का प्रयास किया जाएगा। अपराधिक घटनाओं पर कहा कि राज्य सरकार किसी भी घटना को ढंकने का काम नहीं करती है। जहां भी किसी तरह की घटना होती उस पर त्वरित कार्रवाई की  जाती है।

    पीडब्लूडी मैदान में दिया गया  गार्ड ऑफ ऑनर

     राज्य के सीएम हेमंत सोरेन के खरसावां पहुंचने पर स्थानीय विधायक दशरथ गागराई ने मुख्यमंत्री की अगवानी की। साथ ही पुष्पगुच्छ दे कर मुख्यमंत्री का स्वागत किया। प्रशासन की ओर से कोल्हान आयुक्त मनीष रंजन, डीआईजी राजीव रंजन, डीसी इकबाल आलम अंसारी, एसपी मो अर्सी ने सीएम का स्वागत किया। हेलीपैड के पास ही मुख्यमंत्री को गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करने के पश्चात मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पीडब्लूडी गेस्ट हाउस में अल्पाहार करने के दौरान कार्यकर्ताओं से भी मिले। मौके पर खरसावां विधायक दशरथ गागराई समेत अन्य विधायकों के साथ राज्य व स्थानीय विषयों पर भी चर्चा की। उन्होंने सरकारी कल्याणकारी योजनाओं को समाज के अंतिम पंक्ति पर बैठे लोगों तक पहुंचाने पर जोर दिया।

    आदिवासी कर रहे थे खरसावां के उड़ीसा में विलय का विरोध

    पहली जनवरी को एक ओर जहां पूरी दुनिया नये साल के जश्न में डूबी रहती है, वहीं खरसावां के लोग अपने पूर्वजों की शहादत को याद करते हैं। खरसावां गोलीकांड के शहीदों को श्रद्धांजलि देने के लिए पूरे कोल्हान के लोग जुटते हैं। मालूम हो कि एक जनवरी 1948 को खरसावां में हुए गोलीकांड में सैकड़ों लोग मारे गये थे। देश की आजादी के बाद सरायकेला व खरसावां रियासत का विलय ओडिशा राज्य में कर दिया गया था। इसके विरोध में एक जनवरी 1948 को आदिवासी नेता जयपाल सिंह ने खरसावां में जनसभा का आयोजन किया था। कोल्हान के  विभिन्न क्षेत्रों से लोग जनसभा में पहुंचे थे। परंतु तय समय पर जयपाल सिंह जनसभा में नहीं पहुंच सके। जनसभा के मद्देनजर पर्याप्त संख्या में पुलिस बल की तैनाती की गई थी। इसी दौरान किसी कारणवश पुलिस और सभा में पहुंचे लोगों में झडप हो गई। इसी दौरान पुलिस के गोलियों से सैकड़ों लोगों की मौत हो गयी। उस दौर के आंदोलनकारी बताते हैं कि लाशों को हाट में स्थित एक कुंआ में डाल कर मिट्टी पाट दिया गया था, जो आज शहीद बेदी बन गया है।  शहीदों की याद के में हर वर्ष हजारों लोग खरसावां पहुंचते हैं तथा शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं।