पूर्व शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन के घर श्रद्धांजलि देने पहुंचे मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने क्या कहा, जानिए
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अपनी पत्नी कल्पना सोरेन के साथ दिवंगत शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन को उनके घोड़ाबांधा स्थित आवास पर श्रद्धांजलि दी। सीएम ने उनके निधन को अपने लिए अपूरणीय क्षति बताया और कहा कि सरकारी स्कूलों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को लेकर रामदास सोरेन के अधूरे कार्यों को पूरा किया जाएगा। उन्होंने संघर्ष से पहचान बनाने वाले सोरेन के योगदान को याद किया।

जागरण संवाददाता, जमशेदपुर। झारखंड के दिवंगत शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन के निधन से उपजे खालीपन को भरने की कोशिश में बुधवार को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने उनके परिवार से मुलाकात की। अपनी पत्नी कल्पना सोरेन के साथ घोड़ाबांधा स्थित आवास पर मुख्यमंत्री ने सोरेन की तस्वीर पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि दी।
इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि रामदास सोरेन ने स्कूली शिक्षा को बेहतर बनाने के लिए कई महत्वपूर्ण काम किए थे और अब उनके उन अधूरे कार्यों को मिलकर पूरा किया जाएगा।
विदित हो कि शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन जी का 15 अगस्त को नई दिल्ली स्थित एक अस्पताल में इलाज के दौरान निधन हो गया था। मुख्यमंत्री ने कहा कि स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता मंत्री के रूप में रामदास सोरेन काफी बेहतर कार्य कर रहे थे।
सरकारी विद्यालयों में बच्चों को गुणवत्तायुक्त शिक्षा के लिए उन्होंने कई नई पहल की थी। सरकारी विद्यालयों में आधारभूत संरचना मजबूत करने का काम तेज गति से हो रहा था। उनकी सोच को साकार किया जायेगा।
मेरे लिए अपूरणीय क्षति : हेमंत
मुख्यमंत्री ने कहा कि दिशोम गुरु और मेरे बाबा शिबू सोरेन के निधन के एक पखवाड़े के अंदर ही रामदास सोरेन के इस तरह चले जाने की पीड़ा मेरे लिए असहनीय है। मन व्याकुल और व्यथित है। उनका निधन इस राज्य के साथ मेरे लिए अपूरणीय क्षति है। इस वजह से जो शून्यता आई है, उसकी भरपाई नहीं हो सकती है।
रामदास ने संघर्ष से बनाई थी पहचान
मुख्यमंत्री ने कहा कि रामदास दा ने संघर्ष से अपनी एक अलग पहचान बनाई थी। उन्होंने स्मृति शेष दिशोम गुरु शिबू सोरेन के नेतृत्व में अलग झारखंड की खातिर हुए आंदोलन में अहम योगदान दिया था।
उनका व्यवहार काफी सरल और सहज था। एक आंदोलनकारी के साथ उनका व्यापक सामाजिक सरोकार था। वे अपने सार्वजनिक जीवन में आम लोगों के दुःख -दर्द और समस्याएं दूर करने के लिए हमेशा खड़े रहे। उनका व्यक्तित्व और कार्य सदैव उर्जा प्रदान करता रहेगा।
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