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    CISCE ने छात्रहित में स्कूलों में किया बड़ा बदलाव, अब पासिंग सर्टिफिकेट में लिखे जाएंगे बोर्ड परीक्षा के अंक

    Updated: Fri, 21 Nov 2025 11:31 PM (IST)

    CISCE ने छात्रों के हित में एक बड़ा फैसला लिया है। अब पासिंग सर्टिफिकेट में बोर्ड परीक्षा के अंक भी दर्ज किए जाएंगे। इस बदलाव से छात्रों को उच्च शिक्षा और नौकरी के अवसरों में मदद मिलेगी, क्योंकि वे अपनी वास्तविक क्षमता को बेहतर ढंग से प्रदर्शित कर सकेंगे। CISCE का मानना है कि यह कदम छात्रों का आत्मविश्वास बढ़ाएगा।

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    चंडीगढ़ में आयोजित एएसआइएससीई की वार्षिक बैठक में जमशेदपुर जोन के प्रिंसिपल। फोटो जागरण

    जागरण संवाददाता, जमशेदपुर। काउंसिल फार द इंडियन स्कूल ऑफ सर्टिफिकेट एग्जामिनेशंस (सीआइएससीई) ने पहली बार देश भर के स्कूलों में बड़ा बदलाव छात्र हित में किया है।

    काउंसिल द्वारा संचालित स्कूलों के छात्रों को बोर्ड परीक्षा के बाद छात्रों को पासिंग सर्टिफिकेट मिलेगा उसमें विभिन्न विषयों के नंबर भी अंकित होंगे। वर्तमान में अंकपत्र (मार्क शीट) अलग और पासिंग सर्टिफिकेट अलग से मिलते हैं।

    देश के सभी बोर्ड में इसी तरह अंक पत्र व बोर्ड का पसिंग सर्टिफिकेट मिलता है। अब सीआइएससीई भविष्य में छात्र हितों को देखते हुए राष्ट्रीय स्तर पर नई पहल की है। अब सर्टिफिकेट में ही अंकित होंगे बोर्ड परीक्षा के अंक।

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    इसका अर्थ है एक प्रमाण पत्र में पास होने का प्रमाण व अंक पत्र दोनों एक साथ रहेंगे। सीआइएससीई यह व्यवस्था लागू करने वाला देश का पहला बोर्ड बनने जा रहा है।

    सीआइएससीई ने यह व्यवस्था वर्ष 2026 में आयोजित बोर्ड परीक्षा से लागू करेगा। यह निर्णय चंडीगढ़ में शुक्रवार को आयोजित 68वीं एएसआइएससीई (एसोसिएशन ऑफ स्कूल फॉर द इंडियन स्कूल सर्टिफिकेट एग्जामिनेशंस) की वार्षिक बैठक में लिया गया है।

    इस वार्षिक बैठक में जमशेदपुर के विभिन्न आइसीएसई स्कूलों के प्रिंसिपल समेत देशभर के प्रिंसिपल शामिल थे। इस बैठक में सीआइएससीई के सीईओ सह सचिव जोसेफ इमानुएल, आइएससी की उप सचिव संगीता भाटिया, आइसीएसई के उप सचिव इक्का कुंडल परिहार भी मौजूद रहे।

    एक और महत्वपूर्ण निर्णय के अनुसार वर्ष 2027 में 12वीं यानि आइएससी की परीक्षा में शामिल होने वाले विद्यार्थियों को अंग्रेजी के साथ चार विषय को उत्तीर्ण करना आवश्यक है। कुल 500 अंक की परीक्षा होगी। अब तक अंग्रेजी के साथ चार विषय की परीक्षा होती थी।

    काउंसिल फॉर द इंडियन स्कूल ऑफ सर्टिफिकेट एग्जामिनेशंस (सीआइएससीई) की चंडीगढ़ में आयोजित एएसआइएससीई (एसोसिएशन आफ स्कूल फार द इंडियन स्कूल सर्टिफिकेट एग्जामिनेशंस) की वार्षिक बैठक में शुक्रवार को आयोजित हुई।

    इसमें नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लेकर स्कूलों के पाठ्यक्रमों में बदलाव की जानकारी आइएससी के उप सचिव संगीता भाटिया एवं आइसीएसई के उप सचिव इक्का कुंडर परिहार ने दी है।

    एएसआइएससी की वार्षिक बैठक में बताया गया कि सभी स्कूल नए शैक्षणिक सत्र से नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति को पूर्णत: लागू करेंगे। इसके अनुरूप करिकुलम भी तैयार कर लिया गया है। कई नए वैकल्पिक विषयों को भी जोड़ा गया है।

    कक्षा 9 से 12वीं तक विद्यार्थियों के लिए वैकल्पिक विषय के रूप में आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस, रोबोटिक्स, हेल्थ एजुकेशन, हास्पिटालिटी मैनेजमेंट सहित छह नए कोर्स को लांच किया गया है।

    इसके साथ एक नया कार्यक्रम ‘राइस’ प्रोग्राम की शुरू करने की घोषणा की गई। इस कार्यक्रम के तहत कक्षा आठ से 12 तक के छात्रों को वैकल्पिक विषय के रूप में स्पोर्ट्स एजुकेशन विषय को लांच किया गया है। इस विषय को चुनने के बाद छात्रों को ग्रेजुएशन में नामांकन के दौरान वेटेज मिलेगा।

    छात्रों को ओवरआल प्रदर्शन का मिलेगा सर्टिफिकेट

    एएसआइएससीई की वार्षिक बैठक में काउंसिल की ओर से एक विशेष व्यवस्था की गई। पहले जहां स्कूल अपने वार्षिक समारोह में छात्रों को बेस्ट ओवरआल प्रदर्शन का सर्टिफिकेट व ट्राफी देते थे। अब ऐसा ही कार्य काउंसिल करने जा रहा है।

    छात्रों के विषयों के साथ-साथ सभी गतिविधियों के प्रदर्शन को देखते हुए सर्वश्रेष्ठ ओवरआल छात्र का सर्टिफिकेट काउंसिल प्रदान करेगा। यह नए शैक्षणिक सत्र से लागू हो जायेगा।

    इसके साथ ही एक नया कार्यक्रम ‘साइन’ को लागू किया गया है। इसमें कक्षा पांच एवं आठ के विद्यार्थियों का मूल्यांकन सह काउंसिलिंग काउंसिल की टीम करेगी। यह स्कूल के इतर होगा।