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    बच्चे Mobile की दुनिया में कैद, समाज से जोड़ना बड़ी चुनौती : राज्यपाल

    Updated: Wed, 19 Nov 2025 07:43 PM (IST)

    जमशेदपुर में बाल मेला में राज्यपाल ने बच्चों के बढ़ते मोबाइल उपयोग पर चिंता जताई। उन्होंने झारखंड में कुपोषण को गंभीर समस्या बताते हुए सामूहिक प्रयासों पर जोर दिया। विधायक सरयू राय ने बच्चों को सशक्त बनाने के लिए 'जमशेदपुर घोषणापत्र' जारी करने की घोषणा की, जिसमें बाल अधिकारों और सुरक्षा पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।

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    साकची बोधि टैंपल मैदान के बाल मेला में भूतपूर्व सैनिको द्वारा लगाया गया स्टॉल। जागरण

    जासं, जमशेदपुर। साकची स्थित टाउन हॉल परिसर में बुधवार को आयोजित चतुर्थ बाल मेला में राज्यपाल संतोष गंगवार ने बच्चों के बढ़ते मोबाइल उपयोग और उसके प्रभावों पर गंभीर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि आज का बच्चा वास्तविक सामाजिक जीवन से दूर होता जा रहा है और डिजिटल दुनिया में कैद हो रहा है। 
     
    उन्‍होंने कहा क‍ि यह स्थिति आने वाले समय में उनके मानसिक, सामाजिक और भावनात्मक विकास के लिए चुनौतीपूर्ण है। राज्यपाल ने अपने संबोधन में झारखंड में कुपोषण को एक गंभीर समस्या बताते हुए कहा कि राज्य में बड़ी संख्या में बच्चे और महिलाएं आज भी पोषण की कमी से जूझ रहे हैं। 
     
    उन्होंने कहा कि कुपोषण से निपटने के लिए सरकार, समाज और प्रशासन तीनों को मिलकर आगे आना होगा और प्रयासों की गति को तेज करना होगा। राज्यपाल गंगवार ने कहा कि बच्चों के विकास की नींव पांच स्तंभों स्नेह, पोषण, शिक्षा, सुरक्षा और अवसर पर टिकी होती है। 
     
    यदि इन सभी क्षेत्रों में उन्हें सही समर्थन मिले तो वे एक मजबूत राष्ट्र के निर्माता बन सकते हैं। उन्होंने जनजातीय समाज की उस परंपरा का भी उल्लेख किया, जिसमें माना जाता है कि बच्चा केवल परिवार का नहीं, बल्कि पूरे समुदाय का होता है। 
     
    राज्यपाल ने कहा कि यह सोच समाज को सामूहिक जिम्मेदारी का संदेश देती है और बच्चों के सुरक्षित भविष्य के लिए बेहद आवश्यक है। उन्होंने अभिभावकों से अपील की कि वे बच्चों, विशेषकर बालिकाओं को पढ़ने, सीखने और सपने देखने की पूरी स्वतंत्रता दें। 


    जल्द जारी होगा ‘जमशेदपुर घोषणापत्र’ : सरयू राय 

    इससे पूर्व, कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जामशेदपुर पूर्वी के विधायक सरयू राय ने कहा कि कोरोना काल ने बच्चों पर कई मानसिक दुष्प्रभाव छोड़े। इन प्रभावों को दूर करने और बच्चों को सीखने–समझने व स्वयं को अभिव्यक्त करने का अवसर देने के लिए वर्ष 2022 में बाल मेला की शुरुआत की गई थी।

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    उन्होंने बताया कि मेले का मुख्य उद्देश्य बच्चों को सशक्त, मेधावी और आत्मविश्वासी बनाना है, ताकि वे बदलते समय की चुनौतियों का सामना कर सकें। सरयू राय ने घोषणा की कि जमशेदपुर को ‘बाल मित्र जिला’ बनाने के लिए जल्द ही एक ‘जमशेदपुर घोषणापत्र’ जारी किया जाएगा। 
    इसमें बाल अधिकारों, सुरक्षा, स्वास्थ्य और शिक्षा को सशक्त बनाने से जुड़े बिंदु शामिल रहेंगे। राय ने बताया कि इस वर्ष आयोजित 18 प्रतियोगिताओं में अब तक 4200 बच्चों ने हिस्सा लिया है, जो इस आयोजन की बढ़ती लोकप्रियता को दर्शाता है।


    कार्यक्रम की शुरुआत पटमदा के कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय की छात्राओं द्वारा बैंड प्रस्तुत कर राज्यपाल के स्वागत से हुई। इस अवसर पर राज्यपाल ने बाल मेला से संबंधित एक स्मारिका का विमोचन भी किया।