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महापर्व के लिए सज-धज कर तैयार जमशेदपुर के छठ घाट, सुरक्षा के भी पुख्ता इंतजाम

शहर के प्रसिद्ध छठ घाटों पर पूजा करने की होड़ लगी हुई है। सरकार द्वारा अनुमति मिलने के बाद घाटों में पूजा करने को लेकर स्थलों की घेराबंदी भी कार्य भी पूरा हो गया है। लोग ईंटा-पत्थर से भी जगहों को घेरकर अपना नाम तक गाड दे रहे हैं।

By Ankit DubeyEdited By: Published: Thu, 19 Nov 2020 02:57 PM (IST)Updated: Thu, 19 Nov 2020 03:42 PM (IST)
महापर्व के लिए सज-धज कर तैयार जमशेदपुर के छठ घाट, सुरक्षा के भी पुख्ता इंतजाम
महापर्व के लिए सज-धज कर तैयार जमशेदपुर के छठ घाट, सुरक्षा के भी पुख्ता इंतजाम। जागरण

जमशेदपुर (जागरण संवाददाता) । शहर के प्रसिद्ध छठ घाटों पर पूजा करने की होड़ लगी हुई है। सरकार द्वारा अनुमति मिलने के बाद घाटों में पूजा करने को लेकर स्थलों की घेराबंदी का कार्य भी पूरा हो गया है। लोग ईंटा-पत्थर से भी जगहों की घेराबंदी कर रहे हैं।

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मानगो, दोमुहानी, भूईयांडीह, टेल्को व बारीडीह के छठ घाटों में यह कार्य सबसे ज्यादा देखा जा रहा है। प्रशासन और स्वयंसेवी संस्थाओं तथा छठ पूजा समितियों की ओर से इन घाटों पर सफाइ का कार्य भी युद्ध स्तर पर चल रहा है। यह कार्य लगभग समाप्ति की ओर है। देर शाम सभी घाटों में विद्युत सज्जा का कार्य भी पूरा कर लिया जाएगा। छठव्रतियों के लिए सभी जगह स्वयंसेवी संस्थाओं द्वारा शिविर भी लगाया जा रहा है।

ये हैं प्रसिद्ध छठ घाट

मानगो स्वर्णरेखा नदी

जमशेदपुर पश्चिम विधानसभा के इस घाट में शहर की 30 प्रतिशत आबादी छठ मनाने आती है। इस लिहाज से यहां सुरक्षा व्यवस्था भी चाक चौबंद होगी। नदी के दोनों ओर व्रती पूरे शहर से छठ करने आते हैं। यह जमशेदपुर का सबसे विशेष नजर होती है। मानगो नगर निगम क्षेत्र और साकची क्षेत्र का यह सबसे बड़ा घाट है। मानगो नगर निगम में 11 छठ घाट हैं, जिसमें वर्कर्स कॉलेज छठ घाट, चााणक्यपुरी छठ घाट, इंटकवेल छठ घाट आदि छठ घाटों से लेकर एक-एक पहुंच पथ की साफ सफाई युद्ध स्तर पर शुरू की गई है। मानगो स्वर्णरेखा नदी का गांधी घाट बिल्कुल मानगो बस स्टैंट से सटा हुआ है। यहां पांच मजिस्ट्रेट व पुलिस बल के जवान तैनात किए जाते हैं। स्वयंसेवी संस्थाओं का सहायता शिविर भी लगता है। सभी प्रमुख घाटों पर गोताखोरों की तैनाती टाटा स्टील व प्रशासन द्वारा की गई है।

भुईयांडीह घाट

जमशेदपुर पूर्वी विधानसभा के इस घाट के लोग बहते हुए पानी में छठ करते हैं। यह भी स्वर्णरेखा नदी का एक हिस्सा है। बिहारी बहुल इस क्षेत्र के लोग इसी घाट पर पूजा अर्चना करते हैं। इसी क्षेत्र लालभट्ठा घाट भी प्रसिद्ध है। इन घाटों तक पहुंचने के लिए मानगो बस स्टैंड में उतरकर आटो या रिक्शा से जाना होगा। मानगो बस स्टैंड से इस घाट की दूरी आधा किलोमीटर है। यहां जमशेदपुर अक्षेस द्वारा सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए है। रास्तों को दुरूस्त कर दिया गया है। घाटों की साफ-सफाई के बाद पुलिस के जवानों को दोपहर से ही तैनात कर दिया गया है।

महाकालेश्वर घाट जुगसलाई

जुगसलाई नगर परिषद क्षेत्र के महाकालेश्वर छठ घाट की सफाई के लिए दर्जन भर मजदूरों को लगाया गया है, वैसे इस घाट की सफाई पूर्व में भी करा दी गयी थी, लेकिन जब सरकार का गाइड लाइन आया तब दुबारा सफाई अभियान चलाया जा रहा है। व्रतियों के लिए खास इंतजाम इस घाट पर किया जा रहा है। यहां की विधि व्यवस्था की देखरेख जुगसलाई नगर परिषद के सौजन्य से होता है। जुगसलाई के भीड़-भाड़ वाले इलाके का यह महत्वपूर्ण घाट है। यहां तक पहुंचने के लिए जुगसलाई शहर को पूरा करना होगा। आटो व कार से घाट तक जाया जा सकता है।

तार कंपनी सीटू व टीए टाइप छठ घाट

टेल्को क्षेत्र के लोग इंद्रनगर स्थित तार कंपनी के सीटू व टीए टाइप तालाब में पूजा अर्चना करते हैं।  छठ पूजा को लेकर दोनों घाट तैयार है। तार कंपनी प्रबंधन की पहल पर हर साल तालाबों की साफ-सफाई से लेकर रख-रखाव को सुदृढ़ किया जाता है। पहले टीए टाइप तालाब की सफाई की गई फिर  सीटू टाइप तालाब की साफ-सफाई हुई। सीटू तालाब का छठ घाट काफी प्रसिद्ध हैं, यहां टेल्को, बिरसानगर, गोविंदपुर, खड़ंगाझाड़, मनीफीट, ग्वाला बस्ती समेत दर्जनों बस्तियों से सैकड़ों श्रद्धालु छठ वर्ती बनकर आते हैं। लोगों की भीड़ को देखते हुए जिला प्रशासन की ओर से यहां छठ घाट भी बनाया गया है। कंपनी प्रबंधन एवं टेल्को थाना द्वारा यहां सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए है। हेल्पडेस्क भी बनाया गया है। यह घाट तार कंपनी से सटा हुआ है।

हुड़को छठ घाट, टेल्को

इस घाट में गोविंदपुर, रहड़गोड़ा, बारीनगर, लक्ष्मीनगर क्षेत्र के लोग छठ पूजा करने आते हैं। यहां भी मेले जैसा नजारा रहता है। इस घाट की सफाई टाटा मोटर्स प्रबंधन द्वारा भी कराया जाता है। टाटा मोटर्स प्रबंधन ने यहां अपनी ओर से सुरक्षा के उपाय किए गए है। लोगों को कोविड-19 के निर्देशों का पालन करते हुए छठ घाट में प्रवेश का पोस्टर भी लगाया गया है। इसके लिए ध्वनि विस्तारक यंत्र से प्रचार भी किया जा रहा है।  ये घाट तार कंपनी के समीप ही बने है। टिन्प्लेट-टेल्को रोड पर स्थित है।

बड़ौदा घाट

बागबेड़ा क्षेत्र का यह सबसे प्रमुख घाट है। इस घाट की साफ-सफाई का कार्य युद्ध स्तर पर जारी है। बिहारी बहुल इस क्षेत्र में यहां सबसे ज्यादा भीड़ होती है। यहां की सुरक्षा व्यवस्था जिला प्रशासन, बागबेड़ा थाना एवं स्वंयसेवी संस्थाएं संभालती है। यहां दो मजिस्ट्रेट के साथ जवानों को तैनाती की जाएगी। इस घाट तक पहुंचने के लिए जुगसलाई घोड़ा चौक से आटो में जाया जा सकता है या फिर टाटा स्टेशन से बागबेड़ा थाना होते हुए इस घाट तक पहुंचा जा सकता है। दोनों ओर से घाट की दूरी लगभग दो किलोमीटर है।

सूर्य मंदिर छठ घाट सिदगोड़ा

जमशेदपुर के सिदगोड़ा स्थापित सूर्य मंदिर छठ घाट आस्था का प्रतीक है। चूंकि यहां सूर्य मंदिर है, इस कारण यहां भीड़ भी होती है। इस मंदिर एवं घाट को लेकर इन दिनों पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास एवं वर्तमान विधायक सरयू राय के बीच दिलचस्प जंग देखने को मिल रही है। यहां की सुरक्षा व्यवस्था पूरी तरह जमशेदपुर अक्षेस के हाथ में है। इस बार पुलिस प्रशासन भी इस घाट पर विशेष नजर बनाएं हुए है। साकची-बारीडीह रोड़ पर सिदगोड़ा चौक के समीप ही यह घाट स्थित है। यहां आकर्षक विद्युत सज्जा भी होती है।


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