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    'जोहार घाटशिला' लिख चंपई सोरेन ने पोस्ट की फोटो, राजनीतिक हलचल तेज

    Updated: Sun, 31 Aug 2025 04:29 PM (IST)

    झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन की घाटशिला विधानसभा क्षेत्र में सक्रियता से राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। घाटशिला में समर्थकों से मुलाकात और चाकुलिया में फुटबॉल टूर्नामेंट में भाग लेने के बाद उपचुनाव की चर्चाओं के बीच चंपई सोरेन के दौरे को चुनावी तैयारी के रूप में देखा जा रहा है। भाजपा में भी उम्मीदवार की उम्मीद लगाए नेता सक्रिय हो गए हैं।

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    चंपई सोरेन की घाटशिला विधानसभा क्षेत्र में सक्रियता तेज। (जागरण)

    संवाद सूत्र, घाटशिला। झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री सह भाजपा नेता चंपई सोरेन घाटशिला विधानसभा क्षेत्र में सक्रिय नजर आने लगे है।

    रविवार को चंपई सोरेन ने जब अपने इंटरनेट मीडिया पेज पर घाटशिला की धरती में खड़े होकर जोहार घाटशिला लिखकर एक फोटो पोस्ट किया तो क्षेत्र में राजनीतिक हलचल के साथ चर्चाएं शुरू हो गई।

    चंपई सोरेन ने घाटशिला में कई समर्थक व लोगों से मुलाकात की। इसके बाद बहरागोड़ा विधानसभा क्षेत्र के चाकुलिया के दूधियाशोली में हो रहे फुटबाल टूर्नामेंट में शामिल होने के लिए चंपई सोरेन रवाना हुए।

    राजनीतिक हलचल तेज

    इस टूर्नामेंट में कई वर्षों से चंपई सोरेन शामिल होते आ रहे। घाटशिला विधानसभा क्षेत्र में होने वाले उपचुनाव के सुगबुगाहट से ही चंपई सोरेन के घाटशिला विधानसभा क्षेत्र में सक्रिय होकर लोगों से मुलाकात व रणनीति से राजनीतिक हलचल भी तेज हो गई।

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    हालांकि, इसके पहले भी चंपई सोरेन कई बार घाटशिला क्षेत्र के विभिन्न स्थानों पर पहुंचकर कई कार्यक्रम में भाग लेकर लोगों से मिलते रहे। पिछले बार उनके पुत्र के विधानसभा चुनाव लड़ने के कारण वे घाटशिला में काफी सक्रिय थे।

    हालांकि, पुत्र को घाटशिला सीट से जीता पाने में वे कामयाब नहीं हो पाए। इसके बाद से ही वे लगातार घाटशिला आते-जाते रहे। अब उपचुनाव की संभावनाओं के बीच चंपई के घाटशिला क्षेत्र में आने व आदिवासी बहुल व शहरी क्षेत्र में लोगों संग मुलाकात ने राजनीतिक हलचल को बढ़ाया।

    अभी औपचारिक रूप से न तो चुनाव की घोषणा हुई है, न ही किसी पार्टी ने उम्मीदवारों के नामों का एलान किया। चंपई के पुत्र को दोबारा घाटशिला से टिकट मिलेगा या नहीं ये भी तय नहीं।

    फिर भी राजनीतिक जानकार ऐसे दौरे को चुनावी माहौल तैयार करने में अहम भूमिका मान रहे। चंपई की पकड़ घाटशिला के आदिवासी बहुल क्षेत्र में अच्छी मानी जाती है।

    भाजपा के दूसरे नेता भी हो गए सक्रिय

    बता दें कि पिछले विधानसभा चुनाव में चंपई सोरेन के पुत्र बाबूलाल सोरेन को ही घाटशिला विधानसभा सीट से चुनाव लड़ाया गया था। लेकिन उन्हें रामदास सोरेन से हार का सामना करना पड़ा था। अब रामदास सोरेन के निधन से घाटशिला विधानसभा सीट खाली हो गई। ऐसे में यहां दोबारा उपचुनाव होंगे।

    अब उपचुनाव के सुगबुगाहट के बीच आने वाले चुनाव में भाजपा किसे उम्मीदवार बनाएगी, इसको लेकर भी हलचल तेज हो गई। भाजपा में उम्मीदवार की आस में वर्षों से संगठन में जुड़कर राजनीतिक रूप से अपनी सेवा दे रहे नेताओं को भी इस बार उपचुनाव में संगठन से काफी उम्मीदें है।

    संगठन में वैसे नेता भी अब सक्रिय नजर आने लगे। क्षेत्र में वे भी अपनी गतिविधियों को तेज कर अंदर ही अंदर उपचुनाव की तैयारी में जुट गए हैं।

    इस बार उपचुनाव में बने राजनीतिक परिस्थितयों व माहौल को देखते हुए भाजपा आलाकमान भी पिछले चुनाव के हार से सीख लेते हुए उम्मीदवार के चयन में तमाम समीकरणों का ख्याल रखते हुए प्रत्याशी का चयन करेगा। ऐसी संभावनाएं जताई जा रही है।

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