Burning Car: जमशेदपुर में आग का गोला बनी चलती कार, चार लोगों ने कूदकर बचाई जान
जमशेदपुर में एक चलती कार में अचानक आग लग गई. कार में सवार चार लोगों ने कूदकर अपनी जान बचाई. आग लगने का कारण अज्ञात है, लेकिन माना जा रहा है कि तकनीकी खराबी के कारण ऐसा हुआ. दमकल विभाग ने आग पर काबू पाया, पर कार पूरी तरह जल गई. पुलिस घटना की जांच कर रही है।

जमशेदपुर में चलती कार खाक में हुई तब्दील। फोटो जागरण
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर। लौहनगरी के टाटानगर स्थित चाईबासा बस स्टैंड के पास आज सुबह उस समय अफरा-तफरी का माहौल बन गया, जब सड़क पर दौड़ती एक कार अचानक 'आग के गोले' में तब्दील हो गई।
राहत की बात यह रही कि कार में सवार चार लोगों ने गजब की सूझबूझ दिखाई और आग विकराल होने से पहले ही वाहन से कूदकर अपनी जान बचा ली। घटना सुबह करीब नौ बजे की है। बीच सड़क पर धू-धू कर जलती कार को देखकर मौके पर भारी भीड़ जमा हो गई, जिससे काफी देर तक यातायात भी प्रभावित रहा।
ट्रेन पकड़ने के लिए पहुंचा था परिवार
जानकारी के मुताबिक सरायकेल खरसावां जिले के गम्हरिया निवासी श्रीनिवास नायक अपनी पत्नी और बेटे के साथ बेटे को दुरंतो एक्सप्रेस में बैठाने के लिए टाटानगर स्टेशन पहुंचे थे। उन्होंने कार को आउट गेट के पास खड़ा किया और स्टेशन के भीतर चले गए।
इसी दौरान कार में अचानक आग लग गई। देखते ही देखते वाहन पूरी तरह से जलकर खाक हो गया। स्थानीय लोगों ने आग बुझाने का प्रयास किया, लेकिन लपटें तेज होने के कारण वे नाकाम रहे।
कार मालिक श्रीनिवास नायक ने बताया कि घटना की जानकारी मिलते ही वे मौके पर पहुंचे तो कार पूरी तरह जल चुकी थी। उन्होंने आशंका जताई कि आग लगने का कारण शॉर्ट सर्किट हो सकता है।
चंद सेकंड में राख का ढेर बनी कार
प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, कार टाटानगर स्टेशन क्षेत्र की ओर जा रही थी। जैसे ही वाहन चाईबासा बस स्टैंड के समीप पहुंचा, उसके बोनट से अचानक गहरा काला धुंआ उठने लगा। चालक ने खतरे को भांपते हुए तत्काल ब्रेक लगाया और चिल्लाते हुए सभी यात्रियों को फौरन बाहर निकलने को कहा।
कार सवारों के बाहर निकलते ही चंद सेकंड के भीतर लपटों ने पूरी गाड़ी को अपनी चपेट में ले लिया। यात्रियों के चेहरों पर दहशत साफ देखी जा सकती थी। स्थानीय दुकानदारों और राहगीरों की सूचना पर पुलिस और दमकल की गाड़ी मौके पर पहुंची। दमकल कर्मियों ने कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया, लेकिन तब तक कार पूरी तरह जलकर खाक हो चुकी थी।
शहर में लगातार बढ़ रहे ऐसे हादसे
जमशेदपुर में चलती गाड़ियों में आग लगने का यह सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। आज की घटना ने शहरवासियों को एक बार फिर चिंता में डाल दिया है। यदि पिछले कुछ महीनों के आंकड़ों पर नजर डालें तो शहर के अलग-अलग हिस्सों में ऐसी कई घटनाएं घट चुकी हैं।
हाल ही में बिष्टुपुर स्थित जेआरडी टाटा स्पोर्ट्स काम्प्लेक्स के पास भी एक चलती कार में भीषण आग लगी थी, जिसमें सवार तीन महिलाओं और बच्चों समेत कुल सात लोग बाल-बाल बचे थे।
इसके अलावा सोनारी के बुधराम मोहल्ला और गोविंदपुर क्षेत्र में भी शार्ट सर्किट की वजह से कारों में आगजनी की घटनाएं सामने आई थीं। गर्मियों के दौरान मरीन ड्राइव पर भी एक कार के बीच सड़क पर जलने का वीडियो काफी चर्चा में रहा था।
आखिर क्यों लगती है चलती कार में आग?
इन घटनाओं की बढ़ती संख्या के पीछे तकनीकी खामियां और मानवीय लापरवाही दोनों ही जिम्मेदार हैं। आटोमोबाइल विशेषज्ञों का मानना है कि अधिकतर मामलों में आग लगने का मुख्य कारण कार में शार्ट सर्किट होता है।
अक्सर लोग पुरानी गाड़ियों में बिना जांच के नई एसेसरीज, भारी साउंड सिस्टम या फैंसी लाइट्स लगवा लेते हैं, जिससे वायरिंग पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है और आग लग जाती है।
इसके अलावा रेडिएटर में पानी की कमी से इंजन का ओवरहीट होना, पेट्रोल या सीएनजी पाइप में लीकेज और समय पर सर्विसिंग न कराना भी ऐसे जानलेवा हादसों को न्योता देता है। जानकारों की सलाह है कि कार में हमेशा एक छोटा अग्निशमन यंत्र रखना चाहिए और धुंआ दिखते ही इंजन बंद कर सुरक्षित दूरी बना लेनी चाहिए।

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