Rare Blood Disorders : शरीर को दिव्यांग बना देता है ये तीन खून वाले रोग, अभी से संभल जाएं
Rare Blood Disorders अगर खून में कोई समस्या है तो यह आपको विकलांग बना सकता है। यह ऐसी बीमारी होती है जिसका पता शुरुआत में नहीं लग पाता है। ऐसे में आपको यह जानना जरूरी है कि इस रोग की पहचान कैसे करें...
जमशेदपुर : रोग कोई भी हो वह खतरनाक होता है। कोई धीरे-धीरे शरीर को डैमेज करता है तो कोई तेज गति से नुकसान पहुंचाता है। लेकिन, तीन रोग ऐसा है जो तेजी से शरीर को दिव्यांग बना देता है। दिव्यांगता बहुत खराब रोग होता है, जो इंसान को शारीरिक रूप से काफी कमजोर बना देता है।
इसके बाद इंसान न तो सही से चल पाता है और न ही कुछ ज्यादा सोच पाता है। इस दौरान जो इंसान मानसिक रूप से कमजोर होता है वह टूट जाता है। हालांकि, कुछ लोग वैसे भी होते है जो दिव्यांग होने के बावजूद भी बड़ी सफलता हासिल की है।
खून से जुड़ी ये समस्याएं आती हैं शारीरिक दिव्यांगता की श्रेणी में
एमजीएम अस्पताल के चिकित्सक डॉ. बलराम झा बताते हैं, जब आपके शरीर में खून की कमी हो जाती है तो लोग उसे एनीमिया के नाम से जानते हैं। शरीर में पर्याप्त मात्रा में खून नहीं होने से आपके शरीर में कमजोरी, काम करने में असमर्थता और अन्य समस्याएं हो सकती है।
खून से जुड़े कुछ दुलर्भ डिसअॉर्डर भी शारीरिक अक्षमता का कारण हो सकते हैं। खून से जुड़ी इन समस्याओं को शारीरिक शारीरिक विकलांगता की श्रेणी में रखा गया है। इन समस्याओं को भारत की संसद द्वारा पारित दिव्यांग लोगों के अधिकार विधेयक में शारीरिक दिव्यांगता की श्रेणी में शामिल किया गया था।
थैलेसीमिया : थैलेसेमिया एक गंभीर रोग है। इससे ग्रस्त बच्चे दिव्यांग हो जाते हैं। देश में करीब डेढ़ लाख बच्चे इस जन्मजात रोग से पीड़ित है। यह रोग रक्त से संबंधित है। इसकी वजह से शरीर असामान्य तरीके का हीमोग्लोबिन पैदा करने लगता है। इसकी वजह से बड़े पैमाने पर लाल रक्त कोशिकाओं का नाश होता है और संबंधित व्यक्ति में खून की कमी होने लगती है। यह एक वंशानुगत रोग है।
सिकल सेल एनीमिया : यह भी खून से संबंधित रोग है। इस रोग में शरीर में खून की कमी के साथ-साथ कई अन्य चीजों की कमी भी होती है।सिकल सेल एनीमिया भी खून से जुड़ी एक गंभीर समस्या है जिसे शारीरिक दिव्यांगता की श्रेणी में रखा गया है। सिकल सेल एनीमिया दरअसल एक ऐसी स्थिति है जब लाल रक्त कोशिकाएं हीमोग्लोबिन में गड़बड़ी के कारण चांद या अन्य टेढ़े-मेढ़े आकार की हो जाती हैं और कठोर हो जाती हैं। इसकी वजह से शरीर में खून का प्रवाह भी रुक जाता है।
हीमोफीलिया : यह रोग खून के थक्के बनने की क्षमता को प्रभावित करता है। हीमोफीलिया एक अनुवांशिक बीमारी है। जमशेदपुर में इसके सैकड़ों मरीज है। हालांकि, जागरूकता के अभाव में कई रोगियों की पहचान समय पर नहीं हो पाती है। जिसके कारण वे रोगी दिव्यांग बन जाते हैं। न तो चल पाते हैं और न ही कुछ काम। ऐसे में इस रोग को लेकर लोगों को जागरूक होने की जरूरत है। विशेषज्ञों का कहना है कि हीमोफीलिया बहुत ही दुर्लभ अनुवांशिक रोग है। इस रोग से संबंधित रोगी को अगर चोट लग जाती है तो उसके शरीर का खून रूक नहीं पाता है। भारत में इस तरह के लगभग दो लाख रोगी है।
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