घाटशिला में बाबूलाल-चंपाई सहित BJP के कई नेताओं ने संभाली कमान, JMM से दूर नजर आ रहे कांग्रेसी
घाटशिला में बाबूलाल मरांडी और चंपाई सोरेन जैसे बीजेपी के कई शीर्ष नेताओं ने कमान संभाल ली है। इससे पार्टी कार्यकर्ताओं में उत्साह का माहौल है। राजनीतिक हलकों में चर्चा है कि कांग्रेस और जेएमएम के बीच दूरियां बढ़ रही हैं। बीजेपी आगामी चुनावों के लिए अपनी रणनीति को मजबूत करने में लगी है।

घाटशिला में भाजपा ने उतार दिए कई रणनीतिकार, झामुमो से दूर ही नजर आ रहे बलमुचू व कांग्रेसी। फोटो जागरण
जागरण संवाददाता, घाटशिला। पल पल बदलते राजनीतिक समीकरण के माहौल में झामुमो के लिए अब राह आसान होती दिख नहीं रही। भले घाटशिला सीट पर झामुमो का मजबूत कब्जा रहा हो लेकिन इस बार कांटे के टक्कर की प्रबल संभावना बनती नजर आ रही है।
हालांकि, चुनाव में कई दिन शेष है, मूड और माहौल दोनों ही बदल सकते है। फिर भी भाजपा ने अपने कई राजनीति के रणनीतिकारों को घाटशिला के उपचुनाव में उतार दिया।
भले ही उम्मीदवार के नाम की घोषणा भाजपा या झामुमो के द्वारा किसी ने नहीं की हो। लेकिन भाजपा के कई दिग्गज चुनावी जीत को सुनिश्चित करने के उद्देश्य से घाटशिला की फील्ड में उतर चुके है।
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने जहां चुनावी कमान अपने हाथों में संभाल ली तो पूर्व मुख्यमंत्री चम्पाई सोरेन सरायकेला छोड़ घाटशिला में कैम्प कर गए।
सांसद विधुत महतो, भाजपा नेता अमर बाउरी, पूर्व मंत्री बड़कुवंर गगराई, पूर्व सांसद सुनील सोरेन, अमित यादव, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष दिनेशानंद गोस्वामी के अलावे जदयू के नेता भी घाटशिला की रणभेरी में उतर चुके है।
एनडीए की जीत सुनिश्चित करने के लिए सभी पूरी ताकत के साथ लगते नजर आ रहे। हालांकि, झामुमो खेमे में तैयारी तो चल रही है लेकिन फिलहाल उतने दमखम के साथ वह नजर नहीं आ रहा।
झामुमो पार्टी के शीर्ष नेताओं का आगमन घाटशिला में उतनी सक्रियता के साथ नहीं दिख रही जितनी भाजपा खेमे में देखने को मिल रही है। बहरहाल हो सकता ये भी झामुमो व सीएम हेमंत सोरेन की रणनीति का ही एक हिस्सा भी हो।
बलमुचू की नाराजगी के बाद कांग्रेस के कार्यकर्ता भी साइलेंट
इधर एनडीए प्रत्याशी की जीत सुनिश्चित करने के लिए जहां जदयू, आजसू जैसे दल भी घाटशिला में उतर चुके है वहीं इंडी गठबंधन की प्रमुख सहयोगी दल कांग्रेस घाटशिला की रणभेरी में सक्रिय नजर नहीं आ रही है।
प्रदीप बलमुचू की सक्रियता घाटशिला सीट पर देखने को जरूर मिल रही है, लेकिन उनके अपने चुनाव लड़ने के दावे है। जिसपर वे अब भी पार्टी के शीर्ष नेताओं से बात कर रहे।
कांग्रेस के नेता खुलकर झामुमो के प्रत्याशी पर पहले के चुनाव में ही उनकी उपेक्षा और जीतने के बाद भी उपेक्षा करने का आरोप लगा रहे है। ऐसे में स्पष्ट रूप से कांग्रेसी खेमें में नाराजगी है।
इस खेमे की नाराजगी को दूर करने वाले प्रदीप बलमुचू भी नाराज ही चल रहे है। इधर बलमुचू ने अपने इंटरनेट पेज पर कुछ खबरों को पोस्ट कर लिखा आज फिर वही कहूंगा जो जनता के साथ है, वही सच्चा नेता है!
बाक़ी… चुनाव तो सिर्फ एक पड़ाव है, असली यात्रा तो जनता के दिलों तक की है लिखकर एक संदेश देने की भी कोशिश की। फिलहाल कांग्रेस के शीर्ष नेता भी बलमुचू संग चर्चा जरूर कर रहे, हालांकि इस मामले को सीएम हेमंत सोरेन किस तरह से सुलझा पाएंगे या वे खुद के दम पर ही उपचुनाव नैया पार करेंगे ये देखने वाली बात होगी।
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