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    सालों से लड़ रहे आदिवासी पहचान की लड़ाई,अब सरकार को देना होगा जवाब, कुड़मी हिंदू या फिर आदिवासी: शैलेंद्र महतो

    By Jagran NewsEdited By: Mohit Tripathi
    Updated: Tue, 07 Feb 2023 04:09 PM (IST)

    कुड़मी हिंदू हैं या फिर आदिवासी इसे लेकर झारखंड की राजनीति में एक अलग बहस छिड़ी हुई है। इसी मुद्दे पर बात करते हुए पूर्व सांसद शैलेंद्र महतो ने कहा कि ...और पढ़ें

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    अब भारत सरकार को जवाब देना कि कुड़मी आदिवासी हैं या फिर हिंदू: शैलेंद्र महतो

    जमशेदपुर, जागरण संवाददाता: पूर्व सांसद शैलेंद्र महतो ने कुड़मी की पहचान को लेकर बात करते हुए कहा कि अब भारत सरकार को जवाब देना कि कुड़मी आदिवासी हैं या फिर हिंदू। उन्होंने कहा कि कुड़मी जनजाति छोटानागपुर पठार यानी वृहद झारखंड का खूंटकट्टीदा आदि निवासी है। कुड़मी जनजाति कई सालों से अपनी खोई हुई पहचान आदिवासियत की लड़ाई लड़ रही है।

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    सरकार को देना  है जवाब

    पूर्व सांसद ने आगे कहा कि कुड़मी का जेनेटिक, आर्कियोलाजिकल, एंथ्रोपोलोजिकली, लिंग्विस्टिकली, ज्योग्राफिकली, हिस्टोरिकली व ज्यूडिसरी इविडेंट साबित करता है कि कुड़मी मूल आदिवासी और अनार्य हैं। अब भारत सरकार को जवाब देना है कि कुड़मी आदिवासी हैं या हिंदू।

    दस्तावेजों के अनुसार आदिवाली हैं कुड़मी 

    सीएच एरिया के निर्मल गेस्ट हाउस में सोमवार को संवाददाता सम्मेलन में महतो ने कहा कि भारत सरकार के कई दस्तावेजों में कुड़मी को जनजाति माना गया है। भारत सरकार के तीन मई, 1913 को प्रकाशित गजट और बिहार-ओडिशा गजट 16 दिसंबर, 1931 में भी हिंदू, मुसलमान, ईसाई, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी, यहूदी से अलग मानते हुए संताल, मुंडा, हो, उरांव, खड़िया आदि की तरह कुड़मी को भी भारतीय उत्तराधिकार कानून से मुक्त रखा गया है। सीएनटी एक्ट में भी कुड़मी की जमीन को सुरक्षित किया गया है।

    अमृत महोत्सव में रघुनाथ महतो को नहीं किया गया याद

    पूर्व सांसद ने कहा कि आजादी का अमृत महोत्सव मनाया जा रहा है लेकिन इसमें चुआड़ विद्रोह के महानायक शहीद रघुनाथ महतो को सरकार ने याद नहीं किया। कुड़मी समाज 21 मार्च को बिष्टुपुर स्थित गोपाल मैदान में रघुनाथ महतो की 285वीं जयंती मनाएगा।

    विशाल जनसभा का होगा आयोजन

    शैलेंद्र महतो ने बताया कि इस अवसर पर विशाल जनसभा भी होगी, जिसे सफल बनाने में शहीद रघुनाथ महतो चुआड़ सेना के अजीत प्रसाद महतो, शीतल ओहदार व हरमोहन महतो सक्रिय हैं।