बैंकों में जमा आपका धन कितना है सुरक्षित, यहां जानिए; आपकी जमा राशि का बैंक ने बीमा किया है या नहीं
आईएल एंड एफएस पंजाब एंड महाराष्ट्र कोऑपरेटिव बैंक और यस बैंक जैसे लक्ष्मी विलास बैंक के डूबने के बाद आपके मन में यह सवाल उठता होगा कि बैंकों में जमा आपकी रकम कितनी सुरक्षित है। यहां जानिए कि आपकी जमा रकम का बैंक ने बीमा कराया है या नहीं।
जमशेदपुर। आप अपना पैसा बैंक में क्यों रखते हैं। सीधा सा जवाब है, ताकि पैसा सुरक्षित रहे, जमा रकम से ब्याज आता रहे और जब जरूरत हो तो हम देश के किसी भी कोने से रकम निकाल सके। किसी को भी अपनी जीवन की बचत सौंपने के लिए आपके मन में उसे प्रति भरोसा होना चाहिए।
चाहे वह कोई दोस्त या रिश्तेदार हो या बैंक। लेकिन यह भरोसा तब डिग जाता है, जब आईएल एंड एफएस, दीवान हाउसिंग फाइनेंस कॉरपोरेशन (डीएचएफएल), पंजाब एंड महाराष्ट्र कोऑपरेटिव (पीएमसी) बैंक और यस बैंक जैसे लक्ष्मी विलास बैंक (एलवीबी) जैसे नामी-गिरामी बैंक धराशायी हो जाते हैं। इसलिए यह असामान्य नहीं है कि जो लोग अपेक्षाकृत सुरक्षित और बड़े बैंकों में भी निवेश करते हैं, वे अपनी life savings के बारे में सतर्क रहते हैं। इसलिए, डिपोजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन (DICGC) द्वारा पेश किए गए बीमा कवर की ओर जमाकर्ताओं को प्रदान बीमा किया जाता है। यह बीमा कवर 4 दिसंबर, 2020 से पहले एक लाख रुपये से बढ़ाकर पांच लाख रुपये कर दिया गया था।
आरबीआई के अनुसार, अभी भी 49.1 फीसद जमा राशि असुरक्षित
हाल ही में जारी भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की वार्षिक रिपोर्ट 2020-21 के अनुसार, भारत में कुल 252.6 करोड़ खातों में से, मार्च 2021 के अंत में DICGC के तहत 247.8 करोड़ या 98.1% का बीमा किया गया था। हालांकि, इन खातों में बीमित धन का आज कितना मूल्य है, यह अलग मामला है। आरबीआई की रिपोर्ट में कहा गया है कि मार्च 2021 के अंत तक जमा किए गए 1,49,67,776 रुपये में से डीआईसीजीसी के तहत बीमाकृत कुल जमा राशि 76,21,258 करोड़ रुपये थी। इसका अर्थ यह है कि कुल जमा का केवल 50.9% वास्तव में जोखिम के लिए कवर किया गया है। ऐसे में अभी भी जमा राशि का 49.1% असुरक्षित है।
डीआईसीजीसी को प्रीमियम भुगतान करते हैं बैंक
केंद्रीय बैंक के अनुसार, इसका मुख्य कारण बैंकों द्वारा जमा बीमा कवर के लिए पंजीकरण नहीं करना है जिसके लिए डीआईसीजीसी को प्रीमियम का भुगतान करना पड़ता है। हालांकि, ऐसा तब भी हो सकता है जब एक ही अधिकार और क्षमता वाले बैंक खाते में जमा की गई राशि 5 लाख रुपये से अधिक हो। इसका मतलब यह हुआ कि अगर आपके खाते में 10 लाख रुपये जमा हैं तो अधिकतम बीमा 5 लाख रुपये का होगा। यानी आपका 5 लाख रुपये असुरक्षित है।
‘Same right and capacity’ vs ‘Different capacity and different right
यदि कोई व्यक्ति एक ही बैंक की एक या अधिक शाखाओं में एक से अधिक जमा खाता (Saving Account) खोलता है, उदाहरण के लिए, मनोज कुमार का एसबीआई में एक या एक से अधिक सेविंग या करेंट अकाउंट है या फिर उनके खाते में फिक्स्ड व रेकरिंग डिपोजिट है तो उनका खाता 'समान क्षमता और एक ही अधिकार में' (Same right and capacity) माना जाएगा। इसलिए, उनके सभी खातों में जमा राशि को मिलाकर सिर्फ पांच लाख रुपये तक का बीमा दिया जाता है। अगर मनोज किसी फर्म में पार्टनर या नाबालिग के अभिभावक या किसी कंपनी के निदेशक या ट्रस्ट के ट्रस्टी या ज्वाइंट अकाउंट खोलते है, तो उसे 'अलग-अलग क्षमता और अलग अधिकार' (Different capacity and different right) के तहत माना जाएगा। ऐसे खाते में भी आपका पांच लाख रुपये तक की रकम का बीमा होता है।
तो बैंक में जमा पांच लाख की अधिक राशि का बीमा कैसे करें
डिपोजिट इंश्योरेंस निर्धारित होने से पहले एक ही बैंक में एक ही प्रकार के स्वामित्व में रखी गई सभी निधियों को एक साथ जोड़ दिया जाता है। यदि फंड विभिन्न प्रकार के स्वामित्व में हैं या अलग-अलग बैंकों में जमा किए गए हैं तो उनका अलग से बीमा किया जाएगा। यदि आपके पास एक से अधिक बैंकों में जमा है, तो डिपोजिट बीमा कवरेज सीमा प्रत्येक बैंक में जमा राशि पर अलग-अलग लागू होती है।