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Banks BIG NEWS : आरबीआई ने इन बैंकों पर जताया भरोसा, कहा-कभी डूब नहीं सकता

Bank BIG NEWS रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने देश के तीन बड़े बैंकों पर भरोसा जताया है। अगर आप भी उपरोक्त तीनों बैंक में से किसी एक के ग्राहक हैं तो यह खबर आपके लिए है। आरबीआई के अनुसार ये बैंक कभी डूब नहीं सकते...

By Jitendra SinghEdited By: Published: Wed, 05 Jan 2022 06:20 AM (IST)Updated: Wed, 05 Jan 2022 06:20 AM (IST)
Banks BIG NEWS : आरबीआई ने इन बैंकों पर जताया भरोसा, कहा-कभी डूब नहीं सकता
Bank BIG NEWS : आरबीआई ने इन बैंकों पर जताया भरोसा, कहा-कभी डूब नहीं सकता

जमशेदपुर। अगर आप एसबीआई, आईसीआईसीआई व एचडीएफसी बैंक के कस्टमर हैं तो आप खुश हो जाइए। क्योंकि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने कहा है कि देश का सबसे बड़ा ऋणदाता भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के साथ-साथ एचडीएफसी और आईसीआईसीआई जैसे निजी बैंक घरेलू व्यवस्थित रूप से महत्वपूर्ण बैंक (Domestic Systemically Important Banks, D-SIBs) की श्रेणी में आता है। कहने का मतलब है कि उक्त बैंकों का विस्तार इतना बड़ा है कि कभी फेल नहीं हो सकता है।

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आरबीआई ने D-SIB की सूची जारी की

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने मंगलवार को 2021 के लिए घरेलू व्यवस्थित रूप से महत्वपूर्ण बैंकों (D-SIB) की सूची जारी की। भारतीय स्टेट बैंक (SBI), ICICI बैंक और HDFC बैंक को D-SIB की श्रेणी में रखा गया है।

भारतीय रिजर्व बैंक ने कहा, डी-एसआईबी के लिए अतिरिक्त सामान्य इक्विटी टियर 1 (सीईटी1) की आवश्यकता को 1 अप्रैल 2016 से चरणबद्ध रूप से लागू किया गया था और 1 अप्रैल 2019 से पूरी तरह से प्रभावी हो गया था। अतिरिक्त सीईटी 1 आवश्यकता पूंजी संरक्षण बफर (capital conservation buffer) के अतिरिक्त होगी।

एसबीआई की रेटिंग सबसे अधिक

एसबीआई के लिए रिस्क वेटेड एसेट्स (RWAs) के प्रतिशत के रूप में अतिरिक्त CET-1, 0.60 प्रतिशत है, जबकि एचडीएफसी बैंक और आईसीआईसीआई बैंक के लिए यह 0.20 प्रतिशत है।

आरबीआई के डी-एसआईबी ढांचे के लिए 2015 से शुरू होने वाले डी-एसआईबी के रूप में नामित बैंकों के नामों का खुलासा करने और इन बैंकों को उनके सिस्टमिक इंपोर्टेंस स्कोर (एसआईएस) के आधार पर उपयुक्त बकेट में रखने पर बल दिया है।

विदेशी बैंक के लिए भी नियम

उस बकेट के आधार पर जिसमें डी-एसआईबी रखा गया है, उस पर एक अतिरिक्त सामान्य इक्विटी आवश्यकता लागू करनी होगी। यदि कोई विदेशी बैंक जिसकी भारत में शाखा है, वह वैश्विक प्रणालीगत रूप से महत्वपूर्ण बैंक (G-SIB) है, तो उसे भारत में G-SIB के रूप में लागू अतिरिक्त CET1 पूंजी अधिभार बनाए रखना होगा, जो भारत में अपने RWA के अनुपात में होगा।

एसबीआई व आईसीआईसीआई को पहले ही मिल चुकी है मान्यता

एसबीआई और आईसीआईसीआई बैंक को क्रमशः 2015 और 2016 में डी-एसआईबी के रूप में मान्यता दी गई थी। 31 मार्च, 2017 तक बैंकों से एकत्र किए गए आंकड़ों के आधार पर, एचडीएफसी बैंक को भी एसबीआई और आईसीआईसीआई बैंक के साथ डी-एसआईबी के रूप में वर्गीकृत किया गया था। नवीनतम अपडेट 31 मार्च, 2021 तक बैंकों से एकत्र किए गए आंकड़ों पर आधारित है।

एयरेटल पेमेंट्स बैंक को भी आरबीआई ने दी मान्यता

केंद्रीय बैंक ने कहा कि एयरटेल पेमेंट्स बैंक लिमिटेड को आरबीआई अधिनियम की दूसरी अनुसूची में शामिल किया गया है। रिजर्व बैंक ने कहा, हम सूचित करते हैं कि "एयरटेल पेमेंट्स बैंक लिमिटेड" को भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की दूसरी अनुसूची में दिनांक 02 दिसंबर, 2021 की अधिसूचना के माध्यम से शामिल किया गया है और भारत के राजपत्र (भाग III - खंड 4) में प्रकाशित किया गया है।


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