Move to Jagran APP

Bank ALERT : फोन-पे व जी-पे बन रहे बैंकों के लिए खतरे की घंटी, जानिए किसने कही यह बड़ी बात

Bank ALERT हाल ही में नामी बैंकर उदय कोटक ने जी पे गूगल पे और फोन पे जैसे ऑनलाइन वालेट के बढ़ते प्रभाव को लेकर चिंता जाहिर की है। ऑनलाइन वैलेट बैंकों के लिए खतरे की घंटी है और बैंक इत्मीनान से सो रहे हैं...

By Jitendra SinghEdited By: Published: Mon, 06 Dec 2021 07:45 AM (IST)Updated: Mon, 06 Dec 2021 07:45 AM (IST)
Bank ALERT : फोन-पे व जी-पे बन रहे बैंकों के लिए खतरे की घंटी, जानिए किसने कही यह बड़ी बात
Bank ALERT : फोन-पे व जी-पे बन रहे बैंकों के लिए खतरे की घंटी, जानिए कैसे

जमशेदपुर, जासं। हाल ही में नामी बैंकर उदय कोटक ने G Pay या गूगल- पे और फोन-पे को लेकर कई सवाल उठाए। उन्होंने कहा है कि जब बैंक झपकी ले रहे हैं, तो पालिसी बनाने वालों को वित्तीय स्थिरता पर ध्यान देना चाहिए।

loksabha election banner

वित्तीय मामलों पर आयोजित एक कार्यक्रम में उदय कोटक ने कहा कि यूपीआइ पेमेंट के बढ़ते बाजार के लिए कहीं न कहीं बैंक की कार्यशैली जिम्मेदार है। गूगल-पे और वालमार्ट की फोन-पे ने 85 प्रतिशत बाजार पर कब्जा कर लिया है। यह सचमुच भारत के बैंकों के लिए खतरे की घंटी है। यदि अब भी फाइनेंशियल मार्केट में हलचल नहीं हो रही है, तो नीति निर्धारकों को इस पर ध्यान देना चाहिए।

बैंकों को हुआ आर्थिक संकट, तो यूपीआइ काे कैसे मिल रहे पैसे

उदय कोटक की बात पर सहमति जताते हुए वित्त विशेषज्ञ अनिल गुप्ता ने कहा कि पिछले दो वर्ष में बैंकों को पैसे नहीं मिल रहे थे, जबकि ये दो-तीन कंपनियां पेमेंट मार्केट में छा रही हैं। बैंकों को सोचना होगा कि उपभोक्ता आधारित कंपनियां बाहर पैसा क्यों लगा रही हैं।

बैंकिंग रेगुलेशन एक्ट गैर-वित्तीय कारोबार में काम नहीं कर सकती हैं, जिसे एक बार फिर गंभीरता से देखने की जरूरत है। इसके साथ-साथ यह वित्तीय स्थिरता का मामला है। हाल ही में एक तीसरे सबसे बड़े निजी बैंक ने भी गूगल-पे के बढ़ते कारोबार पर सवाल उठाया। बैंक प्रबंधक का कहना था कि बैंकों के लोन एसेट की जिम्मेदारी कौन लेगा। पहले यह तय होना चाहिए।

जिम्मेदार संस्थाएं एक सिस्टम बनाएं

उदय कोटक ने कहा था कि वह इन टेक-कंपनी के बढ़ते बाजार और इनके बीच बढ़ रही प्रतिस्पर्धा पर सवाल नहीं उठा रहे हैं, लेकिन एक सिस्टम और स्थिरता की चुनौती तो सामने दिख ही रही है। उन्होंने यूपीआइ या यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस और आधार आधारित पेमेंट सिस्टम पर जिम्मेदार अधिकारियों से ध्यान देने को कहा। उनका कहना था कि फिलहाल सिंगापुर से पार्टनरशिप है, जिसे बांग्लादेश व अफ्रीकी देशों तक ले जाना चाहिए। कुल मिलाकर यूपीआइ व आधार को वैश्विक स्तर पर लागू किया जाए।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.