जमशेदपुर के बागबेड़ा का आयुष बना नीट का झारखंड टापर, बेटे के लिए मां आज बनाएगी विशेष पकवान
जमशेदपुर के बागबेड़ा का रहने वाला आयुष कुमार झा ने नीट में झारखंड टापर बनने में सफलता प्राप्त की है। वह नारायणा कोचिंग संस्थान साकची का छात्र है। उसे अखिल भारतीय स्तर पर 113वां स्थान प्राप्त हुआ है। ईडब्ल्यूएस कैटेगरी में उसे अखिल भारतीय स्तर पर नौवां स्थान मिला है।

जासं, जमशेदपुर : एनटीए द्वारा जारी नीट के परीक्षा परिणाम में जमशेदपुर के बागबेड़ा निवासी आयुष कुमार झा नीट का झारखंड टापर बना है। उसे सामान्य वर्ग की रैंकिंग में अखिल भारतीय स्तर पर 113वां रैंक प्राप्त हुआ है। वहीं ईडब्ल्यूएस कैटेगरी की बात करें तो उसे अखिल भारतीय स्तर पर नौवां रैंक प्राप्त हुआ है। वह नारायणा कोचिंग सेंटर साकची का छात्र है। उसके पिता सुमन कुमार झा का बागबेड़ा में दवा की दुकान है। मां पिंकी कुमारी गृहिणी है। पूरा परिवार बागबेड़ा में ही रहता है। आयुष को कुल 720 अंक में 695 अंक प्राप्त हुआ है। इसकी उपलब्धि से परिवार के सभी लोग खुश है। दैनिक जागरण ने जब इसकी सूचना दी कि आयुष झारखंड टापर है तो उसके माता-पिता की खुशी का ठिकाना न रहा। खुशी के मारे माता-पिता के आंखों से आंसू निकल रहे थे। रो-रो कर बातें कर रहे थे कि इसका श्रेय उनका बेटा व नारायणा कोचिंग सेंटर के श्याम भूषण को जाता है, जिसने बेटा की तकदीर ही बदल दी। नीट का झारखंड टापर बागबेड़ा के आयुष के लिए उसकी मां आज विशेष पकवान बनाएगी। विशेष पकवान पिछले दो वर्ष से आशीष को नहीं मिला था। उसकी मां ने कहा कि वह नीट उत्तीर्ण करके दिखाएगा तो घर में विशेष पकवान बनेगा। आज वह घड़ी आ गई। बकौल आयुष ने बताया कि उसने अपनी मां को दिया गया वादा पूरा किया अब विशेष पकवान खाने का दिन है। पूरा परिवार गुरुवार को विशेष पकवान का आनंद लेगा। पिछले दो वर्ष से यह बंद था।
एम्स में दाखिला का सपना होगा पूरा
आयुष अपने माता-पिता के सपनों को पूरा करने जा रहा है। नीट की रैंकिंग के आधार पर एम्स दिल्ली में दाखिला होना तय है। उसके बाद वह जमशेदपुर में ही लोगों की चिकित्सा करना चाहता है। आयुष ने दसवीं की परीक्षा एसकेपीएस बिष्टुपुर से उत्तीर्ण की थी। डीएवी बिष्टुपुर से उसने 12वीं की परीक्षा उत्तीर्ण की। उसकी बहन निशा कुमारी सेंट मेरीज इंग्लिश हाई स्कूल बिष्टुपुर में पढ़ती है। उसका एक चार साल का छोटा भाई लव झा भी है।
घर में तीन-चार घंटे रोजाना करता था पढ़ाई
आयुष बताते हैं कि वह नारायणा के कोचिंग के अतिरिक्त घर में तीन-चार घंटा की पढ़ाई करता था। एनसीईआरटी के बुक्स को वह नारायणा कोचिंग सेंटर के शिक्षकों के निर्देशानुसा पढ़ता था। चार-पांच साल के प्रश्नों को भी हल किया। यहीं उसकी सफलता का माध्यम बना। नारायणा आइआइटी/नीट मेडिकल कोचिंग संस्थान के निदेशक श्याम भूषण बताते हैं कि इस छात्र के कारण हमने अखिल भारतीय स्तर पर संस्थान का झारखंड टापर छात्र पहले से ही घोषित कर रखा था। इसमें वह कामयाब भी हुआ। संस्थान ने इस छात्र के उज्जवल भविष्य की कामना की है।
पिता का खडंगाझाड में गल्ला दुकान, बेटी ने नीट में मारी बाजी
टेल्को की रहने वाली महिमा कुमारी को नीट में 10689वां रैंक प्राप्त हुआ है। ओबीसी कैटेगरी की बात करें तो उसे 4133वां रैंक प्राप्त हुआ है। उसके पिता रघुनाथ प्रसाद पुरी का खडंगाझाड बाजार में गल्ला की दुकान है। मां सुदीता देवी गृहणी है। उसने विद्या भारतीय चिन्मया टेल्को से 12वीं की कक्षा उत्तीर्ण की है। दसवीं की परीक्षा हिलटाप स्कूल से उत्तीर्ण की थी। उसने नीट की तैयारी के लिए एक साल ड्राप किया। इस बार परीक्षा दी और सफलता प्राप्त की। अपनी सफलता के बारे में बताते हुए महिमा बताती है कि नारायणा कोचिंग संस्थान साकची के शिक्षकों ने उनका मार्गदर्शन किया। इस कारण मात्र एक साल में ही नीट की परीक्षा उत्तीर्ण कर पाई। वह किसी अच्छे कालेज में ज्वाइन करना चाहती है। रिम्स में भी मौका मिला तो वहां भी नामांकन ले सकती है।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।