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    Attention! झारखंड में उद्योग विभाग चला रहा ये योजनाएं, आप भी आएं, लाभ उठाएं

    By Rakesh RanjanEdited By:
    Updated: Sat, 13 Feb 2021 12:21 PM (IST)

    Industries Department in Jharkhand. झारखंड सरकार का उद्योग विभाग स्वरोजगार काे प्रोत्साहित करने के लिए विभिन्न योजनाएं संचालित कर रहा है। आप भी इसका लाभ उठा सकते हैं। जानिए कौन-कौन सी हैं योजनाएं क्या-क्या मिलती है सुविधा। Attention

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    झारखंड में उद्योग विभाग चला रहा ये योजनाएं। आप भी आएं एवं लाभ उठाएं।

    जमशेदपुर, जासं। झारखंड सरकार का उद्योग विभाग स्वरोजगार काे प्रोत्साहित करने के लिए विभिन्न योजनाएं संचालित कर रहा है। आप भी इसका लाभ उठा सकते हैं। जानिए कौन-कौन सी हैं योजनाएं, क्या-क्या मिलती है सुविधा।

    प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम

    इस योजना के अंतर्गत विनिर्माण एवं सेवा क्षेत्र की इकाइयों को सरकार द्वारा क्रमशः 25 लाख एवं 10 लाख रुपये तक का ऋण प्रदान किया जाता है। इसके अतिरिक्त सामान्य श्रेणी के व्यक्तियों को शहरी क्षेत्र में कार्य करने हेतु 15 प्रतिशत एवं ग्रामीण क्षेत्र में कार्य हेतु 25 प्रतिशत एवं महिला, अल्पसंख्यक, ओबीसी, अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के व्यक्तियों को शहरी क्षेत्र में 25 प्रतिशत व ग्रामीण क्षेत्र में 35 प्रतिशत अनुदान प्रदान की जाती है। यह पूर्णत: ऑनलाइन प्रक्रिया है, जिसमें आवेदक kviconline.gov.in पोर्टल पर जाकर आवेदन कर सकते हैं।

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    झारखंड औद्योगिक एवं निवेश प्रोत्साहन नीति 2016

    इस नीति के अंतर्गत एमएसएमई इकाइयों को सरकार द्वारा प्लांट एवं मशीनरी पर किए गए निवेश का 20 प्रतिशत अनुदान दिया जाता है। अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, महिला व दिव्यांग को अतिरिक्त पांच प्रतिशत अनुदान दिया जाता है। इसके अतिरिक्त इकाइयों को निम्न सुविधाएं प्रदान की जाती है।

    1. स्टांप ड्यूटी एवं निबंधन शुल्क- रैयत द्वारा सीधे खरीदी गई भूमि पर उद्योग स्थापित करने हेतु इकाइयों को स्टांप ड्यूटी एवं निबंधन शुल्क पर सरकार द्वारा 100 प्रतिशत छूट प्रदान की जाती है, यह छूट केवल पहले लेनदेन या ट्रांजेक्शन पर लागू होती है।

    2. गुणवत्ता प्रमाण पत्र - ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड बीआइएस अथवा अन्य ख्यातिप्राप्त अंतरराष्ट्रीय संस्थानों से गुणवत्ता प्रमाणपत्र प्राप्त करने के लिए इकाइयों को किए गए कुल व्यय का 50 फीसद (अधिकतम सीमा 10 लाख रुपये) सरकार द्वारा प्रदान किया जाता है।

    3. पेटेंट निबंधन- राज्य सरकार द्वारा इकाइयों को किए गए मूल अनुसंधान/कार्य के पेटेंट को निबंधित एवं प्राप्त करने हेतु कुल व्यय का 50 फीसद (अधिकतम सीमा 10 लाख रुपये) प्रदान किया जाता है।

    4. ब्याज अनुदान- राज्य सरकार द्वारा नई एमएसएमइ इकाइयों को बैंक द्वारा प्रदत ऋण पर पांच प्रतिशत वार्षिक छूट पांच साल तक दी जाती है। इस छूट की अधिकतम सीमा सूक्ष्म इकाइयों के लिए 10 लाख, लघु इकाइयों के लिए 20 लाख एवं मध्यम इकाइयों के लिए 40 लाख रुपये है।

    इसके अतिरिक्त औद्योगिक नीति के अंतर्गत वैट सब्सिडी क्लस्टर विकास हेतु अनुदान जैसी सुविधाएं इस नीति में समाहित हैं।

    झारखंड खाद्य नीति 2015

    यह नीति माह सितंबर 2020 में बंद हो गई है, नई संशोधित नीति के शीघ्र लागू होने की संभावना है।

    सिंगल विंडो सिस्टम

    औद्योगिक विकास के प्रोत्साहन के उद्देश्य से विभिन्न अनुज्ञप्तियों, अनुमतियों एवं स्वीकृतियों को त्वरित एवं समयबद्ध मंजूरी प्रदान करने, नए निवेश को सुगम एवं सरल करने हेतु झारखंड सिंगल विंडो क्लीयरेंस अधिनियम 2015 को राज्य सरकार द्वारा लागू किया गया है। जिला स्तर पर महाप्रबंधक जिला उद्योग केंद्र सिंगल विंडो सिस्टम के नोडल पदाधिकारी होते हैं। जिला स्तर पर उपायुक्त की अध्यक्षता में गठित जिला कार्यकारिणी समिति में महाप्रबंधक जिला उद्योग केंद्र सदस्य सचिव, जिला वाणिज्य कर उपायुक्त सदस्य, क्षेत्रीय पदाधिकारी प्रदूषण नियंत्रण पार्षद सदस्य, जिला योजना पदाधिकारी सदस्य, श्रम विभाग के जिला पदाधिकारी सदस्य, जिला के बिजली वितरण निगम के कार्यपालक अभियंता सदस्य, जिला खनन पदाधिकारी सदस्य एवं प्रमंडल वन अधिकारी सदस्य होते हैं। यह एजेंसी जिले में निवेश को प्रोत्साहित करने, उद्यमियों को निवेश एवं उनकी परियोजनाओं को स्थापित करने में सहायता एवं मार्गदर्शन प्रदान करने, उद्यमियों को आवेदन प्रपत्र उपलब्ध कराने एवं विभिन्न विभागों एवं प्राधिकारों से आवश्यक मंजूरी को नियत समय पर दिलवाने में एवं जिला कार्यकारिणी समिति और राज्य सरकार द्वारा समय-समय पर अधिसूचना के माध्यम से प्रत्यायोजित शक्ति या कार्यों का प्रयोग करेगी।

    स्टैंडअप इंडिया

    इस योजना के अंतर्गत महिलाओं, अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के व्यक्तियों को 10 लाख से लेकर एक करोड़ रुपये का ऋण प्रदान किया जाता है। यह ऋण विनिर्माण, सेवा क्षेत्र एवं ट्रेडिंग कार्य हेतु प्रदान किया जाता है। इसका भुगतान सात वर्षों में किया जा सकता है। इस योजना में ऋण प्राप्तकर्ता द्वारा कुल परियोजना व्यय का 10 फीसद स्व-निवेश करना पड़ता है। ब्याज की दर बैंक द्वारा उस श्रेणी में निर्धारित न्यूनतम होगी जो बेस रेट (एमसीआइआर) के साथ तीन फीसद व टेनर प्रीमियम से अधिक नहीं होगी।

    वन आधारित उद्योग- झारखंड में विशेषत

    पूर्वी सिंहभूम जिले में वन संपदा विशाल एवं विविधता पूर्ण है, जो विभिन्न प्रकार के उद्योगों को स्थापित एवं संचालित करने में पूर्णता सक्षम है। इनमें से कुछ प्रमुख उद्योग निम्नवत हैं-

    कागज उद्योग, रबड़ उद्योग, बेंत उद्योग, लाख उद्योग, रेजीन उद्योग आदि।

    उद्यमी पीएमइजीपी (प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम) लोन के माध्यम से इनमें से किसी उद्योग को स्थापित कर स्वरोजगार प्राप्त कर सकते हैं। मुख्यमंत्री लघु कुटीर बोर्ड द्वारा भी महाप्रबंधक, जिला उद्योग केंद्र के मार्गदर्शन में इन उद्योगों को स्थापित करने एवं संचालित करने में सहायता प्राप्त की जा सकती है।

    पॉलीमर एवं रसायन आधारित उद्योग

    एलोवेरा जेल निर्माण, बॉल पेन इंक, बैटिंग ग्लव्स, बेल्टिंग लेदर, बिंदी निर्माण, ब्लो-मोल्डेड प्लास्टिक कंटेनर, बबल पैकिंग पेपर, कैनवास जूते, लकड़ी पर रासायनिक छपाई, बच्चों के जूते, क्लीनिंग पाउडर, फ्रेस क्रीम, फ्लोर पॉलिश आदि।

    खनिज आधारित उद्योग

    1. सीमेंट जाली

    2. सिरेमिक कैंडल (वाटर फिल्टर में उपयोग के लिए)

    3. चॉक क्रेयॉन्स

    4. कांच के सजावटी वस्तु

    5. निकेल प्लेटिंग

    6. फ्लाई ऐश ब्रिक्स

    7. पत्थर की कटाई एवं पॉलिशिंग

    8. लाह चूड़ी निर्माण

    9. लीड पेंसिल

    10. मिनरल ग्राइंडिग

    11. प्लास्टर ऑफ पेरिस की मूर्ति एवं खिलौना निर्माण आदि।

    पीएमइजीपी लोन के माध्यम से इन उद्योगों को स्थापित एवं संचालित करने में सरकार से सहायता प्राप्त की जा सकती है।

    टेक्सटाइल उद्योग

    झारखंड में टेक्सटाइल उद्योग के प्रोत्साहन के लिए झारखंड टेक्सटाइल, एपारेल व फुटवियर पालिसी-2016 के अंतर्गत राज्य सरकार द्वारा फैपिटल इन्वेस्टमेंट सब्सिडी के माध्यम से इस क्षेत्र में निवेश करने वाली इकाइयों को प्लांट एवं मशीनरी के कुल निवेश का 20 फीसद अनुदान (अधिकतम सीमा 50 करोड़ रुपये) प्रदान करती है। अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, महिलाओं एवं दिव्यांगो को सीआइएस (सेंटर फॉर इंटरनेट एंड सोसाइटी) के अंतर्गत पांच प्रतिशत अतिरिक्त अनुदान का लाभ प्राप्त है। अनुदान की राशि एकमुश्त प्रदान की जाती है इसके अलावा बैंक से लिए गए लोन पर सात प्रतिशत वार्षिक या बैंक लोन के ब्याज का प्रतिवर्ष ब्याज की राशि का 50 फीसद छूट (इनमे से जो कम हो) सात वर्ष तक सरकार द्वारा दी जाती है। इसी प्रकार झारखंड औद्योगिक एवं निवेश प्रोत्साहन नीति में समाहित स्टाम्प डयूटी एवं निबंधन शुल्क में छूट एवं सात वर्ष तक बिजली बिल में 50 प्रतिशत छूट की सुविधा टेक्सटाइल उद्योग को प्रदान की जाती है।

    सेवा क्षेत्र

    इस क्षेत्र में आनेवाले कुछ प्रमुख उद्योग निम्नवत हैं

    इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की रिपेयरिंग एवं मेंटेनेंस, टेंट हाउस, दोपहिया गाड़ी की रिपेयरिंग व सविर्सिंग, वेब डिजाइनिंग, ऑटो गैरेज, सैलून व ब्यूटी पार्लर, कम्प्यूटर मेंटेनेंस व सर्विसिंग, साइबर कैफे, ढाबा, ऑडियो सिस्टम को भाड़े पर देना, प्लंबिग, बुटिक कार्य आदि का पीएमइजीपी लोन के माध्यम से इन उद्योगों की स्थापना एवं संचालन किया जा सकता है।