अंशुमन भगत की किताब 'एक सफर में' को देशभर के कलाकारों की मिल रही प्रतिक्रिया
अभिनेता दीपक मिश्रा ने पुस्तक एक सफर में को जीवन के दो पहलुओं से जोड़ते हुए बताया कि एक कलाकार रंगमंच की दुनिया में या तो सफलता की असीम ऊंचाइयों को पा लेता है या उसे पाने के लिए गर्त में समा जाता है।

जमशेदपुर, जागरण संवाददाता। देश में भिन्न- भिन्न जगहों से जमशेदपुर शहर के युवा लेखक अंशुमन भगत की आने वाली चौथी पुस्तक के लिए अब कलाकारों का बढ़ता रुझान दिख रहा है। अंशुमन भगत की किताब "एक सफर में" जो दिसंबर 18 को प्रकशित किया जाना है उसके लिए कलाकार वीडियो के माध्यम से लेखक को अपनी शुभकामनाओं के साथ उन्हें अपना प्यार और सहयोग जता रहे हैं।
कलाकारों का कहना है कि अब तक बॉलीवुड टीवी इंडस्ट्री में आम कलाकारों के साथ होने वाली समस्याओं पर किसी ने कभी आवाज नहीं उठायी क्योंकि इन विषयों पर लोगों का कम ध्यान जाता है। इस वजह से कलाकारों के जीवन में होने वाले उतार-चढ़ाव को लोग नजरअंदाज कर देते हैं कि आखिर एक कलाकार का जीवन बनता कैसे है? और बिगड़ता कैसे हैं?
ये कहते अभिनेता दीपक मिश्रा
अभिनेता दीपक मिश्रा ने पुस्तक "एक सफर में" को जीवन के दो पहलुओं से जोड़ते हुए बताया कि एक कलाकार रंगमंच की दुनिया में या तो सफलता की असीम ऊंचाइयों को पा लेता है या उसे पाने के लिए गर्त में समा जाता है। इस सफर में लोग या तो अपने सभी सगे संबंधी का साथ पा लेते हैं या उनका साथ खो देते हैं। उन्होंने आने वाली प्रत्येक पीढ़ी के लिए एक सीढ़ी का निर्माण किया है। एक मंच का निर्माण किया है जहां से ये पा सकते है कि हमे किन गलतियों को नहीं करना है और किन आयामों को करते हुए उन्हें वह ऊंचाई मिलेगी जिसके लिए वे अपने शहर से मुंबई या दिल्ली जैसे बड़े शहरों में अपनी सफलता पाने की जिज्ञासा के साथ आते हैं। ऐसे गंभीर विषयों पर किताब लिख कर लेखक ने कलाकारों को एक आवाज़ देने का काम किया है जो काफी ज्यादा सराहनीय है।
कास्टिंग काउच की फांस
इस पुस्तक "एक सफर में" अनेक परिस्थितियों का जिक्र किया गया है जिसमें से एक है कास्टिंग काउच जिसमें फस कर कई कलाकार अपनी जिंदगी, अपने सपनों से हाथ धो बैठते हैं। इस फिल्म इंडस्ट्री में सबसे बड़ी समस्या भटकाव है और यह ज्यादातर देखा जाता है कि कलाकार गलत राह की वजह से अपने सपनों से दूर होता जाता है। इस पुस्तक में केवल समस्याओं के बारे में ही नहीं बल्कि उस समस्याओं के समाधान के विषय पर भी लिखा गया है जो इस किताब को काफ़ी ज्यादा ख़ास बनाता है। इन सभी पहलुओं पर लेखक अंशुमन भगत ने काफी बारीकी से लिखा है जो तमाम कलाकारों के जीवन के सफर को दर्शाता है।
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