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    स्टील स्ट्रिप्स व्हील्स में कर्मचारियों के स्थायीकरण की उपलब्धि को पूर्व सांसद के नाम किया समर्पित

    By Rakesh RanjanEdited By:
    Updated: Thu, 03 Jun 2021 05:36 PM (IST)

    कोरोना संक्रमण काल में गोविंदपुर स्थित स्टील स्ट्रिप्स व्हील्स कंपनी में कार्यरत 60 ठेका कर्मचारियों का कंपनी में स्थायीकरण होने पर झारखंड जनशक्ति मजदूर यूनियन के अध्यक्ष आनंद बिहारी दुबे का कर्मचारियों ने फूल-माला पहना कर बारीडीह में अभिनंदन किया।

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    झारखंड जनशक्ति मजदूर यूनियन के अध्यक्ष आनंद बिहारी दुबे का अभिनंदन।

    जमशेदपुर, जासं। कोरोना संक्रमण काल में गोविंदपुर स्थित स्टील स्ट्रिप्स व्हील्स कंपनी में कार्यरत 60 ठेका कर्मचारियों का कंपनी में स्थायीकरण होने पर झारखंड जनशक्ति मजदूर यूनियन के अध्यक्ष आनंद बिहारी दुबे का कर्मचारियों ने फूल-माला पहना कर बारीडीह में अभिनंदन किया।

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    सोमवार को सभी कर्मचारियों को स्थायी होने का नियुक्ति प्रमाण पत्र मिला था। अपने संबोधन में कांग्रेस नेता सह यूनियन अध्यक्ष आनंद बिहारी दुबे ने कहा कि गोविंदपुर में स्टील स्ट्रिप्स व्हील्स कंपनी की स्थापना में पूर्व सांसद सुनील महतो की अहम भूमिका रही। वे हमारे राजनीतिक गुरु थे। आज उन्हीं की वजह से हजारों लोगों को कंपनी में रोजगार मिल रहा है। कोरेाना महामारी के दौर में लोगों की नौकरी जा रही है। इस विषम परिस्थिति 60 कर्मचारियों का कंपनी में स्थायी होने का श्रेय उन्होंने पूर्व सांसद सुनील महतो को समर्पित करने की बात कही। इस मौके पर धीरज कुमार, संतोष तिवारी, भोला यादव, कृष्णा साव, अविनाश तिवारी, अंजू, राहुल,सुमित पांडेय, सीबी चौरसिया, राम त्रिनाथ, जितेंद्र कुमार, कमलेश चौबे, अविनाश, दिलीप,ए मोहन कुमार, राजीव दास, संजय सहित काफी संख्या में कर्मचारी व यूनियन के नेता मौजूद थे।

    तीन साल की देरी हुइ

    छह जुलाई 2018 को कंपनी प्रबंधन और मान्यता प्राप्त झारखंड जनशक्ति मजदूर यूनियन के बीच ग्रेड रिवीजन समझौते के दौरान 60 ठेका मजदूरों को स्थायीकरण करने पर समझौता हुआ था। समझौते के तहत स्थायी होने वाले कर्मचारियों को एक साल के लिए प्रोबेशन पीरियड में रहना था। मगर कंपनियों की वित्तीय स्थिति ठीक नहीं होने से कर्मचारियों को लगभग तीन साल तक स्थायी होने का इंतजार करना पड़ा। कंपनी की मान्यता प्राप्त झारखंड जनशक्ति मजदूर यूनियन के अध्यक्ष आनंद बिहारी दुबे ने कंपनी प्रबंधन के समक्ष मामले को उठाया तथा प्रबंधन ने आखिरकार सभी कर्मचारियों को स्थायी कर दिया।