धरती को 'फोन' की तरह इस्तेमाल करते हैं हाथी, जानें उनके संचार की अनोखी दुनिया
हाथी विश्व के सबसे समझदार जानवरों में से एक हैं। वे लो-फ्रीक्वेंसी साउंड और पैरों से जमीन के कंपन को महसूस करके 30 किमी तक की दूरी से आपस में संवाद कर सकते हैं। वे 14 से 16 हर्ट्ज तक की आवाज सुन सकते हैं। उनके तलवों में मौजूद विशेष अंग उन्हें जमीन की कंपन को महसूस करने में मदद करता है। 200 से अधिक संकेत समझने की शक्ति।

मनोज सिंह, जमशेदपुर। हाथियों की रहस्यमयी भाषा का प्रयोग करते हैं, जिसका फ्रिक्वेंसी इतना कम होता है, जिसे मनुष्य अपने कान से सुन नहीं सकते। जिसे लो फ्रिक्वेंसी की रंबल ध्वनि निकालते हैं। कुछ ध्वनि तो इतना कम फ्रिक्वेंसी होती है, जिस इंफ्रा साउंड कहते हैं।
हाथी 14 से 16 हर्ट्ज तक की आवाज को सुन सकते हैं, जबकि मनुष्य कम से कम 20 हर्ट्ज से 20,000 हर्ट्ज तक की ध्वनि को पहचान सकते हैं।हाथियों पर शोध कर रहे लाल रत्नाकर सिंह कहते हैं कि हाथियों की अपनी रहस्यमयी भाषा है। जिसे वह 200 से अधिक संकेत को समझ सकती है। खतरे का आभाष हो तो हाथी 30 किमी की दूर से ही अपना रास्ता बदल लेता है। हाथी अपने सूंड को जमीन पर रखकर संदेश दे सकता है और सुन सकता है।
यदि सुनने का फ्रिक्वेंसी बेहद ही कम हो तब भी हाथी दूर तक सुन और समझ सकता है।आंधी तूफान हो तो हाथी पूरी तरह जमीन पर निर्भर रहता है।हाथियों के लिए धरती एक सूचनातंत्र है।
हाथी स्पर्श कर समझते हैं बहुत कुछ
हाथी स्पर्श कर बहुत कुछ समझ जाते हैं। हाथी स्पर्श विशेष रूप से मां-बच्चे के संचार के लिए महत्वपूर्ण है। चलते समय हाथी माताएं अपने बच्चों को अपनी सूंड, पैरों या पूंछ से छूती हैं जब वे साथ-साथ होती है। यदि बच्चा आराम करना चाहता है, तो वह अपनी मां के अगले पैरों से दबाएगा और जब वह दूध पीना चाहता है, तो वह उसके पैर को छूएगा।
हाथी के तलवे में होता है पेसेनियन कोरमंसकल
हाथी के तलवे में पेसेनियन कोरमंसकल होता है। जिसके माध्यम से प्राप्त कंपन तंत्रिका तंत्र के माध्यम से आंतरिक कान तक प्रेषित होते हैं, जिससे हाथी अपने पैरों के माध्यम से अपने पर्यावरण को सुनने और महसूस करने में सक्षम होते हैं। यह हाथी को प्रकृति का एक उल्लेखनीय उपहार है। हाथियों में एक असामान्य महाशक्ति होती है पैर। हाथियों के पैरों की अविश्वसनीय संवेदनशीलता के कारण काम करता है।
हाथियों में खूबियां ही खूबियां
हाथी में इतनी अधिक खूबियां है कि यह मनुष्य से कहीं आगे हैं। जैसे हमारे हाथ हैं, वैसे ही हाथी के दांत होते हैं। हम नमस्ते कहने के लिए हाथ हिलाते हैं, वहीं हाथी भी नमस्ते करने के लिए अपनी सूंडों को आपस में घुमाकर गले लगाने जैसा भाव दिखाते हैं।हाथी धरती को फोन की तरह इस्तेमाल करते हैं, पैरों की आवाज निकालते हैं और गड़गड़ाहट के साथ आवाज निकालते हैं, जिसे दूसरे हाथी ज़मीन के जरिए सुन लेते हैं।
हाथी विश्व का सबसे समझदार जानवरों में से एक है। हाथियों के तलवों में पेसेनियन कोरमंसकल होता है। जिससे वह किसी भी तरह के कंपन को सुन और समझ सकता है। हाथी विभिन्न प्रकार की ध्वनियां, शारीरिक हाव-भाव और गंध का उपयोग करके संवाद करते हैं।
- लाल रत्नाकर सिंह, रिटायर पीसीसीएफ, वाइल्ड लाइफ, झारखंड

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