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    Yoga Tips : नटराज आसन करने से मिलता है अद्भुत फायदा, जानिए योग एक्सपर्ट रूमा शर्मा से

    By Rakesh RanjanEdited By:
    Updated: Sun, 26 Dec 2021 04:49 PM (IST)

    Ruma sharma Yoga Expert यह आसन थोड़ा कठिन है लेकिन नियमित अभ्यास से इसे आसानी से कर सकते हैं। नटराज आसन करने के तरीके और उसके फायदे के बारे में बता रहीं है रूमा शर्मा। आप पढें एवं जानें। फायदे हाते ही कह उठेंगे वाह।

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    जमशेदपुर की प्रसिद्ध योग एक्सपर्ट रूमा शर्मा ।

    जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : नटराज आसन करने से मिलते हैं अद्भुत फायदे। मान्यता है कि नटराज आसन भगवान शिव की प्रिय योग मुद्रा है। नटराज आसन के संबंध में जमशेदपुर की प्रसिद्ध योग एक्सपर्ट रूमा शर्मा कहती हैं कि यह आसन थोड़ा कठिन है, लेकिन नियमित अभ्यास से इसे आसानी से कर सकते हैं। नटराज आसन करने के तरीके और उसके फायदे के बारे में बता रहीं है रूमा शर्मा।

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    नटराज आसन करने के फायदे

    • नटराज आसन का नियमित अभ्यास वजन कम करने में मदद करता है।
    • शारीरिक संतुलन को बेहतर बनाने में मदद करता है।
    • नटराज आसन योग करने से जांघ, कूल्हे, टखने और सीना स्ट्रेच होकर मजबूत बनता है।
    • इस आसन के अभ्यास से आपकी एकाग्रता बढ़ता है।
    • नटराज आसन करने से तनाव में कमी व दिमाग की शांति मिलती है
    • नटराज आसन करने से शरीर की पाचन शक्ति बढ़ती है।
    • नटराज आसन करने से स्पाइन, कंधे लचीले बनते हैं।

    नटराज आसन करने की सही विधि

  • सबसे पहले दोनों पैरों पर बराबर वजन डालकर योग मैट पर खड़े हो जाएं
  • अब सामने किसी एक बिंदु पर अपना ध्यान केंद्रित करें।
  • अब दायां घुटना मोड़ लें और शरीर के पीछे से दाएं हाथ की मदद से इसका टखना पकड़ लें।
  • दोनों घुटनों को बराबर रखें और शारीरिक संतुलन बनाने की कोशिश करें।
  • जब संतुलन बन जाए, तो दाएं हाथ से पकड़े हुए ही दायां पैर जितना हो सके उपर की तरफ तानने की कोशिश करें।
  • ध्यान रहे कि दायां कूल्हा मुड़ना नहीं चाहिए।
  • अब बाएं हाथ की तर्जनी अंगुली और अंगूठे को मिलाकर ज्ञान मुद्रा में लाएं और हाथ को सीने के सामने आगे की तरफ
  • फैला लें और अब इस पर अपना ध्यान केंद्रित करें।
  • जितनी देर तक हो सके इसी अवस्था में रहने की कोशिश करें।
  • अब बाएं हाथ को नीचे की तरफ लाएं और दाहिना टखना छोड़कर दायां हाथ भी आराम की अवस्था में ले आएं।
  • धीरे-धीरे दाएं पैर को नीचे जमीन पर लाएं
  • थोड़ी देर आराम करके फिर बाएं पैर के साथ इसी क्रम का अभ्यास करें।

  • नटराज आसन करने समय बरतें यह सावधानी

  • अगर नटराज आसन का अभ्यास करते हुए आपको कमर में दर्द या असहजता होती है, तो इसे तुरंत रोक दें। इसके अलावा कंधे, कूल्हे, घुटनो की परेशानी या चोट वाले लोग इस आसन को न करें।