गर्मी से होने वाली बीमारी व लू को लेकर अलर्ट जारी, रैपिड रिस्पांस टीम गठित
वर्ष 2019 में लू के सबसे अधिक मामले सामने आए थे। जिला सर्विलांस विभाग के अनुसार 286 मरीज लू के चपेट में आए थे जिनकी स्थिति गंभीर थी। वहीं दो की मौत हो गई है। इससे पूर्व 2016 में 109 मरीज लू की चपेट में आए थे।

जमशेदपुर (जागरण संवाददाता)। कोरोना से राहत के बीच अब बदलते मौसम के प्रति सतर्क रहने की जरूरत है। अभी से दिन में तेज धूप परेशान करने लगी है। अब झारखंड में गर्मी से होने वाली बीमारी व लू को लेकर अलर्ट किया गया है। सरकार के अपर मुख्य सचिव अरुण कुमार सिंह ने सभी सिविल सर्जन को पत्र लिखकर अलर्ट किया है। ताकि मरीजों को किसी तरह की परेशानी नहीं हो। इसे लेकर उन्होंने विशेष दिशा-निर्देश दिया है। इसे जिला सर्विलांस विभाग ने गंभीरता से लेते हुए कार्रवाई तेज कर दी है।
जिले के सभी निजी (टीएमएच, टाटा मोटर्स, टिनप्लेट अस्पताल, मर्सी, ब्रह्मानंद, गंगा नर्सिंग आदि) व सरकारी (एमजीएम, सदर सहित सभी सीएचसी) अस्पतालों को पत्र लिखकर इससे संबंधित रिपोर्ट तलब की गई है। ताकि मरीजों को समय पर इलाज उपलब्ध कराया जा सकें। वर्ष 2019 में लू के सबसे अधिक मामले सामने आए थे। जिला सर्विलांस विभाग के अनुसार, 286 मरीज लू के चपेट में आए थे, जिनकी स्थिति गंभीर थी। वहीं, दो की मौत हो गई है। इससे पूर्व 2016 में 109 मरीज लू की चपेट में आए थे। वर्ष 2017 में छह व 2019 में 11 लू के मरीज मिले थे।
अस्पतालों को दिया गया निर्देश
- लू से संबंधित मरीजों के लिए अलग से व्यवस्था की जाए। ताकि मरीजों को तत्काल इलाज मिल सकें!
- अस्पताल के क्षमता के अनुसार लू से संबंधित मरीजों के लिए अलग से बेड लगाया जाए।
- प्रखंड स्तर पर रैपिड रिस्पांस टीम गठित करें।
- ओपीडी में आने वाले मरीजों की लू के लक्षण की जांच अवश्य करें।
- अस्पताल में पानी व ओपीडी में कूलर की व्यवस्था हो।
- प्राथमिक उपचार कक्ष में ओआरएस कार्नर बनाया जाए।
- बच्चे, बुजुर्ग व गर्भवती के लिए अस्पताल में प्रर्याप्त व्यवस्था हो।
लू को लेकर सभी निजी व सरकारी अस्पतालों को अलर्ट किया गया है। रोजाना की रिपोर्ट मांगी जा रही है। इसमें किसी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
- डा. साहिर पाल, जिला सर्विलांस पदाधिकारी।
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