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    Air India Sale : एयर इंडिया का 'महाराजा' है पाकिस्तानी, इस उद्योगपति से प्रेरित होकर बना था लोगो

    By Jitendra SinghEdited By:
    Updated: Fri, 15 Oct 2021 08:46 AM (IST)

    Air India Sale क्या आपको पता है बचपन से लेकर आजतक आप जिस एयर इंडिया के महाराजा का शुभंकर (लोगो) को देख रहे हैं वह एक पाकिस्तानी शख्स से प्रेरित हैं। आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि यह पाकिस्तानी जेआरडी टाटा की तरह बड़े उद्योगपति थे...

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    Air India Sale : एयर इंडिया का 'महाराजा' है पाकिस्तानी

    जमशेदपुर। कर्ज से कराह रही एयर इंडिया को रतन टाटा 'हनुमान' व टाटा समूह के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन ने जब 18000 करोड़ रुपए की बोली लगाकर खरीद ली तो सभी अचरज में पड़ गए। लेकिन यह तो रतन टाटा का साहस ही था उन्होंने कभी टाटा एयरलाइंस कही जाने वाली एयर इंडिया को एक बार फिर झोली में डाल लिया।

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    दुनिया भर में अलग पहचान रखता है महाराजा

    एयर इंडिया का शुभंकर (लोगो) महाराजा तो आपको याद होगा। यह शुभंकर दुनिया भर में अलग पहचान रखता है। मूंछों के साथ मर्दानगी अंदाज में मेहमानों को अगवानी करता महाराजा। लेकिन आप में से कितने लोगों को यह पता है कि आखिर इस प्रतीक चिन्ह की प्रेरणा किससे मिली। कैसे बनी और किसने बनाया। क्या आपको पता है एयर इंडिया का महाराजा एक पाकिस्तानी उद्योगपति से प्रेरित होकर बनाया गया था?

    एयर इंडिया के शान बन गए महाराजा

    महाराजा.. एक गोल चेहरा, एक बड़ी मूंछें, एक धारीदार भारतीय पगड़ी और महाराजा की तरह एक लंबी तेज नाक वाला व्यक्तित्व। मुझे आशा है कि अब आप उसे याद करेंगे। जी हां, यही एयर इंडिया का महाराजा है जो बाद में इंडियन एयरलाइंस की शान बन गई।

    जेआरडी ने बॉबी कूका को लोगो बनाने को कहा

    हम वापस 1938 की दुनिया में चलते हैं। यह वही वर्ष था जब जेआरडी टाटा ने टाटा एयरलाइंस की शुरुआत की थी। यह भारत की पहली कमर्शियल एयरलाइन सर्विस थी, जो दुनिया भर में उड़ान भरने लगी। इसी साल जेआरडी टाटा की टीम में मार्केटिंग के जादूगर कहे जाने वाले बॉबी कूका शामिल हुए।

    महाराजा राजसी हो पर शाही नहीं

    जेआरडी ने उन्हें एक ऐसा लोगो बनाने को कहा, जो न सिर्फ अनोखा हो, बल्कि उसमें भारतीयता झलकती हो। सोराब कैकुशरू (बॉबी) कूका महाराजा के विचार के साथ एयर इंडिया को फिर से लांच करने के लिए आए। यह एयर इंडिया के कई अभियानों का चेहरा भी बनी।

    बॉबी कूका ने महाराजा के लोगो का कुछ इस तरह विवरण किया। उन्होंने कहा, हम इसे महाराजा के नाम से पुकारेंगे। लेकिन इसका खून नीला नहीं है। महाराज देखने में तो राजसी लग सकता है, लेकिन शाही नहीं है।

     

    लांच होते ही दुनिया भर में छा गया महाराजा

    बॉबी ने जे वाल्टर थॉम्पसन के लिए काम करने वाले उमेश राव की सहायता ली और एयर इंडिया का महाराजा का जन्म हुआ। 1946 में महाराजा लोगो की लांचिंग होने के साथ ही यह दुनिया भर में छा गया। एक बार फिर महाराजा की घर वापसी (टाटा घराना) हो चुकी है। ऐसे में प्रशंसक तो यही चाह रहे हैं कि टाटा एयरलाइंस इस लोगो के साथ ही मैदान में उतरे।

    बॉबी ने पाकिस्तानी दोस्त के चेहरे से ली थी प्रेरणा

    बहुत से लोग इसे नहीं जानते हैं, लेकिन महाराजा की प्रसिद्ध मूंछें पाकिस्तान के एक उद्योगपति सैयद वाजिद अली से प्रेरित थीं। वाजिद साहब का एक महान व्यक्तित्व और जीवन शैली थी जिसने बॉबी को भी प्रेरित किया।

    20 नवंबर 1911 को पाकिस्तान में जन्मे सैयद वाजिद अली ने पाकिस्तान में फोर्ड कार का मैनुफैक्चरिंग प्लांट लगाया था। इस प्लांट को जुल्फिकार अली भुट्टो ने 1973 में अधिग्रहण कर राष्ट्रीयकरण कर दिया। वाजिद ट्रीट कॉरपोरेशन, जुल्फेकार इंडस्ट्रीज, लोड्स लिमिटेड व वाजिर अली इंडस्ट्रीज के मालिक थे। वह 26 साल तक पाकिस्तान ओलंपिक एसोसिएशन से भी जुड़े रहे।

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