Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    आध्यात्मिकता जीवन सुखद बनाती : भूमानंद तीर्थ

    By Edited By:
    Updated: Tue, 14 Feb 2012 03:24 AM (IST)

    ...और पढ़ें

    Hero Image

    जमशेदपुर, जागरण प्रतिनिधि : 'जीवन में आध्यात्मिक प्रशिक्षण आवश्यक है। आध्यात्मिकता जीवन को सुंदर, सुखद और तृप्त कर सकती है।' इन शब्दों के साथ जीवन में अध्यात्म के महत्व को रेखांकित कर रहे थे दक्षिण भारत के प्रख्यात संत स्वामी भूमानंद तीर्थ महाराज। कदमा-सोनारी लिंक रोड स्थित केजर बंगला के प्रज्ञान धाम में सोमवार से स्वामी जी के प्रवचन का शुभारंभ हुआ है। यहां स्वामी जी 17 फरवरी तक प्रतिदिन सुबह 7.30 से 8.30 बजे तक प्रवचन देंगे।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    शहर के प्रबुद्ध जिज्ञासुओं को संबोधित करते स्वामी भूमानंद तीर्थ 'विशिष्ट व्यवहार के लिए आत्मीय वैभव का उपयोग' विषय पर बोल रहे थे। केजर बंगला में चलने वाली स्वामी जी के प्रवचन की श्रृंखला, आदि शंकराचार्य रचित उनकी अंतिम रचना 'विवेक चूड़ामणि' पर आधारित है। स्वामी जी ने कहा- मन, बुद्धि और आत्मा हमारी आंतरिक संपत्ति है। इसे हम आत्मिक वैभव कहते हैं। विवेक के बिना हम मानव नहीं कहला सकते। विवेक मणि के समान है, जो मस्तिष्क को विभूषित करती है। संविधान की तरह हमारे यहां स्मृतियां हैं, जिनका काम विवेक उत्पन्न करना और उसे मन में भरना है।

    मुक्ति की चर्चा करते हुए स्वामी जी ने बताया कि मुक्ति शरीर की नहीं, मन की होती है। अतएव इसे जीवित अवस्था में ही प्राप्त करने का प्रयास करना चाहिए। इस प्रयास में इच्छाएं व अहंकार बहुत बड़ी बाधा है। मुक्ति के लिए आंतरिक गुणों को विकसित करना पड़ेगा, इससे स्वतंत्र व सुखी हो सकते हैं। प्रवचन के दौरान डॉ. एनके दास, आरएस तिवारी, सुजीत सेनगुप्ता, डॉ. आलोक सेनगुप्ता व प्रो. सीताराम साहू आदि उपस्थित थे।

    मोबाइल पर ताजा खबरें, फोटो, वीडियो व लाइव स्कोर देखने के लिए जाएं m.jagran.com पर