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ईद मिलादुन्नबि पर सीएम ने किया छुट्टी का वादा

By Edited By: Published: Mon, 06 Feb 2012 02:17 AM (IST)Updated: Mon, 06 Feb 2012 02:17 AM (IST)

जमशेदपुर : ईद-मिलादुन्नबी के मौके पर मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा दार्शनिक नजर आए। उन्होंने धातकीडीह सामुदायिक केंद्र मैदान पर ईद मिलाद की बधाई देने के बाद अपना आध्यात्मिक भाषण दिया। उनके एक-एक शब्द आध्यात्मिकता की चाशनी में लिपटे हुए थे। खुशी के इस त्योहार पर राज्य में अगले साल से छुट्टी का वादा कर सबका दिल भी जीता।

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पहले तो तंजीम-अहल-ए-सुन्नत के कारगुजार सद्र हिदायतुल्लाह खान की- के बस वाली नात-ए-पाक का लुत्फ लिया और भाषण खत्म करने के वक्त इस काफिया (के बस) इस्तेमाल कर अपने शायराना मिजाज से लोगों को वाकिफ कराया। सीएम के आने पर किसी ने कहा कि इस जश्न में आकर उन्होंने सबको इज्जत बख्शी है। इसी नुक्ते को मुख्यमंत्री ने अपने भाषण का उनवान बनाते हुए कहा कि इज्जत और जिल्लत तो अल्लाह के हाथ में है। मुझे जो इज्जत मिली है, वह उसी ईश्वर की देन है। ऐसा नहीं होता तो मैं गांव से निकल कर मुख्यमंत्री नहीं बनता। आपने मुझे सांसद बनाया था और ऊपर वाले ने मुख्यमंत्री बना दिया। उसकी ताकत को कोई चुनौती नहीं दे सकता। उन्होंने कहा कि जब-जब दुनिया में जुल्म व सितम बढ़ता है, हजरत मोहम्मद स. जन्म लेते हैं। उन्होंने हजरत मोहम्मद मुस्तफा को नमून-ए-अमल करार दिया। उन्होंने मदरसा बोर्ड, वक्फ बोर्ड, उर्दू अकादमी जैसी मुस्लिम संस्थाओं में बरेलवी मुसलमानों को हक मिलने की मांग पर भी गौर करने की बात कही। उन्होंने कहा कि झारखंड एक गुलदस्ता है, इसे हमें सजाना है। गरीबी मिटानी है। बिल्डिंग में रहने वाले और झोपड़ी में रहने वालों को ईश्वर ने ही बनाया है। झोपड़ी में रहने वाला ज्यादा खुश है। उसके पास परवरदिगार की ताकत है और यही उसकी पूंजी है। इसके पहले हिदायत खान ने मुख्यमंत्री को शाल ओढ़ा कर सम्मानित किया। इस मौके पर उनके साथ रहे भाजपा के प्रवक्ता अमरप्रीत सिंह काले ने भी सभी मुसलमानों को इस त्योहार की बधाई पेश की।

मुख्य खबर

सरकार की आमद मरहबा, सरदार की आमद मरहबा

जश्न-ए-आमदे हुजूर में चप्पा-चप्पा नूर से जगमग

जमशेदपुर : सरकार की आमद मरहबा, सरदार की आमद मरहबा, जश्न-ए-आमद-ए-रसूल अल्लाह ही अल्लाह, हुई मुस्तफा स. की दीद, है आशिकों की ईद, अल्लाह हो अकबर, या रसूलल्लाह की सदाएं फलक तक गूंज रही थीं। मानगो, साकची, टेल्को, गोलमुरी, बर्मामाइंस आदि इलाकों से आशिकान-ए-रसूल का हुजूम चारों तरफ ठाठें मार रहा था। तकरीबन सवा लाख लोग जुलूस में शामिल थे।

मानगो, आजादनगर, आजाद बस्ती, जवाहर नगर में सुबह छह बजे से ही नात-ए-सरकार-ए-दोआलम फिजा में गूंज रही थी। ट्रक, कार, जीप और बाइक पर सवार लोग गांधी मैदान के नजदीक जमा हुए। गांधी मैदान में 9 बजे इस्तमाई दुआ के बाद जुलूस-ए-मोहम्मदी में शामिल लोग आमबगान मैदान में जमा हुए। इसके बाद जुलूस धातकीडीह सामुदायिक केंद्र मैदान पहुंचा। जुगसलाई से भी सुबह जुलूस-ए-मोहम्मदी धूम-धाम से निकल कर तंजीम अहल-ए-सुन्नत के कारगुजार सद्र हिदायतुल्लाह खान की अगुवाई में धतकीडीह पहुंचा। यहां नात-ए-पाक पढ़ी गई और तकरीर हुई। तकरीर के दौरान तंजीम अहल-ए-सुन्नत के मौलाना जियाउल मुस्तफा ने कहा कि हुजूर-ए-अकरम के दीवाने हर साल इसी तरह जोश व खरोश के साथ पैगंबर-ए-आलम की यौम-ए-पैदाइश पर जश्न मनाते रहेंगे।

हवाई जहाज से गुलों की बारिश

ईद के मौके पर आमबगान और धतकीडीह सामुदायिक मैदान में जलसे के दौरान हवाई जहाज से गुलाब की पंखुड़ियों की बारिश की गई। आमबगान में हवाई जहाज ने दस राउंड गुलों की बरसात की और धातकीडीह में भी कई राउंड फूल बरसाए गए।

बरेलवियों ने बुलंद की हक की आवाज

बरेलवी मुसलमानों ने ईद-ए-मिलादुन्नबी के मौके पर अपने हक की आवाज पेश की। मौलाना जियाउल मुस्तफा और सुन्नी वक्फ बोर्ड के सदस्य हाफिज इसरार अहमद ने आमबगान और धातकीडीह में हुई अपनी तकरीर में एलान किया कि शहर में मुसलमानों में सबसे ज्यादा बरेलवी मसलक के मानने वाले हैं। इसके बाद भी इनकी अनदेखी की जाती है। उन्हें सरकारी अल्पसंख्यक संस्थाओं में कयादत नहीं दी जा रही है। मांग की गई कि अब वह अपना हक लेकर रहेंगे। उन्हें वक्फ बोर्ड, मदरसा बोर्ड, हज कमेटी आदि संस्थाओं में बरेलवी मुसलमानों को प्रतिनिधित्व देना ही होगा। ऐसा नहीं हुआ तो बरेलवी मुसलमान सड़कों पर उतरेंगे।

सड़कों पर रहा सवा लाख का हुजूम

ईद मिलादुन्नबी के मौके पर शहर भर के तकरीबन सवा लाख अकीदतमंद जुलूस-ए-मोहम्मदी में शामिल रहे। जुलूस में तकरीबन 250 बड़े वाहन, 500 के करीब कारें और लगभग 25000 दोपहिया वाहनों पर लोग सवार थे।

दिन भर चला लंगर

ईद मिलाद-ए-रसूल के मौके पर शहर में साकची, धतकीडीह, जुगसलाई, मानगो, आजादनगर, आजाद बस्ती, जवाहर नगर, गोलमुरी, टेल्को आदि मुस्लिम बाहुल्य इलाकों में दिन भर लंगर चला। अकीदतमंदों को खजूरें, बिरयानी, मिठाइयां, शरबत और फल बांटे गए। साकची में बाबर खान की तरफ से लंगर का एहतेमाम था तो जुगसलाई में हिदायत खान की तरफ से।

सूफी निजाममुद्दीन को शान-ए-इस्लाम

साकची स्थित रूहानी मर्कज में फज्र की नमाज के बाद पैगंबर-ए-इस्लाम को दुरूद व सलाम का नजराना पेश करने के बाद पूर्व विधायक हसन रिजवी ने पौधा लगाकर पर्यावरण बचाने का पैगाम दिया। नौ बजे मरकज के सदस्य मानगो से या मुस्तफा स. अल्लाह हो अकबर के नारे लगाते स्ट्रेट माइल रोड पहुंचे और यहां झारखंड के रूहानी पेशवा पीर-ए-तरीकत सूफी निजामुद्दीन का जोरदार इस्तेकबाल करते हुए उन्हें शान-ए-इस्लाम अवार्ड से नवाजा गया। उन्हें ख्वाजा मुईनुद्दीन चिश्ती रहमतुल्लाह अलैह के मजार-ए-शरीफ की चादर भी भेंट की गई। जुलूस में शामिल लोगों ने पीर-ए-तरीकत के हाथों को चूम कर फैज हासिल किया। हाफिज फैजल इमाम ने तिलावत-ए-कलाम-ए-पाक किया और मौलाना अशरफ हुसैन ने नात शरीफ पढ़ी। मर्कज के सद्र हसन रिजवी ने कहा कि मुसलमानों को दुनिया की नहीं बल्कि रूहानी रहनुमाई की जरूरत है। इस मौके पर अधिवक्ता एमडब्ल्यू हक, शमीमुल हक, डाक्टर शादाब हसन, डा. मंजर, नसर फिरदौसी, शमीम अख्तर आदि रहे।

बांटी गई कॉपी-पेंसिल

बर्मामाइंस कांग्रेस कमेटी की ओर से केरज मुस्लिम बस्ती में पैगंबर हजरत मोहम्मद स. के जन्म दिन पर शमशेर आलम ने मदरसा के बच्चों को मिठाई, कॉपी और पेंसिल बांटी। इस मौके पर मोहम्मद अन्सुर, फजल हुसैन, मोहम्मद फिरोज, रमजान अली, ताज खान, अजमत अली, मोहम्मद अलीम, संतोष कुमार आदि रहे।

बाग-ए-आयशा में छात्रों में बंटे सामान

बाग-ए-आयशा मदरसा में ईद-मिलादुन्नबी धूम से मनाया गया। इस मौके पर छात्राओं ने नात-ए-पाक का समां बांध दिया। बाद में मदरसे की हेड जेबा कादरी ने छात्राओं को पैगंबर-ए-इस्लाम की हयात-ए-तय्यबा के बारे में बताया।

मुख्यमंत्री का तहरीक ने किया सम्मान

मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा का तहरीक-ए-अहल-ए-सुन्नत व जमाअत के फिरोज खान ने शाल ओढ़ा कर सम्मानित किया। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने तहरीक के काम की प्रशंसा करते हुए कहा कि हजरत मोहम्मद साहब का दुनिया में आना ही खुशी की बात है। कारी साजिद हुसैन ने कलाम पाक पढ़ कर जलसे की शुरुआत की। संभा का संचालन कमाल अशरफ ने किया।

जुगसलाई गोलचक्कर पर अकीदतमंदों का सम्मान

जुगसलाई गोलचक्कर पर अंजुमन गौसिया गद्दी की तरफ से जुलूस-ए-मोहम्मदी में शामिल लोगों को लंगर में शरबत, खजूरें और फल बांटे गए। यहां सामुहिक दुआ भी मांगी गई। इस मौके पर मौलाना बसारत हुसैन, मौलाना कमाल, अब्बास अंसारी, इसहाक गद्दी आदि लोग थे।

पुरानी बस्ती जुलूस नहीं लाने का विरोध

जुगसलाई के पुरानी बस्ती रेाड की तरफ जुलूस मोहम्मदी नहीं लाने पर कर्बला कमेटी के शहजादा शेख मोहम्मद ने प्रदेश कांग्रेस कमेटी के चेयरमैन हिदायतुल्लाह खान का विरोध किया है। उनका कहना है कि पुरानी बस्ती रोड पर शिविर लगाए लोग इस्तेकबाल के लिए जुलूस का इंतजार करते रहे।

तहरीक-ए-अदब ने मनाया जश्न

तहरीक-ए-अदब कमेटी ने जश्न-ए-ईद मिलादुन्नबी धूम से मनाई। इस मौक्े पर मदरसा तनवीरुल इस्लाम बारी नगर से हजारों अकीदतमंद जुलूस लेकर कार्यक्रम में पहुंचे। इसमें इम्तियाज अहमद, मौलाना मुबारक हुसैन, जियाउल्लाह आदि रहे।

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