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    7th Pay Commission : आखिर Pay Matrix होता क्या है, जिससे सरकारी कर्मचारियों के वेतन पर पड़ता है सीधा असर

    By Jitendra SinghEdited By:
    Updated: Thu, 23 Dec 2021 09:30 AM (IST)

    7th Pay Commission हाल ही में केंद्र सरकार ने यह तय किया है कि अब केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी पे मैट्रिक्स के आधार पर तय होगा। आखिर यह पे मेट्रिक्स ...और पढ़ें

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    7th Pay Commission : आखिर Pay Matrix होता क्या है, जिससे सरकारी कर्मचारियों के वेतन पर पड़ता है सीधा असर

    जमशेदपुर : सरकारी कर्मचारियों के लिए एक अच्छी खबर सामने आई है, क्योंकि अब केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी पे मैट्रिक्स के आधार पर तय की जाएगी। जिससे कर्मचारियों को वेतन में सीधा फायदा होगा। दरअसल, पहले केंद्रीय कर्मचारियों का स्टेट्स ग्रेड पे के आधार पर तय किया जाता था। लेकिन अब इसमें बदलाव किया गया है।

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    फिलहाल सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के आधार पर महंगाई भत्ता और सैलरी में बदलाव किया जाएगा। इसके तहत सैलरी बढ़ने के साथ ही पे मैट्रिक्स की घोषणा भी की गई है। आप इसे ग्रेड पे का दूसरा रूप भी समझ सकते हैं। जिसके आधार पर केंद्रीय कर्मचारियों को कई तरह के फायदे दिए जाते हैं।

    इसलिए आपको यह पता होना चाहिए कि आखिर पे मैट्रिक्स क्या है। इसके द्वारा कर्मचारियों के वेतन पर क्या फर्क पड़ने वाला है। दरअसल सातवें वेतन के तहत पे मैट्रिक्स लेवल तीन से बेसिक पे स्ट्रक्चर न्यूनतम 21700 रुपये से शुरू होकर 40 इंक्रीमेंट्स के साथ 69100 रुपये तक जाता है।

    आसान शब्दों में समझें क्या है पे मैट्रिक्स

    सातवें वेतन आयोग लागू होने के बाद से अब केंद्रीय कर्मचारी का स्टेट्स ग्रेड पे की जगह पे मैट्रिक्स के आधार पर तय किया जाता है। अब नए कर्मचारी भी आसानी से अपने वेतन का स्तर पता लगा सकते हैं। साथ ही भविष्य के वेतन की संभावित बढोत्तरी के बारे में भी जानकारी ले सकते हैं। इससे करियर के शुरूआत में ही यह पता लगाया जा सकता है कि आगे कर्मचारी को वेतन में कितना फायदा होने वाला है।

    टेबल के जरिए की जाती है गणना

    इसकी गणना एक टेबल के जरिए होती है। जिससे सैलरी की गणना की जाती है। दरअसल रक्षा बलों, सिविलियन कर्मचारियों और मिलिट्री नर्सिंग सर्विस के लिए अलग-अलग पे मैट्रिक्स को तैयार किया गया है। जिसके आधार पर उनकी सैलरी बनाई जाती है।

    न्यूनतम सैलरी होगी 18000 रुपये

    सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के मुताबिक, एंट्री लेवल के सरकारी कर्मचारियों की न्यूनतम सैलरी 7000 रुपये से 18000 रुपये कर दी गई है। इसका मतलब है कि अब बेसिक स्ट्रक्चर 18000 के आधार पर ही सैलरी की गणना की जाएगी। जबकि क्लास वन ऑफिसर को मिनिमम 56100 रुपये सैलरी पर लिया जाएगा। सीधे तौर पर देखें तो केंद्रीय कर्मचारियों को सैलरी व उनके भत्ते की गणना में फायदा मिलेगा।