जमशेदपुर में 10 लाख के सफेद समुद्री कोरल के साथ 4 तस्कर गिरफ्तार, साकची के होटल में वन विभाग की छापेमारी
जमशेदपुर में वन विभाग ने साकची के एक होटल में छापेमारी कर 10 लाख रुपये के सफेद समुद्री कोरल के साथ चार तस्करों को गिरफ्तार किया। गुप्त सूचना के आधार पर हुई इस कार्रवाई में आरोपियों को रंगे हाथों पकड़ा गया। बरामद कोरल की जांच जारी है और आरोपियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा रही है।

समुद्री कोरल के साथ 4 तस्कर गिरफ्तार
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर। जमशेदपुर वन प्रमंडल को शनिवार को एक बड़ी सफलता हाथ लगी है, जहां गुप्त सूचना के आधार पर वन प्रमंडल की टीम ने साकची के होटल विराट में छापेमारी कर समुद्र में पाया जाने वाला सफेद कोरल के साथ चार तस्कर को गिरफ्तार करने में सफलता प्राप्त की है।
एक किलो सफेद समुद्री कोरल का प्रति किलो तीन लाख रुपये से अधिक में बिक्री होता है। जब्त किए गए कोरल का बाजार में कीमत करीब 10 लाख रुपये बताया जा रहा है।
गुप्त सूचना पर कार्रवाई
डीएफओ सबा आलम अंसारी ने बताया कि वन विभाग को गुप्त सूचना मिली थी कि समुद्री कोरल लेकर साकची के होटल विराट में कुछ लोग ठहरे हुए है। सूचना के बाद उन्होंने वनक्षेत्र पदाधिकारी दिग्विजय सिंह के नेतृत्व में एक टीम का गठन किया।
टीम के सदस्य ग्राहक बनकर उनके पास गया था। टीम कमरा नंबर 315, 316 में ठहरा हुआ था। जैसे ही कमरा नंबर 316 को खोला पहले से तैयार टीम अंदर प्रवेश कर गया। इसके साथ ही दूसरा कमरे में भी छापेमारी किया, जहां से चार तस्कर को एक काला बैग के साथ गिरफ्तार किया गया।
बैग को खोला गया तो उसमें सफेद समुद्री कोरल जिसका वजन तीन किलोग्राम था जब्त किया गया। गिरफ्तार चारों तस्कर को पूछताछ के बाद वन विभाग ने कोर्ट में पेश किया जहां से चारों को जेल भेज दिया गया।
कोरल का सजावट व दवा के रूप में होता है इस्तेमाल
जमशेदपुर के डीएफओ सबा आलम अंसारी ने बताया कि कोरल का उपयोग मुख्य रूप से आभूषण व दवा बनाने में किया जाता है। कोरल से हार, अंगूठी, कंगन आदि बनाए जाते हैं। इसके अलावा कोरल का उपयोग
घर की सजावट में किया जाता है। जिसमें कलाकृतियों, एक्वैरियम की सजावट और अन्य सजावटी वस्तुओं को बनाने के लिए भी किया जाता है।
डीएफओ सबा आलम अंसारी ने बताया कि कोरल का उपयोग दवा के रूप में किया जाता है। कोरल कैल्शियम का एक समृद्ध स्रोत है और इसका उपयोग कैल्शियम सप्लीमेंट्स बनाने में किया जाता है। इसके अलावा हड्डी ग्राफ्टिंग में भी किया जाता है।
कोरल के साथ गिरफ्तार किए गए तस्कर
- हरिचरण गोप, कुसमुंडा, ठक्करबापा हाट गम्हरिया पश्चिम सिंहभूम
- दीपक कुमार महतो, रंगामाटी, ध्रुवा रांची
- प्रमोद कैवर्ता, मांडर, रांची
- अभय कुमार, ध्रुवा, रांची
सफेद कोरल शिड्यूल वन के तहत आता है
डीएफओ सबा आलम अंसारी ने बताया कि सफेद कोरल के साथ गिरफ्तार कर जेल भेजे गए तस्करों पर भारतीय वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 की धारा 2, 9, 39, 44, 48, 49, 50 एवं 51 का उल्लंघन करने का मामला दर्ज किया गया है। उन्होंने बताया कि इसका खरीद या बिक्री करना संज्ञेय अपराध है।

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