वर्ष 1907 से 1924 के बीच क्या-क्या हुआ जमशेदपुर में
जमशेदपुर शहर का इतिहास बेहद गौरवशाली रहा है। यहां के कण कण में कहानियां छिपी हैं। आइए जानें इतिहास की कुछ बातें।
अवनीश कुमार, जमशेदपुर : जमशेदपुर शहर का इतिहास बेहद गौरवशाली रहा है। यहां के कण-कण में कई कहानियां छिपी हैं। इस शहर पर दर्जनों किताबें लिखी गई हैं। समय के साथ जमशेदपुर तेजी से बदल रहा है। ऐसे में यहां के इतिहास से युवाओं को रूबरू करना चाहिए। यह हमसब की जिम्मेदारी है।
----
- 27 अगस्त 1907 को दो करोड़ रुपये की पूंजी से टाटा आयरन एंड स्टील कंपनी की स्थापना हुई थी।
- 27 फरवरी 1908 को कारखाना व शहर का निर्माण कार्य शुरू हुआ था।
- वर्ष 1910 में जमशेदपुर की आबादी मात्र छह हजार थी।
- वर्ष 1910 में स्वर्णरेखा पर बांध तथा जल वितरण प्रारंभ किया गया।
- वर्ष 1911 में टिस्को में पहली बार पिंग आयरन का उत्पादन हुआ।
- वर्ष 1914 में शुरू प्रथम विश्वयुद्ध से कंपनी को विकास का बेहतर मौका मिला।
- वर्ष 1915 में यहां कर्मचारियों को मुफ्त चिकित्सा सेवा मिलनी शुरू हुई।
- वर्ष 1916 में मिसेज केएमपीएस स्कूल का शहर में शुभारंभ हुआ।
- वर्ष 1916 में कालीमाटी स्टेशन से बिष्टुपुर तक टाटा कंपनी ने दो बसों का संचालन किया था।
- वर्ष 1919 में साकची का नाम 'जमशेदपुर' तथा कालीमाटी स्टेशन का नया नामकरण 'टाटानगर' हुआ।
- वर्ष 1920 में श्री सनातन धर्म गौरक्षिणी सभा की स्थापना हुई जो आज श्री टाटानगर गौशाला है।
- वर्ष 1921 में जमशेदपुर टेक्नीकल इंस्टीच्यूट की स्थापना हुई थी।
- वर्ष 1922 में टिस्को में कर्मचारियों ने हड़ताल की थी।
- वर्ष 1923 में टीनप्लेट कंपनी ऑफ इंडिया जमशेदपुर में उत्पादन शुरू हुआ था।
- वर्ष 1924 में वर्तमान टिस्को डेयरी फार्म का प्रारंभ मॉडल डेयरी फॉर्म के नाम से भूतपूर्व पुलिस निरीक्षक जेएच नोलैंड ने किया था।