सर्जरी नहीं, इंजेक्शन से छूमंतर पाइल्स व प्रोलेप्स
अमित तिवारी, जमशेदपुर : पाइल्स व प्रोलेप्स बीमारी का नाम सुनते ही दिमाग में सर्जरी की बात घूमने लगती
अमित तिवारी, जमशेदपुर : पाइल्स व प्रोलेप्स बीमारी का नाम सुनते ही दिमाग में सर्जरी की बात घूमने लगती है, लेकिन इंजेक्शन से इसका कामयाब इलाज संभव है। इसपर एकबारगी यकीन नहीं होता लेकिन है सोलह आने सच। एमजीएम मेडिकल कॉलेज अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ. भारतेंदु भूषण इंजेक्शन से पाइल्स व प्रोलेप्स के अबतक सैकड़ों मरीजों ठीक कर चुके हैं। तीन इंजेक्शन के डोज से मरीज को जिंदगी में दोबारा इस रोग के होने की संभावना भी खत्म हो जाती है। इस इंजेक्शन को लेने के लिए पश्चिम बंगाल, बिहार व ओडिशा तक से मरीज डॉ. भूषण के पास आते हैं। दरअसल, टेस्ट बुक ऑफ सर्जरी नाम की एक किताब में इस इंजेक्शन के बारे में जिक्र है। डॉ. भारतेंदु भूषण ने एमबीबीएस की पढ़ाई के दौरान इस इंजेक्शन के बारे में पढ़ा था। उन्होंने 1983 में इसका इस्तेमाल शुरू किया। खास बात यह है कि वह इस इंजेक्शन को खुद तैयार करते हैं।
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तीन ऑपरेशन के बाद भी ठीक नहीं हुआ पाइल्स
डॉ. भारतेंदु भूषण ने बताया कि उनके पास कई ऐसे मरीज भी आएं, जिनका तीन-तीन बार पाइल्स का ऑपरेशन हो चुका था। इसके बावजूद उन्हें बवासीर ने परेशान कर रखा था। वैसे मरीज इस तीन इंजेक्शन के डोज से बिल्कुल चंगा हो गये। यह इंजेक्शन बाजार में उपलब्ध नहीं है।
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बादाम के तेल से तैयार होता है इंजेक्शन
डॉ. भूषण इस इंजेक्शन को बादाम के तेल, कार्बोलिक एसिड सहित अन्य के मिश्रण से तैयार करते हैं। इंजेक्शन लेते समय न तो दर्द होता है और न ही परेशानी। एक से सवा माह के अंतराल पर तीन इंजेक्शन शौच के रास्ते में दिए जाते हैं।
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क्या है पाइल्स: पाइल्स या बवासीर को मेडिकल भाषा में हेमरॉइड्स के नाम से जाना जाता है। यह एक ऐसी स्थिति है जिसमें गुदा (ऐनस) के अंदरूनी और बाहरी क्षेत्र और मलाशय (रेक्टम) के निचले हिस्से की शिराओं में सूजन आ जाता है। इसकी वजह से ऐनस के अंदर और बाहर या किसी एक जगह मस्से जैसी स्थिति बन जाती है, जो कभी अंदर रहता हैं और कभी बाहर आ जाता है।
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क्या हैं प्रोलेप्स: कई बार गर्भाशय अपनी जगह से हटकर नीचे सिसक जाता है। इससे यह योनि अथवा योनिद्वार के बाहर आ सकता है। इस समस्या में अल्सर या घाव होने का खतरा अधिक होता है। इसका लक्षण शौच के रास्ते में कुछ बाहर आना सहित अन्य है।
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अबतक जितने भी मरीजों ने इंजेक्शन लिया है, वे पूरी तरह से ठीक हैं। इस इंजेक्शन का साइड इफेक्ट नहीं है। इस इंजेक्शन का जिक्र टेस्ट बुक ऑफ सर्जरी में है। अबतक ठीक हो चुके मरीजों का डाटा इकट्ठा किया जा रहा है ताकि रिसर्च पेपर प्रस्तुत किया जा सके।
- डॉ. भारतेंदु भूषण, उपाधीक्षक, एमजीएम अस्पताल।
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पाइल्स के शुरुआती दौर में बादाम के तेल व कार्बोलिक एसिड से तैयार इंजेक्शन काफी लाभदायक होता है। हालांकि, बीमारी जब अधिक बढ़ जाती है तो सर्जरी कराना ही बेहतर होता है।
- डॉ. डीके सिन्हा, सर्जन
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