कैंसर का मुख्य कारक ग्रह मंगल
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : एशियन ज्योतिष सम्मेलन के दूसरे दिन का शुभारंभ देश भर से आए सभी ज्योतिषिय ...और पढ़ें

जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : एशियन ज्योतिष सम्मेलन के दूसरे दिन का शुभारंभ देश भर से आए सभी ज्योतिषियों के सम्मान से हुआ। सत्र के मुख्य अतिथि बांग्लादेश से आए ज्योतिष डॉ. अनीसुल हक, विशिष्ट अतिथि नेपाल से आए ज्योतिष हरिहर अधिकारी एवं उज्जवल राय मंच पर मौजूद थे। देश भर से लगभग 200 ज्योतिषी सम्मेलन मे भाग ले रहे हैं। मेडिकल एस्ट्रोलॉजी सत्र में देश-विदेश से आए ज्योतिषियों ने अपने अनुभवों को साझा करते हुए मुख्य रूप से जातकों की जन्म कुंडली में ग्रहों की स्थिति से उत्पन्न होने वाली बीमारियों एवं उसके उपचार का सूत्र दिया। दिल्ली से आई डॉ. उत्तरा शर्मा ने कैंसर रोग के कारक ग्रहों एवं अवस्थान पर प्रकाश डाला। रांची से आए डॉ. नरेंद्र कुमार ने कैंसर पर अपने शोध को साझा करते हुए बताया कि कैंसर के मुख्य कारक ग्रह मंगल, शनि, राहु, केतु एवं यूरेनस हैं। खासकर केतु एवं यूरेनस जब शनि, मंगल एवं राहु को अशुभ रूप से प्रभावित करते हैं तो कैंसर रोग होता है। बांग्लादेश से आए डॉ. शेखर राय ने बताया कि राहु ग्रह का कुंडली के छठे भाव पर बुरे प्रभाव से रोग उत्पन्न होते हैं।
सत्र के दूसरे भाग में प्रेक्टिकल पॉमिस्ट्री विषय पर ज्योतिषियों ने अपने विचार रखे। असम से आए सचिंद्र बरुआ ने हस्तरेखा से मागलिक एवं गैर मागलिक जातकों की पहचान संबंधी जानकारी दी। रायपुर से आए हस्तरेखाविद अरुणेश कुमार शर्मा ने अत्याधुनिक तकनीक द्वारा हस्तरेखा में परिवर्तन कर फलित प्रभावों में परिवर्तन होने पर प्रकाश डाला। बताया कि अभी इस प्रकार की तकनीक का प्रयोग जापान जैसे विकसित देश में किया जा रहा है। रामगढ़ से आए प्रो. यशवंत कुमार ने हस्तरेखा से राजयोग पर प्रकाश डाला। राची से डॉ. नरेंद्र कुमार ने हथेली में उपस्थित धनयोग पर विस्तृत जानकारी दी। राची के मुकेश भास्कर शास्त्री ने कुंडली के योगों को हथेली की रेखाओं में उपस्थित साबित किया।
सत्र के अंत में केसर के प्रो. एसके शास्त्री ने हस्तरेखा अध्ययन से पहले हथेली के गुण-धर्म एवं अंगुलियां जो कि हथेली में उपस्थित गुणों को प्रकाशित करती हैं, के अध्ययन पर बल दिया। इसके बाद उन्होंने रेखाओं एवं ग्रहों के अवस्थान, गुण-धर्म पर विस्तृत व्याख्यान देकर सत्र का समापन किया। सम्मेलन के दूसरे दिन के अंत में निश्शुल्क ज्योतिष परामर्श का आयोजन किया गया। इसमें भारी संख्या में स्थानीय लोगों ने आकर देश विदेश से आए ज्योतिषियों से परामर्श का लाभ उठाया। आयोजन में जेवी मुरली कृष्णा, राकेश तिवारी, डॉ. सुरेश झा, सुशील शर्मा, उज्ज्वल राय, सीमा श्रीवास्तव, धनंजय मंडल, अरुणा शर्मा, सीएस पंडित एवं निर्मल वेज आदि ने अहम भूमिका निभाई।
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छोटे-छोटे उपायों से पाएं रोगों से मुक्ति
सम्मेलन में शिरकत करने आए रेकी ग्रैंड मास्टर डॉ. भारत भूषण भारद्वाज ने छोटे-छोटे उपायों से रोगों से मुक्ति के उपाय बताए। कहा कि यदि किसी जातक का चंद्रमा खराब है तो उसको मासिक धर्म की परेशानी, एलर्जी व त्वचा संबंधी रोग होते हैं। ऐसे जातक चादी की चौकोर प्लेट बनाएं। इस ओम चंद्रायन नम: खुदवाएं। पूर्णमासी या सोमवार को गैस पर प्लेट को गर्म करें और इस गर्म प्लेट को दूध में ठंडा करें। यह दूध पी जाएं। ऐसा सात सोमवार या पूर्णमासी को करें। रोग ठीक हो जाएंगे। जिन जातकों को कमर व घुटने का दर्द है वे मंगलवार को चमेली का तेल और हनुमानजी को चढ़ने वाले सिंदूर को मिलाकर हनुमानजी को चोला चढ़ाएं। साथ हनुमाजी के सिर पर एक गुड़हल का फूल रखें। आरती करने के बाद बोलें 'मेरे सब रोग दूर करो आपको रामजी की सौगंध'। दर्द हमेशा के लिए चला जाएगा।

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