ख्रीस्त हमारा जी उठा, हालेलुइया..
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : ईसाई धर्मावलंबियों की आस्था का पर्व ईस्टर पूरी श्रद्धा के साथ मनाया जा र
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : ईसाई धर्मावलंबियों की आस्था का पर्व ईस्टर पूरी श्रद्धा के साथ मनाया जा रहा है। इस सिलसिले में महागिरिजा गोलमुरी में शनिवार की रात को पास्का जागरण और मिस्सा बलिदान का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में जमशेदपुर धर्मप्रात के धर्माध्यक्ष बिशप फेलिक्स टोप्पो ने पास्का जागरण और मिस्सा बलिदान का अनुष्ठान कराया। उन्होंने कहा कि प्रभु यीशु ने मानव जाति के साथ एक नया, आखिरी और अनंत विधान स्थापित किया है। यह हमें दासता से मुक्ति के चमत्कारी पास्का का स्मरण कराता है। ईस्टर पर्व बुराई पर अच्छाई की जीत का अनुपम उदाहरण है। उन्होंने इस मौके पर प्रभु ईसा मसीह के संदेश के अनुरूप सद्भावपूर्ण समाज के निर्माण का संकल्प लेने का आह्नान किया।
गोलमुरी महागिरिजा में शनिवार की रात 11 बजे से प्रभु यीशु मसीह के जी उठने की तीन विधियां संपन्न कराई गई। बिशप फेलिक्स टोप्पो, फादर कामिल हेंब्रम, फादर फिलिप राज व फादर सोलोमन तिर्की की उपस्थिति में आंख का आशीष हुआ। पुनर्जीवित प्रभु यीशु की प्रतीक ज्योति का गुणगान किया गया। इसके बाद हुए शब्द समारोह में बिशप फेलिक्स टोप्पो ने प्रभु यीशु के पुन: जी उठने से संबंधित पाठ पवित्र बाइबिल से सुनाए। रात 12 बजे से ईस्टर पर्व शुरू हो गया। गोलमुरी यूथ के सदस्यों ने अभिनय के जरिए प्रभु यीशु के पुन: जी उठने का दृश्य दिखाया। यह दो मिनट का कार्यक्रम था। इसके बाद गीत 'ख्रीस्त हमारा जी उठा खुशी मनाएं हालेलुइया..' के जरिए प्रभु यीशु की महिमा और स्तुति गान किया गया। लोगों ने एक-दूसरे का पास्का पर्व की शुभकामनाएं दी। अंत में बिशप स्वामी ने मिस्सा बलिदान का अनुष्ठान संपन्न कराया। इधर, पास्का पर्व के मौके पर मसीही विश्वासियों ने कब्रिस्तान जाकर आराधना की। कब्रिस्तानों में पहले से ही रंग-रोगन किया गया था। मसीही समुदाय के लोगों ने कब्रिस्तान जाकर पुनरुत्थान भोर की आराधना की। संत मार्क चर्च, रोड नंबर छह, मानगो में पास्टर प्रताप भुइयां ने पास्का जागरण व मिस्सा बलिदान का अनुष्ठान संपन्न कराया।
आज ईस्टर संडे: ईसा मसीह के जी उठने की याद में दुनिया भर में ईसाई समुदाय के लोग ईस्टर संडे मनाते हैं। आज से दो हजार साल पहले यरुशलम के एक पहाड़ के ऊपर बिना किसी कारण ईसा मसीह को क्रूस पर चढ़ाकर मार डाला गया था। मगर ईसा मसीह तीसरे दिन अपनी कब्र से जी उठे। आज भी उनकी कब्र खुली है। ईसा मसीह ने जी उठने के बाद अपने चेलों के साथ 40 दिन रहकर हजारों लोगों को दर्शन दिए। ईस्टर संडे को ईसाई समुदाय के लोग गिरजाघरों में इकट्ठा होंगे और जीवित प्रभु की आराधना, उपासना, स्तुति करेंगे। ईसा मसीह के जी उठने की खुशी में प्रभु भोज में भाग लेंगे और एक-दूसरे को प्रभु ईशु के नाम पर शुभकामनाएं देंगे। ईस्टर भाईचारे और स्नेह का प्रतीक माना जाता है।
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