हाथ-पैर में कमजोरी ब्रेन स्ट्रोक के लक्षण
संवाद सहयोगी, जमशेदपुर : बदलती जीवन शैली एक साथ कई बीमारियों का वजह बनती जा रही है। इन्हीं जानलेवा बीमारियों में से एक है ब्रेन स्ट्रोक। हाथ-पैरों में अचानक आयी कमजोरी ब्रेन स्ट्रोक के लक्षण हो सकते हैं। ये बातें रविवार को ब्रह्मानंद नारायणा अस्पताल के न्यूरो सर्जन डॉ. एन परवेज ने कहीं। विश्व स्ट्रोक दिवस के अवसर पर बिष्टुपुर स्थित एक होटल में ब्रह्मानंद अस्पताल द्वारा ब्रेन स्ट्रोक पर सेमिनार आयोजित किया गया। उन्होंने कहा कि ब्रेन स्ट्रोक से देश में प्रति वर्ष एक हजार में से 1.54 व्यक्ति की मौत हो जाती है। इसमें रक्त संचरण में रूकावट आने के कुछ ही मिनटो में मस्तिष्क की कोशिकाएं मृत होने लगती हैं क्योंकि ऑक्सीजन की सप्लाई रूक जाती है और मस्तिष्क को रक्त पहुंचाने वाली नलिकाएं फट जाती हैं। इस कारण लकवा, याददाश्त जाने की समस्या, बोलने में असमर्थता जैसी स्थिति होने की संभावना होती है। इसके प्रति लोगों को जागरूक होना होगा। इस अवसर पर शहर के कई चिकित्सक उपस्थित थे।
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ब्रेन स्ट्रोक के लक्षण
डॉ. एन परवेज ने बताया कि इसके लक्षण अलग-अलग होते है। कई बार तो मरीजों को पता ही नहीं चलता कि वह ब्रेन स्ट्रोक का शिकार हुआ है।
- मांसपेशियों का विकृत हो जाना।
- हाथों और पैरों में कमजोरी महसूस होना।
- सिर में तेज दर्द होना।
- देखने में परेशानी।
- याद्दाश्त कमजोर हो जाना।
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क्या है कारण
मस्तिष्क को रक्त पहुंचाने वाली नलिकाओं के क्षतिग्रस्त होने के कारण या उनके फट जाने के कारण ब्रेन अटैक होता है। इन नलिकाओं के क्षतिग्रस्त होने का मुख्य कारण आर्टियो स्क्लेरोसिस है। इसके कारण नलिकाओं की दीवारों में वसा, संयोजी उत्तकों, क्लॉट, कैल्शियम या अन्य पदार्थो का जमाव हो जाता है। इस कारण नलिकाएं सिकुड़ जाती हैं।
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