हजारीबाग में टॉर्च की रोशनी में बंध्याकरण ऑपरेशन, सरकारी स्वास्थ्य व्यवस्था पर बड़ा सवाल
हजारीबाग के केरेडारी सीएचसी में बंध्याकरण ऑपरेशन के दौरान लापरवाही सामने आई। टॉर्च की रोशनी में महिलाओं का ऑपरेशन किया गया, जिससे स्वास्थ्य तंत्र पर स ...और पढ़ें
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टॉर्च जलाकर किया जा रहा ऑपरेशन। (जागरण)
संवाद सूत्र, केरेडारी (हजारीबाग)। प्रखंड मुख्यालय स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में महिला बंध्याकरण ऑपरेशन के दौरान सामने आई घोर लापरवाही ने पूरे स्वास्थ्य तंत्र की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
शनिवार को आयोजित बंध्याकरण ऑपरेशन शिविर में दो से तीन महिलाओं का ऑपरेशन मोबाइल टॉर्च की रोशनी में किए जाने की बात सामने आई है, जिससे क्षेत्र में आक्रोश और चिंता का माहौल है।
जानकारी के अनुसार शिविर में प्रखंड के विभिन्न गांवों से आई दर्जनों महिलाओं का ऑपरेशन किया जा रहा था। इसी दौरान ऑपरेशन थिएटर की बिजली अचानक गुल हो गई।
हैरानी की बात यह है कि सीएचसी में डीजल जेनरेटर की सुविधा उपलब्ध होने के बावजूद तत्काल वैकल्पिक व्यवस्था नहीं की गई और कुछ महिलाओं का बंध्याकरण ऑपरेशन टॉर्च की रोशनी में ही कर दिया गया। यह लापरवाही न केवल चिकित्सा मानकों का खुला उल्लंघन है, बल्कि महिलाओं की जान को सीधे खतरे में डालने जैसा है।
स्वास्थ्य विभाग के इस कार्य पर स्थानीय लोगों का कहना है कि बंध्याकरण जैसा संवेदनशील और जोखिमपूर्ण ऑपरेशन पूरी रोशनी, आधुनिक उपकरण और सुरक्षित माहौल में किया जाना चाहिए। इसके बावजूद अंधेरे में ऑपरेशन किया जाना यह दर्शाता है कि सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों में जिम्मेदारी और संवेदनशीलता का घोर अभाव है।
जब संसाधन मौजूद हैं, तो उनका उपयोग क्यों नहीं किया गया, यह सबसे बड़ा सवाल बनकर उभरा है। हालांकि तीन-चार ऑपरेशन करने के बाद जब हो हल्ला मचा तो फिर जेनरेटर चालू कर बिजली व्यवस्था बहाल की गई।
मामले को लेकर सीएचसी के प्रभारी चिकित्सक डॉ. नफीस अंजुम ने स्वीकार किया कि यह घटना कर्मियों की उदासीनता और लापरवाही का परिणाम है। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य केंद्र में सभी आवश्यक सुविधाएं मौजूद हैं और पूरे प्रकरण की जांच की जा रही है। दोषी कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
टार्च की रोशनी में ऑपरेशन करने वालों की जांच कर दोषियों पर कार्रवाई करे प्रशासन : सां
सांसद मनीष जायसवाल ने राज्य सरकार और स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी पर जोरदार हमला बोलते हुए केरेडारी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में टॉर्च की रोशनी में बंध्याकरण ऑपरेशन किए जाने की वायरल घटना को आधार बनाते हुए सांसद ने राज्य की स्वास्थ्य व्यवस्था को ऑल टाइम लो करार दिया।
साथ ही इसे सरकारी स्वास्थ्य तंत्र की भयावह तस्वीर भी पेश करने वाला बताया। उन्होंने आशंका जताई कि जिस तरीके से ऑपरेशन किया जा रहा था, उसमें संभवतः कोई योग्य डॉक्टर भी मौजूद नहीं था। यह सीधे तौर पर महिलाओं की जान के साथ खिलवाड़ है और चिकित्सा मानकों का खुला उल्लंघन है।
मामले को लेकर सांसद जायसवाल ने स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी से इस मामले की उच्चस्तरीय जांच कराने और दोषी कर्मियों व अधिकारियों के खिलाफ अविलंब कठोर कार्रवाई करने की मांग की। सांसद ने कहा कि मंत्री केवल बयानबाजी में व्यस्त हैं, जबकि जमीनी हकीकत बेहद चिंताजनक है।
मामले की जांच मैंने स्वयं केरेडारी पहुंच कर अपने स्तर से किया है। वायरल वीडियो एक सहिया के द्वारा दुर्भावना से प्रेरित होकर बनाया गया है। वहीं, बिजली जाने और चेंजर बदलने के बीच समय में सहिया के द्वारा बनाया गया यह वीडियो विभाग को बदनाम करने की साजिश है। जहां तक रही डॉक्टर के नहीं रहने की बात तो जिस काट सर्विस यानि ग्रीन यूथ फाउंडेशन के द्वारा बडकागांव में ऑपरेशन किया गया है, वही टीम के द्वारा केरेडारी में भी ऑपरेशन किया गया है। ऐसे में डाक्टर के नहीं रहने का आरोप सरासर गलत है। विभाग लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराने के लिए हमेशा तत्पर है।
डॉ. अशोक कुमार, सिविल सर्जन, हजारीबाग।

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