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    फर्जी एसीबी पदाधिकारी बता पुलिस ने दबोचा, कोर्ट में पेशी के दौरान एक आरोपित वकील निकला,अधिवक्ताओं का फूटा आक्रोश, दारोगा से मारपीट

    Updated: Thu, 11 Sep 2025 09:19 PM (IST)

    हजारीबाग पुलिस ने फर्जी एंटी करप्शन ब्यूरो गिरोह का खुलासा करने का दावा करते हुए चार लोगों को हिरासत में लिया। गुरुवार को कोर्ट में पहुंचने पर मामले ने नया मोड़ ले लिया। गिरफ्तार किए गए चार आरोपितों में एक अधिवक्ता निकला। पेशी के दौरान उसने आरोप लगाया कि पुलिस उसे घर से उठा लाई है और जमकर पिटाई की है।

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    फर्जी एसीबी बनकर वसूली करने का आरोप लगा पुलिस ने एक वकील को भी दबोच लिया, विरोध में हंगामा।

    संस, हजारीबाग । हजारीबाग पुलिस ने फर्जी एंटी करप्शन ब्यूरो गिरोह का खुलासा करने का दावा करते हुए चार लोगों को हिरासत में लिया। गुरुवार को कोर्ट में पहुंचने पर मामले ने नया मोड़ ले लिया।

    गिरफ्तार किए गए चार आरोपितों में एक अधिवक्ता निकला। पेशी के दौरान उसने आरोप लगाया कि पुलिस उसे घर से उठा लाई है और जमकर पिटाई की है।

    यह सुनते ही अधिवक्ता आगबबूला हो गए और कोर्ट परिसर में ही हंगामा शुरू कर दिया। मजिस्ट्रेट आलोक कुमार के समक्ष पेशी के दौरान आरोपित अधिवक्ता की बात सुनते ही वकील भड़क गए।

    अधिवक्ताओं ने नारेबाजी शुरू कर दी और 2018 बैच के अनुसंधान पदाधिकारी एसआइ को कठघरे में खड़ा करने की मांग करने लगे। माहौल पूरा गरम हो गया। कोर्ट परिसर में अफरा-तफरी मच गई। सैकड़ों अधिवक्ता जमा हो गए।

    कोर्ट चेंबर में अनुसंधान पदाधिकारी से मारपीट

    गुस्साए अधिवक्ताओं ने अनुसंधान पदाधिकारी को कोर्ट चेंबर में बुलवाया। आरोप है कि अधिवक्ताओं ने दारोगा को पहुंचते ही लप्पड़ थप्पड़ शुरू कर दी। स्थिति बेकाबू होती देख पदाधिकारी किसी तरह भाग निकले।

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    इस दौरान कोर्ट में भारी तनाव का माहौल बन गया। अधिवक्ताओं ने भी पुलिस पर मारपीट का आरोप लगाया है। घटना के बाद कोर्ट कैंपस को छावनी में तब्दील कर दिया गया है। भारी संख्या में पुलिस बल को तैनात किया गया है।

    हथकड़ी और बार-बार पेशी पर आपत्ति

    अधिवक्ताओं का आरोप है कि आलोक कुमार को हथकड़ी लगाकर कोर्ट में पेश किया गया, जबकि वह अधिवक्ता है। इसके अलावा पुलिस ने उसे दो दिनों तक हिरासत में रखकर पूछताछ के नाम पर जानवरों सा व्यवहार किया।  मारपीट भी की। यह कानून का उल्लंघन है।

    आरोप लगाया कि जब आरोपित ने कहा कि वह अधिवक्ता है तो पुलिस ने उसकी सबसे ज्यादा पिटाई की। बार के सचिव (प्रशासनिक) दीपक कुमार पासवान का कहना है कि अगर मारपीट में संलिप्त दारोगा व अनुसंधान कर्मी पर कार्रवाई नहीं होती है तो अधिवक्ता शुक्रवार को पेन डाउन भी कर सकते हैं।

    धरने पर बैठे अधिवक्ता, जाम में फंसे न्यायिक पदाधिकारी

    गुस्साए अधिवक्ता कोर्ट परिसर में ही धरने पर बैठ गए और अनुसंधान पदाधिकारी पर कार्रवाई की मांग करने लगे। बड़ी संख्या में वकीलों के जुटने से कोर्ट कैंपस में जाम की स्थिति उत्पन्न हो गई। यहां तक कि न्यायिक पदाधिकारी भी जाम में फंस गए। समाचार लिखे जाने तक अधिवक्ताओं का धरना जारी था।

    क्या है पूरा मामला

    पुलिस को पदमा के सरैया निवासी ग्रामीणों ने फर्जीवाड़ा और उगाही मामले में चार लोगों को पकड़ कर सौंपा था। ये लोग स्कार्पियो पर एसीबी का नकली बोर्ड लगाकर कटकमसांडी और पदमा क्षेत्र में मेडिकल दुकानदारों से अवैध वसूली कर रहे थे।

    ग्रामीणों ने संदिग्ध गतिविधियां भांपकर आरोपितों को पकड़ कर पुलिस को सौंपा था। इसी मामले में अधिवक्ता की गिरफ्तारी हुई, जिस पर अब विवाद गहराता जा रहा है।

    पुलिस किसी भी अधिवक्ता पर कोई आरोप लगाती है तो बिना उचित जांच के कार्रवाई न करे। पुलिस और अधिवक्ता दोनों वर्दी में हैं। ऐसे में यह जरूरी है कि बिना जांच कोई कदम नहीं उठाया जा सके।

    - राजकुमार राजू, अध्यक्ष , हजारीबाग बार संघ