उत्तम शौच धर्म के रूप में मना पर्युषण महापर्व का चौथा दिन
जासं हजारीबाग कोरोना महामारी के कारण मंदिर बंद होने के कारण देव शास्त्र गुरु के च
जासं, हजारीबाग : कोरोना महामारी के कारण मंदिर बंद होने के कारण देव शास्त्र गुरु के चरणों का सानिध्य, आराधना करना पूर्णत: बंद है। भक्तगण अपने-अपने घर से लाइव दशलक्षण पर्युषण महापर्व का लाभ ले रहे है। इस क्रम में चौथे दिन बुधवार को प्रात: दोनों दिगंबर जैन मंदिर में श्रीजी का अभिषेक व शांतिधारा किया गया। विद्वान पंडित दीपक शास्त्री ने भक्तगण को संबोधित करते हुए फेसबुक लाईव, वेबीनार के माध्यम से कहा कि आज उत्तम शौच धर्म का दिन है। शौच धर्म पवित्रता का प्रतीक है। यह पवित्रता संतोष के माध्यम से आती है। जैसे जैसे लाभ व्यक्ति का होता है वैसे-वैसे लोभ बढ़ता जाता है। लोभ से इच्छा और इच्छा से तृष्णाएं बढ़ती है, जिसकी पूर्ति कर पाना कभी भी संभव नहीं है। लोभ पाप का बाप है। संपूर्ण अनर्थों की जड़, कषायों का जनक है। ऐसे लोभ से मित्रता छोड़कर स्वयं के गुणों की मित्रता करें। अंत में पंडित दीपक जी ने कहा कि क्रोध मान माया और लोग के त्याग से आत्मिक शुद्धता आती है। मीडिया प्रभारी विजय लुहाडिया ने बताया कि कोराना के संक्रमण को दखते हुए लोग घर में ही पूजा-पाठ, तप, साधना, प्रतिक्रमण, भाव पूजा व आरती करके घर को ही मंदिर जिनालय बना रहे है। संध्या में जैन युवा परिषद के द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम जूम मीट के तहत किया गया। ज्ञान सुरभि के विजेता की घोषणा कार्यक्रम संयोजक उप मंत्री विनीत छाबड़ा ने की। प्रथम पुरस्कार रंजना काशलीवाल रफीगंज, द्वितीय वर्षा पाटनी, तृतीय नितिन पाटोदी, चतुर्थ नीतिका पाटोदी व पांचवा पुरस्कार दीपिका पाटनी को मिला। जैन समाज के अध्यक्ष धीरेंद्र सेठी व महामंत्री पवन अजमेरा ने बताया कि 28 सितंबर को सुगंध दशमी का पर्व मनाया जाएगा।
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